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Showing posts from March, 2021

Ahmad Rizvi

झूठा प्रचार

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दुनिया भर मे प्रचार और झूठा प्रचार होता रहता है । इस झूठे प्रचार के नकारात्मक (मनफी) प्रभाव से इंसान का बड़ा नुकसान होता रहा है । अक्सर आपने सुना होगा कि एक समुदाय (तबका) अपने नबीयों के बारे मे सच को न जानते हुए झूठा प्रचार करना शुरू कर देते है । इसी तरह हज़रत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैह व आले वसल्लम के खिलाफ जादूगर होने का प्रचार किया गया । आज के दौर की तरह उस समय संचार के माध्यम (means of communication) इतने तेज़ नहीं थे इसके बावजूद मौखिक (ज़बानी) प्रचार के द्वारा एक दूसरे तक बात फैलाते थे उस बात की सच्चाई को जाने बिना या तसदीक किए बिना सच मान लेते थे । अब अल्लाह सुभान व तआला के नबी मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैह व आले वसल्लम के जानशीन अमीर-उल –मोमीनीन के बारे मे जो प्रचार किया गया उसको देखे “ जब हज़रत अली इब्ने हज़रत अबू तालिब पर नमाज़ मे सजदे के दौरान सर पर ज़हर बूझी हुई तलवार से अब्दुर रहमान इब्ने मुलजिम के द्वारा हमला किया और उस ज़ख्म के दौरान हुई शहादत की खबर जब शाम आज का सीरिया मुल्क के लोगों (अवाम ) तक पहुंची तो लोग हैरान होकर पूछते थे कि

Consequence of iran attack

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First of all you all know that iraq is four time small than iran ,american and his allies beated in iraq afghanistan and syria,any mistake of america and his allies create huge disaster to middle east . Israel not only will come under threat but can have possible to eliminate from the world.since 2006 when israel was defeated from hizbollah. A huge conspiracy hatched by all western countries and constituted terrorist organisation called ISIs ,according to plan ISIS was to capture iraq and syria after that those army was set up in afghanistan was also attacked on iran.but due to many reason american and his allies disguised in ISIS was defeated.another reason russia who was divided in many countries was not prepare to establish american and his allies,in this time russian took interest middle east as well as europe as to ukraine http://issue.so american army became weaken. If american desire to attack on iran must have prepared as to military. Iran is also know that is give any chance t

Great leader of the world

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Iranian supreme leader ayatollah ali khamnai is the best leader of the world because of lot of reason 1.western countries sanctioned failed. 2. Western military option has been weaken. 3,isis terrorism organisation created by western countries made unsuccessful by iranian tactics. 4. Conspiracy against iran hatched by western countries and was intended to attack ,was failed by iran. 5.israel come into fear after defeating 2006 hizbollah israel war. 6.defeating of western countries in syria,and huge man power of western countries elimanated and military western warfare destroyed. 7.afghanistan iraq syria and other parts of middle east bring danger the life of western countries.

Kim jong un supreme leader of north korea

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Supreme leader of north korea kim jong-un is very good person in perpective of north korea but is not good in view of america. On account of those quality he is hero of north korea the same quality hit the america so in view of america is bad north korea. A very small country who achieve atomic weapon and delivery system to drop atomic weapon ,despite it north korea prepared missile by his own Efforts this efforts succeeded to hit the american and european 부동산쉼터 : 네이버 블로그 is great person in north korea but villain is in eye of american.

Uighur muslim

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As a Muslim, how much do you believe that Muslims (Uygur) in Xinjiang China is being genocide as the US/West media said? As a muslim we do not believe in western media because of many reason. First what did you do in myanmar rohingya genocide.second us and his allies have more massacred in afghanistan iraq and syria along with yemen so us and his allies are supporter of humanity or uighur is totally wrong.this is only pretend to stand against china ,and may instigate to muslim ,muslim menpower may stand against the china so that bloodshed of muslim can become and killing two birds with one stone ,first target will achieve to muslim massacre second china progress will decrease or stop third will split the china.this main aim is of U.S.and his allies.

Is it true that the US hegemony is in decline or not

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Is it true that the US hegemony is in decline? https://policyoptions.irpp.org/magazines/march-2021/joe-bidens-bloc-wars-and-the-next-chapter-in-the-america-first-doctrine/ Yes,it is true that us hegemony has been declined. Main allies like iraq and other countries toppled by america and one who presided there ,is not believe on america And his allies.america lost his main allies pakistan ,pakistan sat on lap on russia and china.many other things happens when american remained on keep silent entire muslim world lost trust on america specially muslim people,people saw america condemned dictatorship but american relation remained very best with dictator,so no one person do trust america and his allies.nuclear deal with iran and 5+1but without any reason america quit from nuclear deal http://treaty.so American lost credibility,one another things happens with united kingdom when iran seized u.k. ship in response of iranian ship seized by u.k. terrorist organistation daesh I.S.I.S. was creat

जिन्ना भारत मे विलेन और पाकिस्तान मे हीरो क्यों है:2

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जिन्ना को इण्डिया मे विलेन इसलिए समझा जाता है कि उन्होने भारत का बटवारा मजहब के आधार पर किया इसके बाद मुस्लिम बाहुल्य जम्मू और कश्मीर जिसके हिन्दू राजा हरि सिंह पर आक्रमण करके उसका बहुत बड़ा क्षेत्रफल कब्जा कर लिया इस प्रकार जिन्ना की कश्मीर पर आक्रमण करने से एक ओर जमीनी सीमा जो अफगानिस्तान से लगती थी उसको भारत से अलग कर दिया अब अफगानिस्तान और सेंट्रल एशिया मे पहुँचने के लिए 3 रूट है एक रूट जमीनी और हवाई पाकिस्तान से होकर जाता है दूसरा रूट चाइना के सिंकियांग प्रांत से होकर जाता है तीसरा रूट समुद्र से ईरान के रास्ते जिसे चाबाहर पोर्ट कहते है,के मार्ग से अफगानिस्तान पहुंचा जा सकता है,कश्मीर पर इस आक्रमण से जहां पाकिस्तान की सीमा आज़ादी के समय पूरब मे भारत से मिलती थी अब वो सीमा चीन से मिल चुकी है इस प्रकार जिन्ना ने 15 अगस्त 1947 से अपनी मौत अर्थात 11 सितम्बर 1948 मात्र 13 माह मे भारत को बहुत बड़ा नुकसान पहुंचाकर दुनिया से अलविदा हो गए।

