Ahmad Rizvi

झूठा प्रचार

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दुनिया भर मे प्रचार और झूठा प्रचार होता रहता है । इस झूठे प्रचार के नकारात्मक (मनफी) प्रभाव से इंसान का बड़ा नुकसान होता रहा है । अक्सर आपने सुना होगा कि एक समुदाय (तबका) अपने नबीयों के बारे मे सच को न जानते हुए झूठा प्रचार करना शुरू कर देते है । इसी तरह हज़रत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैह व आले वसल्लम के खिलाफ जादूगर होने का प्रचार किया गया । आज के दौर की तरह उस समय संचार के माध्यम (means of communication) इतने तेज़ नहीं थे इसके बावजूद मौखिक (ज़बानी) प्रचार के द्वारा एक दूसरे तक बात फैलाते थे उस बात की सच्चाई को जाने बिना या तसदीक किए बिना सच मान लेते थे । अब अल्लाह सुभान व तआला के नबी मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैह व आले वसल्लम के जानशीन अमीर-उल –मोमीनीन के बारे मे जो प्रचार किया गया उसको देखे “ जब हज़रत अली इब्ने हज़रत अबू तालिब पर नमाज़ मे सजदे के दौरान सर पर ज़हर बूझी हुई तलवार से अब्दुर रहमान इब्ने मुलजिम के द्वारा हमला किया और उस ज़ख्म के दौरान हुई शहादत की खबर जब शाम आज का सीरिया मुल्क के लोगों (अवाम ) तक पहुंची तो लोग हैरान होकर पूछते थे कि

इस्राएलका विनाश4:बाइबिल

यह जानते हुए कि इस्राएल के विनाश के बगैर मसीह का दोबारा आना निश्चित नहीं है लगभग मसीह को गए हुए 2000 साल हो चुके हैं ईसाई इंतिहाई मोहब्बत करती है ईसा मसीह से लिहाजा उन्होंने यहुदा अर्थात इस्राएल को देश के रूप मे वजूद मे लाए जैसा कि बाइबल में दिया हुआ है। सन 1948 मैं इसराइल के वजूदी के साथ ही बाइबल में दी गई भविष्यवाणी पूरी हो गई जब यरूशलेम को चारों ओर सेनाओं सेा घिरा हुआ देखो तो समझ जाना उसका मिट जाना निश्चित है यहां पर इस बात पर और गौर करें इस्राएल जैसे मुल्क को अंग्रेज दुनिया में कहीं भी बना सकते थे हारे हुए जर्मन में बनो सकते थे अमेरिका में बनवा सकते थे ऑस्ट्रेलिया में बनवा सकते थे मगर इस्राएल को अरबों के बीच मे कयों स्थापित किया गया उसका सबसे बडा कारण बाइबिल की भविष्यवाणी मे युग के अन्त के बारे मे यहुदा यानी यहुदी और येरूशलेम का विनाश का उल्लेख है।

Comments

Tahsin rizvi said…
As he does sow, so shall reap

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