Posts

Showing posts from March, 2024

Ahmad Rizvi

झूठा प्रचार

Image
दुनिया भर मे प्रचार और झूठा प्रचार होता रहता है । इस झूठे प्रचार के नकारात्मक (मनफी) प्रभाव से इंसान का बड़ा नुकसान होता रहा है । अक्सर आपने सुना होगा कि एक समुदाय (तबका) अपने नबीयों के बारे मे सच को न जानते हुए झूठा प्रचार करना शुरू कर देते है । इसी तरह हज़रत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैह व आले वसल्लम के खिलाफ जादूगर होने का प्रचार किया गया । आज के दौर की तरह उस समय संचार के माध्यम (means of communication) इतने तेज़ नहीं थे इसके बावजूद मौखिक (ज़बानी) प्रचार के द्वारा एक दूसरे तक बात फैलाते थे उस बात की सच्चाई को जाने बिना या तसदीक किए बिना सच मान लेते थे । अब अल्लाह सुभान व तआला के नबी मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैह व आले वसल्लम के जानशीन अमीर-उल –मोमीनीन के बारे मे जो प्रचार किया गया उसको देखे “ जब हज़रत अली इब्ने हज़रत अबू तालिब पर नमाज़ मे सजदे के दौरान सर पर ज़हर बूझी हुई तलवार से अब्दुर रहमान इब्ने मुलजिम के द्वारा हमला किया और उस ज़ख्म के दौरान हुई शहादत की खबर जब शाम आज का सीरिया मुल्क के लोगों (अवाम ) तक पहुंची तो लोग हैरान होकर पूछते थे कि

झूठा प्रचार

Image
दुनिया भर मे प्रचार और झूठा प्रचार होता रहता है । इस झूठे प्रचार के नकारात्मक (मनफी) प्रभाव से इंसान का बड़ा नुकसान होता रहा है । अक्सर आपने सुना होगा कि एक समुदाय (तबका) अपने नबीयों के बारे मे सच को न जानते हुए झूठा प्रचार करना शुरू कर देते है । इसी तरह हज़रत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैह व आले वसल्लम के खिलाफ जादूगर होने का प्रचार किया गया । आज के दौर की तरह उस समय संचार के माध्यम (means of communication) इतने तेज़ नहीं थे इसके बावजूद मौखिक (ज़बानी) प्रचार के द्वारा एक दूसरे तक बात फैलाते थे उस बात की सच्चाई को जाने बिना या तसदीक किए बिना सच मान लेते थे । अब अल्लाह सुभान व तआला के नबी मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैह व आले वसल्लम के जानशीन अमीर-उल –मोमीनीन के बारे मे जो प्रचार किया गया उसको देखे “ जब हज़रत अली इब्ने हज़रत अबू तालिब पर नमाज़ मे सजदे के दौरान सर पर ज़हर बूझी हुई तलवार से अब्दुर रहमान इब्ने मुलजिम के द्वारा हमला किया और उस ज़ख्म के दौरान हुई शहादत की खबर जब शाम आज का सीरिया मुल्क के लोगों (अवाम ) तक पहुंची तो लोग हैरान होकर पूछते थे कि

बिन्ते रसूल उल्लाह

Image
बिन्ते रसूल उल्लाह आज हम इस बात पर और कुछ तथ्यों के आधार पर जानना चाहते है कि जब “ बाग़-ए-फ़ीदक” को कब्ज़े मे ले लिया गया था तो इसके बाद हज़रत बिन्ते रसूलउल्लाह सल्लल्लाहो अलैह व आले वसल्लम ने दरबार जाकर अपने दावे को मज़बूती से रखा आप सलामउल्लाह अलैह यह जानती थी कि जिसने उनके हक़ पर क़ब्ज़ा किया है वो उनके हक़ को वापस करने वाले नहीं है ? दूसरा सवाल यह है कि जनाबे उम्मे अबीहा सलामउल्लाह अलैह ने जो गवाह पेश किए गए उनको रद्द क्यों किया गया और अगर उन गवाहों को तस्लीम कर लिया जाता तो प्रभाव क्या होता ? बिन्ते रसूलउल्लाह सल्लल्लाहो अलैह व आले वसल्लम का मर्तबा क्या है और उस मरतबे को अल्लाह सुभान व तआला रसूलउल्लाह सल्लल्लाहो अलैह व आले वसल्लम ने बताया है वो क्या है ? 1. रसूलउल्लाह सल्लल्लाहो अलैह व आले वसल्लम की रिसालत की गवाही देने वाला मुसलमान है । 2. ईमान वाला और मोमीन तब होता है जब वो अपनी जान – माल औलाद माँ बाप से ज्यादा अज़ीज़ और अपनी जान को अपने नबी रसूलउल्लाह सल्लल्लाहो अलैह व आले वसल्लम पर कुर्बान कर दे । 3. अल्लाह सुभान व तआला के नबी रसूलउल्लाह सल्लल्लाहो अलैह व आले वसल्लम को जब अरब