जिन्ना भारत मे विलेन और पाकिस्तान मे हीरो क्यों है: 1

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मोहम्मद अली जिन्ना काँग्रेस मे लीडर रह चुके है, सन 1906 मे गठित मुस्लिम लीग जिसका जिन्ना ने गठन का विरोध किया था,सन 1913 मे मुस्लिम लीग मे सम्मिलित हो गए,और वहाँ अपना LEADERSHIP का रोल अदा किया ,ब्रिटिश भारत के दो टुकड़े कराने मे मुख्य भूमिका निभाई इंडियन पारटिशन एक्ट 1947 मे यूनाइटेड किंगडम की संसद मे पारित किया गया। इस बटवारे मे दो आज़ाद देश भारत और पाकिस्तान का निर्माण हुआ पश्चिमी पाकिस्तान जो वर्तमान मे पाकिस्तान है और बंगाल का विभाजन जो सन 1905 मे अंग्रेज़ो द्वारा किया गया था,उसे पूर्वी पाकिस्तान जो 1971 मे पाकिस्तान से आज़ाद होकर बांग्लादेश के नाम से स्वतन्त्र देश बना। जिन्ना पाकिस्तान के प्रथम गवर्नर जनरल बने जबकि इण्डिया का प्रथम गवर्नर जनरल कोई भारतीय न होकर अन्तिम अंग्रेज़ वाइस रॉय लॉर्ड माउन्ट बेटेन को बनाया गया।जिन्ना ने बटवारा कराया और TRANSFER आबादी की मांग रखा था जिसे अंग्रेज़ो के द्वारा ठुकरा दिया गया था ,मुस्लिमो की ट्रान्सफर आबादी की मांग को ठुकरा दिया , इसके कई कारण थे इससे जिन्ना ब्रिटिश इण्डिया के बहुत बड़े भाग को पाकिस्तान बनाना चाहते थे इसके अलावा बहुत बड़ी संख्या मे मुस

ज़िन्ना भारत मे विलेन और पाकिस्तान मे हीरो क्यों है :3

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ज़िन्ना पाकििस्तान के पृथम governor general कायदे आज़म के रूप मे हमेशाा के लिए हीरोो बनजिन््नना ने मुस्लिम देश के साथ फौज और अन्य संस्थाओ को मज़बूत किया और यह बहुत हैरान करने वाली घटना थी कि अभी आज़ादी हुए ज़्यादा समय भी नहीं बीता कि उन्होने जम्मू और कश्मीर मे आकृमण करके जो सीमा अफगानिस्तान से जम्मू और कश्मीर की मिलती थी उसे विच्छेद कर दिया और अपनी सीमा को चीन से मिला दिया। इस प्रकार जिन्ना भारत को जो ज़ख्म दे गए है वह उन्हें भारतीयों के मध्य विलेन और पाकिस्तान मे हीरो बनाता है। अब कीीसीममा सीमा को पुनः अफगानिस्तान सेे मिलानेे व चाइना कीी सीमा से पाााकिस्तान की सीीीमा मको खत्मम करने के लिए पुनः उस क्षेत्र कोो आज़ाद कराना होगा

जेहाद और लव जेहाद:2

हद तो तब हो गयी जब उत्तर प्रदेश के डासना मे मन्दिर के मशहूर सन्त यति नरसिंहानन्द सरस्वती ने अपने एक बयान जिसका विडियो वाइरल हो चुका है उसने इण्डिया के माथे पर धब्बा लगाने मे कोई कोर कसर नहीं छोड़ी,जिसने इण्डिया को मिसाइलो से पाट दिया ,एरोस्पेस मे बड़ा योगदान दिया ,पोखरण 2 मे अटॉमिक विस्फोट मे बड़ा योगदान दिया ,उन्हेयति नरसिंहानन्द सरस्वती ने आतंकी जेहादी करार दिया, ये जेहादी का टाइटल उन्हे मुसलमान होने की बिना पर दिया गया है,इससे उनकी मानसिकता का पता चलता है कि एक मुसलमान देश के लिए कुछ भी कर दे कितनी बड़ी पोस्ट पर हो राष्ट्रपति ही क्यों न रहा हो मगर मुसलमान होने के नाते उनको सम्मान जो दिया जाता है वह विश्व समुदाय को ध्यान मे रखकर और राजनीतिज्ञ उद्देश्यों की पूर्ति के लिए किया जाता है,वरना हक़ीक़त दिल की बाहर आ चुकी है इस तरह हम सब लोग देखते है कि मुसलमान और इस्लाम को निशाना बनाने मे न केवल राजनीतिज्ञ बल्कि धार्मिक लोग भी बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे है यानी मुस्लिमो की मुक़द्दस किताब कुरान मजीद मे दिये गए जेहाद को बदनाम करने और निशाना बनाने के लिए प्रत्येक वस्तु के साथ जेहाद जोड़ देना और मुसलमानो क

जेहाद और लव जेहाद: 1

जेहाद क्या है इसका प्रयोग इस्लाम मे हुआ है जेहाद का मतलब संघर्ष है,इस्लाम मे जेहाद का अर्थ है ज़ालिम और अत्याचारी लोगो के विरुद्ध संघर्ष करना लेकिन इण्डिया के सूबे/state उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश सरकार जहां भारतीय जनता पार्टी जो राष्ट्रीय स्वमसेवक संघ या आर.एस.एस. की पॉलिटिकल विंग है,की सरकार है , ने जेहाद का अलग ही अर्थ बताया गया है इसमे इस्लाम धर्म और उसके मानने वाले लोगो अर्थात मुस्लिमो को निशाना बनाने मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मुस्लिम लड़के द्वारा किसी अन्य धर्म की लड़की से शादी करने पर और लड़की के परिवार के द्वारा विरोध करने पर उसके खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज़ कराया जा सकता है इसको ही लव जेहाद कहा गया है। इसमे मुस्लिम लड़की द्वारा किसी गैर मुस्लिम लड़के से शादी/विवाह करने पर लव जेहाद नहीं होगा धर्मयुद्ध का शब्द इस्तेमाल नहीं किया गया,क्योंकि धर्मयुद्ध का इस्तेमाल से हिन्दू धर्म की ओर इंगित करता है crusade/ सलीबी युद्ध /मसीही युद्ध नहीं लिखा गया या कहा गया ,यहाँ पर मसीही द्वारा हिन्दू धर्म मे विवाह करके मसीही बनाते है और धर्म परिवर्तन कराकर क्रिश्चियन/ ईसाई बनाते है। यहाँ प

इस्लाम को ऐसे भी त्यागा जा सकता है: 3

आइये इन शब्दो के अर्थ को जानते है: मोमिन: मोमिन वह होता है जो अल्लाह के नूर से देखता है। मुस्लिम: मुस्लिम वह होता है जिसे उसने देखा नहीं है पर उस पर यकीन के साथ ईमान रखता है जैसे अल्लाह , फरिश्ते ,जन्नत ,दोज़ख ,क़यामत और अल्लाह की किताब । मुरतद: वह मुसलमान जो किताब अल्लाह की आयतों का इन्कार करे मुरतद कहलाता है या इस्लाम को छोडकर अन्य मजहब या धर्म को ग्रहण करे। मुनाफिक: इसे हम पाखंडी भी कह सकते है इसका कार्य निफाक या दूरी पैदा करना होता है इसको ऐसे भी समझ सकते है कोई हिन्दू ,सिख,जैन ,ईसाई बौद्ध ,सिर्फ इसलिए इस्लाम मे प्रवेश करता है और मुस्लिम बनता है कि इस्लाम या मुस्लिम को खतरे मे डाला जाए या उसको चोट पहुंचाने का काम कर रहा हो मुनाफिक कहलाता है। वह दिखावटी मुसलमान बना हुआ है भीतर से वह अपने पिछले धर्म या religion को मान रहा है। मुशरीक: ऐसा व्यक्ति जो इस्लाम को नहीं मानता मगर अल्लाह को किसी भी रूप मे तस्लीम/मानता है और उसका शरीक बनाता है जैसे अवतारवाद /incarnation यानी यह मानना कि ईश्वर या अल्लाह मनुष्य के रूप मे या अन्य किसी रूप मे धरती पर उतर आया उसके बाद अल्लाह को छोडकर उसको ही

