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Showing posts from September, 2023

Ahmad Rizvi

झूठा प्रचार

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दुनिया भर मे प्रचार और झूठा प्रचार होता रहता है । इस झूठे प्रचार के नकारात्मक (मनफी) प्रभाव से इंसान का बड़ा नुकसान होता रहा है । अक्सर आपने सुना होगा कि एक समुदाय (तबका) अपने नबीयों के बारे मे सच को न जानते हुए झूठा प्रचार करना शुरू कर देते है । इसी तरह हज़रत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैह व आले वसल्लम के खिलाफ जादूगर होने का प्रचार किया गया । आज के दौर की तरह उस समय संचार के माध्यम (means of communication) इतने तेज़ नहीं थे इसके बावजूद मौखिक (ज़बानी) प्रचार के द्वारा एक दूसरे तक बात फैलाते थे उस बात की सच्चाई को जाने बिना या तसदीक किए बिना सच मान लेते थे । अब अल्लाह सुभान व तआला के नबी मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैह व आले वसल्लम के जानशीन अमीर-उल –मोमीनीन के बारे मे जो प्रचार किया गया उसको देखे “ जब हज़रत अली इब्ने हज़रत अबू तालिब पर नमाज़ मे सजदे के दौरान सर पर ज़हर बूझी हुई तलवार से अब्दुर रहमान इब्ने मुलजिम के द्वारा हमला किया और उस ज़ख्म के दौरान हुई शहादत की खबर जब शाम आज का सीरिया मुल्क के लोगों (अवाम ) तक पहुंची तो लोग हैरान होकर पूछते थे कि

खलीफा

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खलीफा का शाब्दिक अर्थ प्रतिनिधि, स्थानापन्न, नायब कहते है खलीफा उसे कहते है जो किसी की दी हुई मालिकाना मे उसके दिए हुए अधिकारों का प्रयोग उसके आदेशानुसार करे । खलीफा स्वामी और मालिक नहीं होता उसका काम केवल मालिक के आदेशों का पालन करना और उसकी इच्छा को पूरा करना होता है। अल्लाह ने अपना खलीफा तकर्रूर (नियुक्त )करने के लिए क़ुरान मजीद का सूरा बकरा आयत 30 मे इरशाद फरमाया है कि “इन्नी ज़ाएरतुन फिल खलीफा” मै ज़मीन मे खलीफा तकर्रूर करने वाला हूँ “ फरिश्तों ने कहा “क्या उस मे तू उसे तकर्रूर करेगा जो उसमे फसाद पैदा करेगा और खून खराबा करेगा हम तेरी तारीफ के साथ तसबीह व तकदीस करते रहते है अल्लाह ने इरशाद फरमाया कि मै वो जानता हूँ जो तुम नहीं जानते । और उसने आदम को सारे नाम सिखाए फिर उनको फरिश्तों के सामने पेश किया, और कहा : तुम मुझे इनके नाम बताओ यदि तुम सच्चे हो । फ़रिश्ते बोले ! पाक है ! हमे तो बस उतना ही इल्म है जितना इल्म तूने हमे दिया है । निसन्देह तू ही इल्म वाला और हिकमत वाला है । कहा : या आदम ! तुम इनको इनके नाम बताओ , जब उस ने उन्हे उनके नाम बताये तो उसने कहा : क्य