तंगनज़री

Image
एक हदीस के द्वारा आखरी दौर मे खुरासान से उठने वाले काले झंडे वालों की बशारत दी गई जिसके द्वारा बैतुल मुक़द्दस की फतह का ज़िक्र किया गया । खुरासान के अन्तर्गत ईरान का उत्तर पूर्व का कुछ क्षेत्र अफगानिस्तान का कुछ हिस्सा और बलोचिस्तान का कुछ क्षेत्र आता है । वर्तमान मे खुरासान नाम का एक प्रांत ईरान मे है । बिरादर इस्लाम के फ़िरको मे से बहुत सारे ऐसे आलिम है जो अफगानिस्तान और बलोचिस्तान का उल्लेख करने से कतराते है और उसको नजरंदाज करते है और इस नजरंदाज करने का कारण है कि ईरान उनके मसलक से ताल्लुक नहीं रखता है । इन आलिमों के द्वारा अपने मसलक के लोगों की खिदमत को फख्र के साथ बयान नहीं कर सकते । बतौर नज़ीर इन मसलक वालों का जेहाद अब तक आतंकी इस्राइली यहूदी के खिलाफ नहीं था नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी आर्गेनाईजेशन (NATO) के खिलाफ नहीं था। इनका जेहाद इस्लाम के तमाम मानने वालों के ही खिलाफ था वो भी किसी शैतानी ताकतों के खिलाफ जेहाद नहीं था बल्कि इनका जेहाद शैतानी ताकतों के साथ मिलकर लड़ना था । शैतानी ताकते जो खुद को ईसाई भी कहती है वो ईसाई धर्म के उपदेश और अमल के मनाफी (व

सुभान अल्लाह

सुभान अल्लाह सुभान अल्लाह को ही उर्दू ज़बान मे पाक अल्लाह कहा जाता है । सुभान अल्लाह के विर्द करने का बड़ा सवाब है । अल्लाह पाक है तो उसकी पाकीज़गी किन चीज़ों से है । उसको बहुत से लोग जानते है और बहुत से लोग नहीं जानते है । उसको सभी तक जानने का अधिकार है और सब तक पहुंचना चाहिए । 1. बहुत सारे झूठे मआबूदो (आराध्य) और खुदाओ को खाना खाने और पीने की ज़रूरत पड़ती है और अल्लाह सुभान व तआला को खाने पीने की ज़रूरत नहीं है। यह उसकी पाकीज़गी बयान करती है । 2. बहुत सारे झूठे मआबूदों और खुदाओ मे जान नहीं है उनमे जान फूंकी (प्राण प्रतिष्ठा ) की जाती है और उसकी पैदा की हुई किसी चीज़ मे यह सलाहियत (योग्यता) नहीं हो सकती कि अपने आराध्य (मआबूद ) मे जान डाले क्योंकि अल्लाह सुभान व तआला ही इरशाद फरमाता है कि अल्लाहों ला इलाहा इल्लल्लाह हुवल हययुल कययुम (अल्लाह, नहीं है कोई इलाहा सिवाय अल्लाह के वो ज़िन्दा कायम है ) 3. बहुत सारे झूठे मआबूदों और खुदाओ को समय – समय पर सुलाया और जगाया जाता है जबकि अल्लाह पाक है सोने और जागने से अल्लाह सुभान व तआला का इरशाद है कि उसे न ऊंघ आती है न उसे नींद आती है । 4. बहुत सारे झ

असहाब या सहाबी

असहाब या सहाबी असहाब अरबी शब्द है जिसके मायने साथी के है । मुकक़द्दस किताब क़ुरान मजीद मे सूरे कहफ मे असहाब कैफ का उल्लेख है । कुछ दोस्त साथी असहाब या सहाबी ऐसे होते है जो अपने दोस्त पर जान माल कुर्बान करने वाले होते है और कुछ ऐसे दो नम्बरी होते है जो अपने कारनामे के ज़रिए से मालूम होता है कि दुश्मन उनका कारनामा तो दोस्तवाला नहीं होता है हमदर्दी वाला नहीं है वफादारी वाला नहीं है लेकिन जब तक वो कोई कारनामा नहीं करते है तब तक वो अपने को दोस्त हमदर्द वफादार जानिसार दिखाते रहते है अपने चाहने वालों को भी ऐसा प्रचार करते रहने के लिए कहते रहते है । अल्लाह सुभान व तआला ने कुरान मजीद मे जिन सूरे और आयतों को नाज़िल किया है उनके बड़े महफ़ूम है उसके बड़े अर्थ है उसमे बड़ी निशानियाँ (प्रमाण) है । हर नबी सलामउल्लाह अलैह और पैगंबर के साथ क्या गुज़री और उसकी क्या निशानी है । हज़रत ईसा मसीह अलैहिस सलाम के हवारी (साथी) / असहाब मे से एक सहाबी को मुनकिर (इंकार करने वाले या झुठलाने वाले) का होना था और उसके बारे मे जिस अज़ाब का ज़िक्र अल्लाह के रसूल ईसा मसीह ने दिया। आसमान से दस्तख्वान मंगाने के लिए कहा गया ज