इस्लाम को ऐसे भी त्यागा जा सकता है: 2

बहुत सारे ऐसे लोग गुज़र चुके है जिसके द्वारा कुरान मजीद पर तनकीद /टिप्पणी की गई या उसे अल्लाह के द्वारा नहीं उतारा गया या उसमे संशोधन की बात की गई वह सब फिर जाने वाले लोग है जिसे काफिर या इन्कार करने वाला कहते है काफिर मुरतद मुशरीक इन सबको यह अधिकार है कि वह अल्लाह के नाजिल की गई किताबों का इन्कार करे ।मगर मुसलमान के लिए ऐसा करना रत्ती भर जाएज़ नहीं है वसीम रिजवी हो ,या तसलीमा नसरीन हो सलमान रुशदी हो या तारिक फतेह हो या अन्य कोई हो ये सब लोग जिन्हे इस्लाम पर अल्लाह के वजूद पर ,अल्लाह के नबी पर अल्लाह की किताब पर शक है उनके लिए विकल्प या option है , वह हिन्दू बन सकते है ,ईसाई बन सकते है ,यहूदी बन सकते है ,जैन बन सकते है ,पारसी बन सकते दुनिया के किसी भी मजहब /धर्म को चुन सकते है मगर इस चुनने मे भी एक शर्त होगी और वह शर्त है उस धर्म का पालन करना पड़ेगा अगर कोई धर्म न चुनना चाहे तो उनके लिए भी एक ऑप्शन या विकल्प है कि वह कोई अल्लाह ,खुदा ,गॉड , भगवान को न मानते हुए नास्तिक या जिसे काफ़िर कहा जाता है बन सकते है वसीम रिजवी द्वारा मुसलमानो मे भेद /निफाक पैदा करने वाली बात की गई जिसमे क

इस्लाम को ऐसे भी त्यागा जा सकता है : 1

प्रत्येक धर्म के अपने अपने अलग सिद्धान्त है उनकी अपनी अपनी किताबे या पुस्तके है जैसे यहूदियों के लिए तौरेत /ओल्ड टेस्टामेंट ज़बूर है ईसाई के लिए इंजील या बाइबिल मुसलमानो के लिए कुरान मजीद ,पारसी के लिए अवेस्ता ,जैनियों के लिए अगम सिखो के लिए गुरुग्रंथ साहब है हिन्दुओ की पवित्र पुस्तक वेद है । सभी धर्मो की पुस्तके अपने धर्म को दैवीय ताकत /शक्ति के द्वारा उतरना बताता है।मुसलमान भी इस पर यकीन रखता है कि अल्लाह के द्वारा चार किताबे नाजिल /उतारी गयी है वह है तौरेत/ओल्ड testament ज़बूर, इंजील/new testament व कुरान मजीद। अब उस अल्लाह पर ईमान रखने वाला मुसलमान या मोमिन को उसके नबी की रिसालत की गवाही देनी है ,अल्लाह की नाजिल/उतारी गयी किताबों पर उसे ईमान लाना है फरिश्तों पर उसे ईमान लाना है साबिक यानी पिछले अंबियाओ /नबियों/पैगम्बरों/रसूलो पर ईमान रखना है ,ईसा ,मूसा दाऊद सुलेमान सालेह शीश ,अय्युब ,इब्राहिम दानिएल नूह आदम से खातम तक ये ईमान जिसे उसने पढ़ा और जाना है बल्कि उन पर भी ईमान लाना है जिसे वह नहीं जानता या पढ़ा है मगर उन नबियों की तालिम या शिक्षा ला इलाहा इल्लललाह हो कोई नहीं है इलाहा/

मौत का सौदागर : 1

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वोट लेने के खातिर श्रीमती सोनिया गांधी द्वारा तत्कालीन मुख्यमंत्री गुजरात नरेन्द्र दामोदर मोदी को मौत का सौदागर कहा गया,दोषियों के लिए special investigation team अर्थात S.I.T.का गठन किया गया जिसका नतीजा ढाक के तीन पात या white elephant साबित हुआ , गोधरा कांड के बाद मुस्लिम कुश फसादात मे तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा दी गयी प्रतिक्रिया देते हुए कहा की क्रिया की प्रतिक्रिया हो रही है दूसरे शब्दो मे कहा जाए तो घटना को जायज़ ठहराया गया अब सवाल यह पैदा हुआ की राज्य का प्रमुख ही जब उसे जायज़ ठहरा रहा हो तो उसे इन फसादात को रोकने मे क्या दिलचस्पी होगी इस तरह मुस्लिम नरसंहार को रोकने की कोशिश न करने पर तत्कालीन प्रधान मंत्री अटल बिहारी बाजपेई द्वारा राज्य धर्म का पालन करने की नसीहत गुजरात सरकार को दी गयी मगर उनके जीते जी किसी ने ये सवाल नहीं पूछा कि अगर तत्कालीन गुजरात सरकार ने राज्य धर्म का पालन नहीं किया तो केन्द्र मे सत्तासीन सरकार ने भी राज्य धर्म का पालन नहीं किया आइये जानते है इन सब बातों के होते हुए क्या दोषियों को सज़ा दी जा सकती थी या नहीं इसके लिए हमे संविधान के अनुच्छेद 361 का अध्

मौत का सौदागर : 2

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भारत का संविधान के अनुच्छेद 361 मे वर्णन इस प्रकार है राष्ट्रपति और राज्यपालों और राजप्रमुखो का संरक्षण - (1) राष्ट्रपति अथवा राज्य का राज्यपाल या राजप्रमुख अपने पद की शक्तियों के प्रयोग और कर्तव्यो के पालन के लिए या उन शक्तियों का प्रयोग और कर्तव्यो का पालन करते हुए अपने द्वारा किए गए या किए जाने के लिए तात्पर्यित किसी कार्य के लिए किसी न्यायालय को उत्तरदायी/answerable नहीं होगा: परन्तु अनुच्छेद 61 के अधीन आरोप के अनवेषण के लिए संसद के किसी सदन द्वारा नियुक्त या अभिहित किसी न्यायालय, अधिकरण या निकाय द्वारा राष्ट्रपति के आचरण का पुनर्विलोकन किया जा सकेगा: परन्तु यह और कि इस खण्ड की किसी बात का यह अर्थ नहीं लगाया जाएगा कि वह भारत सरकार या किसी राज्य की सरकार के विरुद्ध समुचित कार्यवाहीयां चलाने के किसी व्यक्ति के अधिकार को निर्बंधित करती है। (2) राष्ट्रपति या किसी राज्य के राज्यपाल के विरुद्ध उसकी पदावधि के दौरान किसी न्यायालय मे किसी भी प्रकार की फ़ौजदारी कार्यवाही संस्थित नहीं की जाएगी या चालू नहीं रखी जाएगी। (3) राष्ट्रपति या किसी राज्य के राज्यपाल क

बांग्लादेशी घुसपैठिए और बांग्लादेश: 2

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दूसरी सबसे बड़ी बात यह है कि बांग्लादेशी घुसपैठिए का उललेख ज़ोर शोर से किया जाता है जबकि यह मुद्दा बांग्लादेश सरकार के समक्ष आधिकारिक रूप से भारत सरकार ने अभी तक नहीं उठाया अगर यह मुद्दा बांग्लादेश सरकार के साथ उठाया जाता है तो विवाद दो देशो मे होने के कारण अन्तराष्ट्रीय नयायालय, हेग मे भी जा सकता है और संयुक्त राष्ट्र संघ मे मुद्दा उठाया जा सकता है इसलिए इस मुद्दे के राजनीतिक लाभ के लिए बांग्लादेश सरकार के समक्ष नहीं उठाया जाता। इस मुद्दे पर बांग्लादेश से भारत सरकार द्वारा मुद्दा उठाने पर बांग्लादेश से सम्बन्ध खराब हो सकते है। बांग्लादेशी घुसपैठिए के मुद्दे पर बांग्लादेश की कोई भी सरकार भारत सरकार के साथ या समर्थन मे खुलकर नहीं आ पाएगी और जो सरकार ऐसा करेगी राजनीतिक भविष्य खतरे मे पड़ जाएगा इसलिए भारत सरकार बांग्लादेश से सम्बन्ध खराब नहीं करना चाहती है भारत के चारो ओर जो पड़ोसी है उनसे सम्बन्ध अच्छे नहीं है बल्कि खराब कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। पाकिस्तान नेपाल चाइना से सम्बन्ध खराब है। अमेरिकन सैंकसन का समर्थन करने के कारण ईरान से ऑइल आयात शून्य होने के बाद सम्बन्ध खराब है। भूट

बांग्लादेशी घुसपैठिए और बांग्लादेश:1

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भारत मे बांग्लादेशी नागरिकों के भारत मे ग़ैर कानूनी तरीके से आने और भारत के विभिन्न राज्यो मे फैल जाने के बाद भारत की नागरिकता को प्राप्त करने का दावा भारत सरकार करती है पाकिस्तान के पूर्वी पाकिस्तान मे पश्चिमी पाकिस्तान के हुक्मरानो द्वारा के द्वारा पूर्वी पाकिस्तान मे होने वाले ज़ुल्म और मानवाधिकार का मुद्दा भारत सरकार ने उठाया था और ये भी बताया गया कि पूर्वी पाकिस्तान के प्राक्र्तिक संसाधन/कुदरती वसाइल को पाकिस्तान लूट रहा है,ऐसा आरोप लगाया गया था और दुनिया भर मेमानवाधिकार हनन का मुद्दा उठाया गया था मुक्ति वाहिनी जिसे अँग्रेजी मे freedom army कह सकते है,का गठन भारत सरकार ने किया इसमे पूर्वी पाकिस्तान के भारत मे अवैध तरीके से आने वाले लोगो को प्रशिक्षण दिया गया था जो पूर्वी पाकिस्तान मे आज़ादी के लिए कार्यवाही करते थे और भारत सरकार के सीधे हस्तक्षेप के बाद 16 दिसम्बर 1971 मे पाक फौज के सरेंडर के साथ जंग समाप्त हो गयी और बांग्लादेश का निर्माण हो गया, अपने स्थापना से अब तक बांग्लादेश से भारत सरकार से सम्बन्ध अच्छे रहे है,उत्तर पूर्व के अन्य राज्य और पश्चिमी बंगाल मे बांग्ला भाषी लोग बहु

जम्मू और कश्मीर का विभाजन और उसके लाभ: 8

1. जम्मू और कश्मीर राज्य को दो भागो मे विभाजित करके मुस्लिम आबादी को जनसंखकीय/demographic बदलाव का प्रयास सफल होता दिख रहा है। राज्य मे होने वाली समस्त नियुक्तियों मे केन्द्र का सीधा हस्तक्षेप और नियुक्तियों को सम्पूर्ण भारत से भर्ती करना होगा 3. धारा 35 A को समाप्त करके राज्य मे शरणार्थी को नागरिकता प्रदान करना। 4. राज्य मे डेमोग्राफिक बदलाव के लिए कश्मीरी पंडितो जो उनका हक़ है बसाने के साथ सेवानिव्रत/रिटायर्ड फौजी को बसाना। 5. अब तक जो कानून parliament मे निर्मित किए जाते थे उसमे विशेषकर ये प्रावधान होता था कि जम्मू और कश्मीर को छोडकर समस्त भारत मे लागू होगा जो अब जम्मू और कश्मीर मे भी सम्मिलित है और होगा 6.राज्य मे princely स्टेट से लेकर 1947 तक जम्मू और कश्मीर का अलग झण्डा था जम्मू और कश्मीर के विलय के बाद राज्य मे दो झंडे सम्मिलित थे एक union of india का दूसरे जम्मू और कश्मीर के राज्य का,5 अगस्त 2019 से जम्मू और कश्मीर के विभाजन के साथ जम्मू और कश्मीर का झण्डा समाप्त हो गया। 7.राज्य की लोकतन्त्र के द्वारा चुने गए मुख्यमंत्री की शक्ति को समाप्त करने के लिए व केन्द्र के सीधे हस्त

जम्मू और कश्मीर का विभाजन और उसके लाभ: 7

केन्द्र शासित प्रदेश बनने से केन्द्र का शासन सीधा राज्य मे होगा अब जम्मू और कश्मीर लद्दाख की पुलिस सीधे केन्द्र के अधीन आ गयी लेफ्टिनेंट गवर्नर को समस्त शक्तियाँ प्राप्त है अब प्रश्न यह था कि राज्य मुस्लिम बाहुल्य था इसलिए सरकारी नौकरी मे राज्य की क्यादत/leadership मुस्लिमो के पास थी, मुस्लिम लीडरशिप होने के कारण अधिकतर राज्य के विभागो मे ,संस्थाओ मे मुस्लिम नियुक्त किए गए थे,राज्य को विभाजित करके और union territory बना कर राज्य की नियुक्त मे केन्द्र का सीधा हस्तक्षेप हो चुका है जैसा कि विगत वर्षो मे central government द्वारा selected Governor की नियुक्त मे आज़ादी के बाद से अब तक किसी मुस्लिम गवर्नर की नियुक्त नहीं की गयी,चुनाव जीत कर बनाए गए मुख्यमंत्री जनता द्वारा मताधिकार के द्वारा बनाए गए जिनको केन्द्र सरकार के हस्तक्षेप से गिरा दिया गया,जम्मू कश्मीर को छोडकर सम्पूर्ण भारत वर्ष मे सरकारी नौकरी, ठेकेदारी,पेट्रोल पम्प, गॅस filling centre आदि मे उनकी उपस्थिती न के बराबर है, इसलिए जो सरकार मुस्लिम नामो के सड़क, रेलवे स्टेशन, और ज़िला को बर्दाश्त नहीं कर पा रही हो,नाम बदल दिया हो, जिसके

जम्मू और कश्मीर का विभाजन और उसके लाभ: 6

5 अगस्त 2019 को संविधान मे वर्णित आर्टिक्ल 370 को समाप्त किया गया, धारा 35A को समाप्त किया गया जो शरणार्थी थे उन्हे नागरिकता प्रदान करने का वादा किया जो अब वर्तमान मे पूरा किया जा रहा है संघ बनाने का लाभ जैसा कि संविधान के आर्टिक्ल 239 मे वर्णित है संसद द्वारा बनाई गयी विधि द्वारा यथाअन्यथा उपबन्धित के सिवाय, प्रत्येक संघ राज्यक्षेत्र का प्रशासन राष्ट्रपति द्वारा किया जाएगा,और वह अपने द्वारा ऐसे पदाभिमान सहित, जो वह विनिर्दिष्ट करे,नियुक्त किए गए प्रशासक के माध्यम से उस मात्रा तक कार्य करेगा जितनी वह ठीक समझता है। 2. भाग 6 मे किसी बात के होते हुए भी ,राष्ट्रपति किसी राज्य के राज्यपाल को किसी निकटवर्ती संघ राज्यक्षेत्र का प्रशासक नियुक्त कर सकेगा और जहां कोई राज्यपाल इस प्रकार नियुक्त किया जाता है वहाँ वह ऐसे प्रशासक के रूप मे अपने क्रत्यों का प्रयोग अपनी मंत्रीपरिषद से स्वतन्त्र रूप से करेगा ADMINISTRATION OF UNION TERRITORIES 1.Save as otherwise provided by parliament by law,every union territory shall be administered by the president acting, to such extent as he thinks fit,through

जम्मू एंड कश्मीर का विभाजन और उसके लाभ:5

जम्मू और कश्मीर के कश्मीरी पंडित को जम्मूूूू और कश्मीर से बाहर निकालने वाले भूतपूर्व गवर्नर गिरीश चंद्र सक्सेना 500000 कश्मीरी पंडितोंं को शरणार्थी बननेे का प्रचार व प्रसार किया गया इसको हर चैनल पर दििखाया जाता हैं। सम्पूर्ण घाटी छावनी मे बदल जाने के बावजूद नागरिकों की सुरक्षा करने मे असफल रही, राज्य का परम कर्तव्य है कि राज्य अपने नागरिकों की रक्षा करे लेकिन राज्य अपने नागरिकों की रक्षा करने मे पूर्णतया असफल रहा ये असफलता राज्य को फ़ेल स्टेट साबित करती है एक तरफ राज्य ने कश्मीरी पंडितो को उनके घरो ज़मीन जायदाद से बेदखल किया उनकी सुरक्षा करने से इंकार किया दूसरी ओर मुस्लिम नागरिकों का लाखो लोग का कत्ल किया जाना राज्य और फौज को शक के घ्रेरे मे लाता है ग़ैर मुसल्ला हथियार बंद लोगो की रक्षा करने के लिए हथियार बंद फौज , अर्ध सैनिक बल और पुलिस हिफाज़त करने मे नाकाम रही और सरकार ने अपने नागरिकों को रक्षा करने मे हथियार भी उपलब्ध नहीं कराये की नागरिक अपनी रक्षा स्वम कर सकते कुछ लोग गवर्नर गिरीश चन्द्र सक्सेना पर यह भी आरोप लगाते है कि कश्मीरी पंडितो को बाहर इसलिए निकाला ताकि मुस्लिमो का दमन कि

जम्मू और कश्मीर का विभाजन और उसके लाभ:4

जम्मू और कश्मीर की समस्याओ का सामना करना के लिए भारत सरकार ने कई उपाय किए जिसमे काँग्रेस की सरकारो का भी बड़ा योगदान रहा है सबसे पहले गवर्नर रूल के अन्तर्गत सीधी हस्तक्षेप किया गया। मुख्यमंत्री की शक्ति का उपयोग वहाँ की सरकार को गिरा कर गवर्नर रूल के अन्तर्गत फौज के हाथो मे दे देना,दुनिया भर मे फौजी हुकुमत की आलोचना करने वाली भारत सरकार के लिए एक बड़ी समस्या यह भी कि उसके द्वारा फौजी शासन को कानूनी रूप से संरक्षण कैसे दिया जाए इसके लिए भारत सरकार ने एक अच्छा उपाय किया है नागरिक अधिकार को खत्म करने के लिये सबसे पहले उस राज्य या क्षेत्र को अशांत घोषित करके इसके बाद फौजी शासन मे होने वाले अत्याचार और मानवाधिकार की आवाज़ों और मुकदमे को रोकने के लिये अफस्पा जैसा कानून बनाया गया जिसका सम्पूर्ण रूप ARMED FORCES SPECIAL POWER ACT के अन्तर्गत फौजी शासन को संरक्षण दिया गया। कानून मे सब बराबर है ऐसा बताया जाता है मगर यहाँ किसी नागरिक के साथ फौजी के द्वारा किए गए अपराध से बचाव का संरक्षण दिया गया है और उसके विरुद्ध मुकदमा नहीं लिखाया जा सकता है। इस तरह किसी भी आवाज़ को दबाने के लिये अफस्पा के कानून स

जम्मू और कश्मीर का विभाजन और उसके लाभः2

जम्मू और कश्मीर के मुस्लिम बहुसंख्यक को अपना बताया गया और उन्हें यह समझाया गया की उनका हित भारत के साथ है दूसरी ओर मुस्लिम बहु संख्या वाला राज्य होने केे कारण पाकिस्तान अपनी दावेदारीी का दावा कर रहा था जिसमें जम्मू कश्मीर का सयुंक्त राष्ट्र संघ मे होना जम्मू कश्मीर को विवादास्पद बनाता है। संविधान मे शामिल किए गए आर्टिकल 370 के द्वारा जम्मू और कश्मीर के मूल स्वरूप बनाए रखा गया, धारा 35A के अन्तर्गत बाहरी व्यक्तियों को जम्मू और कश्मीर मे बसने से रोकना था,मुस्लिम आबादी को सरकारी नौकरी से समाप्त करना, व्यवसाय या कारोबार मे उनकी भागीदारी को कम करना, राज्य के दर्जे के रूप मे मुख्यमंत्री की शक्तियों को खत्म करना,मुस्लिम आबादी को विभाजित करके उन्हे बहुसंख्यक से आल्प्सख्यक बनाना,सेना द्वारा किसी भी कार्यवाही पर कोई प्रश्न न उठे इसके लिए कानून के द्वारा सेना को संरक्षण देना इन तमाम समस्याओ से जम्मू और कश्मीर संघर्षरत रहा है।

जम्मू और कश्मीर का विभाजन और उसके लाभ: 3

जम्मू और कश्मीर के बहुसंख्यक को अपना बताना समझाना और दूसरी ओर पाकिस्तान की दावेदारी जिसमे जम्मू और कश्मीर के हिन्दू राजा के विलय को चुनौटी दी जा रही थी कि जम्मू कश्मीर की जनता भारत के साथ नहीं मिलना चाहती जबकि भारत का कहना है कि उसके यहाँ जो चुनाव कराये गए है उससे जम्मू कश्मीर की जनता ने भारत मे मिलने की पुष्टि की गयी जबकि पाकिस्तान द्वारा जनमत कराने की मांग को विश्व भर मे उठाया गया, प्रारम्भ मे जो सुविधाए जम्मू कश्मीर को दी गयी थी उसमे वहाँ के लोगो की भावनाए को भारत के साथ जोड़ने की थी लेकिन उनकी इस भावनाए मे शेख अब्दुल्लाह को भी देखा गया जो सालो सलाखों के पीछे रखे गए और अधिकतर समय गवर्नर रुल के अन्तर्गत जम्मू कश्मीर मे रखा गया। जम्मू कश्मीर मे अब तक जितने भी गवर्नर बनाये गए है जो निम्न प्रकार है: 1. महाराजा करन सिंह 17 नवम्बर 1952 से 30 मार्च 1965 तक सदरे रियासत रहे है। 30 मार्च 1965 से 15 मई 1967 तक गवर्नर रहे 2. भगवान सहाय I.C.S.- 15 मई 1967 से 3 जुलाई 1973 तक गवर्नर रहे। 3. एल.के.झा -I.C.S.- 3 जुलाई 1973 से 22 फ़रवरी 1981 4. बी.के.नेहरू I.C.S.- 22 फ़रवरी 1981 से 26 अप्रैल 1984 5. जगम

जम्मु और कश्मीर का विभाजन और उसके लाभ: 1

जम्मु और कश्मीर जम्मु और कश्मीर princely स्टेट थी आज़ादी के पूर्व,सन 1947 मे आज़ादी के बाद देशी रियासते या princely state का मसला इण्डिया मे भी और पाकिस्तान मे भी था और पाकिस्तान मे भी था जैसा कि princely state को इण्डिया या पाकिस्तान मे किसी एक देश को चुनने और उसमे मिल जाने के लिए आज़ाद थे उसी तरह उनको अपने राज्य को आज़ाद रखने की भी आज़ादी थी लेकिन इण्डिया मे दो बड़ी रियासते हैदराबाद स्टेट और जम्मु कश्मीर के राजा आज़ाद रहना चाहते थे । आज़ादी के तुरन्त बाद ही जम्मु कश्मीर पर पाकिस्तान ने आक्रमण कर दिया और एक बड़ा भूभाग कब्जा कर लिया और जम्मु कश्मीर के राजा हरी सिंह ने इण्डिया मे विलय/एलहाक करने का फैसला किया,किसी भी संधि की तरह राजा हरी सिंह ने भी संधि करी जिसमे राज्य के स्वरूप को बदलने की किसी भी कोशिश से रोका गया जम्मु और कश्मीर मे प्रधानमंत्री/वज़ीरे आज़म व सदरे रियासत/president\ को स्वीकार किया ,भारत के अन्य क्षेत्रो से लोगो के जाने पर permit की व्यवस्था थी जिसे बाद की सरकारो ने समाप्त किया। जम्मु और कश्मीर जो मुस्लिम बाहुल्य प्रदेश मे आता है। इण्डिया के अन्य प्रदेशों मे यदि कोई मुस्लिम बाहु

इस्राएल का विनाश 6:बाइबिल

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आगे बाइबिल में इस घटना की भयावहता के बारे में बताया गया है ऐसा भारी क्लेश होगा जैसा ना तो दुनिया में अब तक हुआ और ना कभी होगा यहां पर गौर और फिक्र की बात है ऐसीीा घटना की भयावहता के बारे में बताया गया कि ऐसा अब तक नहीं हुआ और ना कभी होगा अमेरिका ने परमाणु बम का जब तजुर्बाा किया और इसराइल का समर्थन करता रहा तब तक अकेला देश अमेरिका परमाणु संपन्न देश था उसके बाद जिन देशों ब्रिटेन फ्रांस रूस ने परमाणु बम का परीक्षण किया है इन देशों के पास परमाणु हथियार का होना इस्राएल को ताकत ही पहुंचा रहे थे मिडिल ईस्ट मे इस्राएल के अलावा किसी देश के पास परमाणु हथियारि नही है और इस पर किसी ने सवाल भी नहीं उठाया इराक परमाणु रिएक्टर की 1982 में ध्वस्त कर दिया गया था ीअब इन परमाणु हथियार की पहुंच बहुत से देशो तक पहुंच गई है सशक्त हो गई है पाकिस्तान और तुर्की भी परमाणु हथियार से लैस है उत्तरी कोरिया चाइना देश परमाणु हथियार से लैस परमाणु युद्ध के लिए अमेरिका व उसके साथी तैयार हैा जैसा कि बाइबिल में वर्णन मिलता है इसकी व्यवस्था का वर्णन कि इस प्रकार है और यदि वे दिन घटाए न जाते तो एक भी प्राणी न बचता परन्स्

इस्राएल का विनाश5:बाइबिल

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इस्राएल की जब स्थापना हुई उस समय इस्राएल चारों ओर से घिरा हुआ नहीं था आइए बाइबल की भविष्य वाणी की ओर देखें इस्राएल को जब चारों ओर से सेनाओ से घिरा हुआ देखो(इस्राएल को 1967 मे घिरा हुआ पाया गया) मगर तब और अब मैं अंतर देखें इस्राएल के मैप के अनुसार एक तरफ दक्षिण में उसकी सीमा इजिप्ट इजिप्ट से उत्तर में लेबनान वह सीरिया पूरब में जॉर्डन वह वेस्ट बैंक और पश्चिम में गाजा पट्टी है गाजा पट्टी और वेस्ट बैंक की स्थापना के साथ बाइबल की भविष्यवाणी में यह भविष्यवाणी भी पूरी हो जाती है अभी तक इसराइली इस क्षेत्र का अकेला देश था जो सैन्य शक्ति दें मजबूत था लेकिन अब हमास और अन्य संगठनों मजबूत होते चले जा रहे हैं दूसरी ओर हिज्बुल्लाह की ताकत में दिन-ब-दिन वृद्धि होती जा रही है इस मोबाइल के विनाश के बारे में इस तरह का उल्लेख बाइबल में आया है जो यहूदी या यानी इस वाले में हो पहाड़ों पर भाग जाएं जो घर की छत पर हूं वह घर में से कुछ लेने के लिए जो खेत में हूं वाह अपनी वस्त्र को लेने के लिए पीछे ना लौटे इस तरह का वर्णन जिससे यह पता चलता है कि जिन हथियारों का इस्तेमाल होगा उससे यहूदी भाग नहीं पाएंगे अचानक उन

इस्राएलका विनाश4:बाइबिल

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यह जानते हुए कि इस्राएल के विनाश के बगैर मसीह का दोबारा आना निश्चित नहीं है लगभग मसीह को गए हुए 2000 साल हो चुके हैं ईसाई इंतिहाई मोहब्बत करती है ईसा मसीह से लिहाजा उन्होंने यहुदा अर्थात इस्राएल को देश के रूप मे वजूद मे लाए जैसा कि बाइबल में दिया हुआ है। सन 1948 मैं इसराइल के वजूदी के साथ ही बाइबल में दी गई भविष्यवाणी पूरी हो गई जब यरूशलेम को चारों ओर सेनाओं सेा घिरा हुआ देखो तो समझ जाना उसका मिट जाना निश्चित है यहां पर इस बात पर और गौर करें इस्राएल जैसे मुल्क को अंग्रेज दुनिया में कहीं भी बना सकते थे हारे हुए जर्मन में बनो सकते थे अमेरिका में बनवा सकते थे ऑस्ट्रेलिया में बनवा सकते थे मगर इस्राएल को अरबों के बीच मे कयों स्थापित किया गया उसका सबसे बडा कारण बाइबिल की भविष्यवाणी मे युग के अन्त के बारे मे यहुदा यानी यहुदी और येरूशलेम का विनाश का उल्लेख है।

इस्राएल का विनाश3:बाइबिल

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<script data-ad-client="ca-pub-5993925788976819" async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"></script> पहला प्रश्न यह उठता है कि यरूशलेम कई बार गैर यहूदियों के कब्जे में रहा है रहा है इससे यह कैसे पता चलता है कि इसराइल का विनाश निश्चित है इसमें बाइबिल में ही हजरत ईसा ने अपने दोबारा आने के बारे में बताया है और जमाने के खात्मे के बारे में यानी युग के अंत होने या कयामत के बारे में बताया गया है इस्राएल का वजूद सन 1948 मैं आजाद मूल्क के तौार पर वजूद मे आया इसराइल ने 1967 मैं बैतूल मुकद्दस में आग लगा दी और अरबो को जंग मे हरा दिया, सन 1956 में ब्रिटेन फ्रांस के साथ मिलकर मिश्र देश जिसे इजिप्ट भी कहा जाता है स्वेज नहर के मुद्दे पर हमला किया सन 1982 में लेबनान पर हमला किया और उसकी जमीन को कब्जा किया सम्पूर्ण ईसाई जो इस्राएल से नफरत इस बिना पर करता है कि उसने ईसा मसीह को सलीब पर चढा दिया था बाइबल का अध्ययन से औरीं:पुन: ईसा मसीह के आने का इंतजार यहूदी इसाई और मुसलमानों तीनों को जानते हुए इसराइल कि विनाश बगैर मसीह का दोबारा आ

इस्राएल का विनाश 2:बाइबिल

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<script data-ad-client="ca-pub-5993925788976819" async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"></script> बाइबिल मे दिये गए तथ्यों के अनुसार जब हजरत ईसा मसीह से उनके दुनिया मे दोबारा आमद या आने के बारे मे पूछा गया तेरे आने का तथा इस युग के अंत का क्या चिन्ह होगा इस युग के अन्त के बारे में बताया जब तुमा उस उजाडऩे वाली घृणित वस्तु को जिसकी चर्चा दानिय्येल नवी के द्वारा हुई थी पवित्र स्थान में खड़ी देखो तो वे जो घर की छत पर हो वह घर मे कुछ लेने के लिए नीचे न उतरे वह जो खेत में हो वह अपना वस्त्र लेने के लिए पीछे न लौटे उनके लिए हाय जो उन दिनों में गर्भवती होगी और जो दूध पिलाती होगी प्रार्थना करो की तुम्हें शीत ऋतु मैं या सब्त के दिन भागना ना पडे क्योंकि ऐसा भारी कलेश होगा जैसा न तो दुनिया के आरम्भ से अब तक हुआ और न कभी होगा और यदि वे दिन घटाए न जाते तो एक भी प्राणी न बचता परन्तु चुने हुओ के कारण वे दिन घटा दिए जाएंगें।ऐसा ही लेख मरकुस 13 आयत नं. 1से लेकर आयत नं. 33 तक दिय

इस्राएल का विनाश 1:बाइबिल

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इस्राएल के विनाश के बारे मे बाइबिल में भविष्वाणी की गई है इन भविष्यवाणियों को जानने के लिए हमें बाइबल का अध्ययन करना पड़ेगा बाईबिल के अध्याय मती के अध्याय मती (Matthew)24: आयत नं.1 से 39 तक का अध्ययन करेंगे अध्याय लूका 21:आयत 1 से 33 तक अध्ययन करना पडेगा- युग की अंत के बारे में जैसा भविष्यवाणी की गई है उसमें इस्राएल के विनाश और विश्व के विनाश को दिखाया गया है पहला सवाल क्या इस्राइल के बारे में ही क्यों कहा गया है बाइबिल में इसके बारे में जानने के लिए लुक्का में दिए गए वर्णन का उल्लेख करते हैं " परंतु जब तुम येरूशलम को सेनाओं से घिरा हुआ देखो तब जान लेना कि उसका उजड जाना निकट है तब वे जो यहूदा यानी इसराइल में हो पहाड़ियों पर भाग जाएं जो नगर के भीतर को बाहर निकल जाएं और वे जो गांव में हो नगर में ना लौटे क्योंकि यह बदला लेने के दिन होंगे कि वे सब बातें जो लिख गई है पूरी हो जाए उन दिनों जो गर्भवती हो और दूध पिलाती हो उनके लिए हाय! क्योंकि देश में बडा कलेश होगा और इस जाति पर प्रकोप होगा वे तलवार से घात किए जाएंगे और सब देशो में बंदी बनाकर पहुंचाए जाएंगे जब तक गैर यहूदियों का समय पूर

ईरान इतना महत्वपूर्ण क्यों है भारत के लिए

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कारगिल संघर्ष के बाद अटल बिहारी वाजपेई की सरकार ने पाकिस्तान पर एक प्रतिबंध लगाया था और वह प्रतिबंध यह था कि उसकी हवाई सीमा से कोई भी पाकिस्तानी जहाज नहीं गुजरेगा इसके जवाब में पाकिस्तान की सरकार ने भी भारत पर ऐसा प्रतिबंध लगा दिया भारत की सभी फ्लाइट जो अरब देश यूरोप और सेंट्रल एशिया की ओर जाती थी उसने अब पाकिस्तानी हवाई सीमा को छोड़कर अन्यों रूटो का प्रयोग करने लगे इन रूटों से समय और तेल की खपत बढ़ने लगी भारत के द्वारा लगाए गए प्रतिबंध का इतना असर नहीं पड़ा इसको ऐसे भी समझ सकते हैं कि पाकिस्तान को नेपाल और भूटान तक की एक्सेस के लिए चीन के हवाई सीमा का प्रयोग करते हुए नेपाल और भूटान तक पहुंचा गया लेकिन भारत के द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों से पाकिस्तानियों को यह एहसास हुआ कि उसकी भौगोलिक स्थिति बहुत अच्छी है और हवाई सीमा का प्रयोग हथियार के रूप में भी किया जा सकता है इसका बताने का मकसद यह है कि अगर जमीनी और हवाई रूट को पाकिस्तान बंद करता है तो भारत की डायरेक्ट या सीधी पहुंच अफगानिस्तान और सेंट्रल एशिया से कट जाएगी और इसका महत्वपूर्ण मौके पर पुराना मित्र या सहभागी ईरान काम आता है जो

अमेरिकी सैंक्शन और प्रतिबंधित देश

अमेरिका ने अपने और अपने ही जैसे अन्य देशों जैसे कि ब्रिटेन फ्रांस जर्मनी आदि की हितों की रक्षा के लिए अन्य देशों और खासकर मुस्लिम देशों पर प्रतिबंध sanction लगाएं एक समय था कि उन sanction के माध्यम से लाखों मुसलमान बेगुनाहों का कत्ल भी किया गया इसका उदाहरण इराक और अफगानिस्तान है इन प्रतिबंधों को पूरा करने के लिए ईसाई देशों के हुक्मरान भी भरपूर मदद करते हैं एक ऐसा समय आ चुका है sanction की तादाद भी बढ़ती गई और देश भी बढ़ते गए आज अगर अमेरिका के सैंक्शंस वाले देशों की ओर देखा जाए तो उत्तरी कोरिया चीन पाकिस्तान अफगानिस्तान ईरान इराक तुर्की रूस आदि देश है इन सैंकशन वाले देशों ने अपना एक संगठन तैयार कर लिया है जो अमेरिकी सैंक्शंस के खिलाफ न केवल खड़े हो गए हैं बल्कि इन देशों आपस में व्यापार करने भी आरंभ कर दिया है इस तरह अमेरिका के सैंक्शन अमेरिका पर ही भारी पड़ रहे हैं

अल्पसंख्यक और भेदभाव

अल्पसंख्यक पर होने वाले भेदभाव को अक्सर उठाते हुए देखा गया है पूरी दुनिया में अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव होता है मगर इस भेदभाव में राजनीति और दूसरे देश पर दबाव डालने के लिए एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जाता है अमेरिका में कई लोगों के साथ भेदभाव होता है कि पुलिस के अधिकारी द्वारा काले लोग को उसकी गर्दन पर टांग के दबाव द्वारा मार दिया गया फ्रांस में अल्पसंख्यक मुसलमानों के साथ भेदभाव किया जाता है इसी तरह जर्मनी में अल्पसंख्यकों को पर भेदभाव किया जाता है रूस में चेचन्या के मुसलमानों के साथ भेदभाव के जाता है चीन में उईगुर और तिब्बती लोगों के साथ भेदभाव किया जाता है पाकिस्तान में शियाओं अहमदी और हिंदुओं के साथ भेदभाव व भारत में ईसाइयों और मुसलमानों के साथ भेदभाव किया जाता है यह भेदभाव सैकड़ों मुस्लिमों के मोब लिंचिंग करके अब तक कत्ल किया जा चुका है उत्तर प्रदेश के मेरठ में हाशिमपुरा कांड किया गया जिसमें पीएसी के लोगों ने जानबूझकर सिर्फ और सिर्फ मुसलमानों की नस्लकुशी की गई थी लेकिन अब हमें यह देखना है कि हथियार के रूप में कैसे अल्पसंख्यक के मुद्दे को पूरे विश्व मे उठाया जाता ह

भारतीय राजनीति और चुरवे नेता

भारत में अब तक सैकड़ों घोटाले हो चुके हैं भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के समय में कृष्णा मेनन द्वारा जीप घोटाला, बोफोर्स घोटाला वक्फ संपत्ति घोटाला ना जाने कितने घोटाले अब तक हो चुके हैं मगर अब तक इन सब बातों को नजरअंदाज कर दिया गया या जांच बैठाई गई अब भारतीय जनता पार्टी के द्वारा अपने विरोधियों के प्रति जिस तरीके का इस्तेमाल किया गया है वाह वह तरीका इंतेहाई गल़ीज़ , उत्तर प्रदेश के भूतपूर्व मुख्यमंत्री के ऊपर टो चोरी का इल्जाम लगाया गया किसी तरह उत्तर प्रदेश के मंत्री के ऊपर बकरी चोरी भैंस चोरी व किताब चोरी का इल्जाम लगाया गया बल्कि उसके ऊपर एफ आई आर दर्ज कराई गई इन चोरियों को किसी भी रूप में देखा जाए मगर जब अंतरराष्ट्रीय राजनीति मैं बात उठेगी तब हमें यह मालूम होगी भारतीय राजनीति में नेता किताब चोर बकरी चोर भैंस चोर टोटी चोर भ्रष्ट संसद में सवाल उठाने पर पैसे लेने वाले माफियाओं से संबंध रखने वाले कातिल खूनी दंगे करवाने वाले टैक्स के द्वारा अर्जित रकम को खुर्द बुर्द करने वाले हैं इस तरह जो इल्जाम विपक्षी पार्टी पर लगाएं गए है और लगाए जा रहे है उससें भार

धर्म निरपेक्षता और मुसलमान

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अंग्रेजों के बनाए हुए सेकुलरिज्म धर्मनिरपेक्षता को समझने में मुस्लिम अक्षम/ काशीर रहे हैं मुस्लिमों को उनके दीन इस्लाम से दूर रखने के लिए या उन्हें एक आधा अधूरा मुसलमान बनाने का भरसक प्रयास किया गया मुस्लिम अगर अपने दीन के काम के अनुसार कार्य करें तो उसे कट्टरपंथी कहा जाता है मदरसों का पढा हुआ गैर मोहज़्ज़ब और दिमागी परेशान करने के लिए ना जाने क्या क्या कहा जाता है कभी दुनिया के अन्य देशों पर भी गौर करें जैसे भारत Myanmar वियतनाम इंग्लैंड अमेरिका सिरोंज फ्रांस ब्रिटेन रूस और अन्य देशों के पार्लियामेंट और अन्य संस्थाओं के बारे में अमेरिका का राष्ट्रपति रूस का राष्ट्रपति फ्रांस का राष्ट्रपति इंग्लैंड का प्रधानमंत्री यदि सेकलर होते हुए भी बाइबल की शपथ लेकर राष्ट्रपति बना रहे तो secular aur secularism पर कोई नुकसान नहीं भारत के रक्षा मंत्री नारियल तोड़े हिंदू धर्म के विधि विधान से सरकारी यज्ञ करें सरकारी खरीद फरोख्त पर ओम लिखें नींबू मिर्ची चढ़ाएं तो भी सेकलर हैं और उनके सेकुलर होने में ना ब्रिटेन को कोई ऐतराज है ब्रिटेन को कोई एतराज है ना अमेरिका को कोई एतराज है ना फ्रांस को कोई

आरक्षण

आरक्षण की ज्वलंत मुद्दा है जी के समर्थन में करोड़ों लोग हैं और इसके विरोध में भी करोड़ों लोग हैं समाज में जो कुलीन वर्ग कुलीन वर्ग है या उच्च जाति के लोग हैं वह आरक्षण का विरोध हमेशा से करते रहे हैं उनके अपने तर्क तरह तरह के हैं आरक्षण का समर्थन करने वाले लोगों के समर्थन करने के अपने तरीके तर्क हैं हिंदुओं के कुल्लू कुलीन वर्ग की कुलीन वर्ग की संस्था आर एस एस के प्रमुखों के द्वारा अनेकों बार आरक्षण के विरोध में तर्क दिया गया और उसे खत्म करने की दलील दी गई लेकिन कोई भी सरकार हो वह एक बहुत बड़े वोट बैंक को क्रोधित करके कोप भाजन नहीं बनना चाहती थी लेकिन इसके साथ ही भारत सरकार ने आरक्षण पर कुठाराघात करने के लिए एक स्वर्णा आरक्षण 10 परसेंट की व्यवस्था की गई दूसरे एक अन्य बहुत महत्वपूर्ण कार्य किया गया जिसे निजी करण कहते हैं निजी करण के माध्यम से भी आरक्षण को समाप्त किया जा सकता है निजी संस्थाओं में आरक्षण के प्रावधान प्रधान लागू नहीं है जो लागू है वह सरकारी संस्थाओं में है इस प्रकार भारत सरकार ने बिना संसद में बहस कराए आरक्षण पर बड़ा कुठाराघात किया और स्वर्ण वर्ग के लोगों इस माध्यम से भी तु

हिंदी भारत देश की राष्ट्रभाषा है या नहीं

भारतवर्ष को आजाद हुए लगभग 75 वर्ष बीत चुके हैं लेकिन आज भी लोगों को यह नहीं पता है की उनके देश में प्रचलित हिंदी भाषा राष्ट्रभाषा है या नहीं अक्सर लोग यह समझते हैं की अपने देश में प्रचलित हिंदी राष्ट्रभाषा है इस संबंध में हम भारत वर्ष की न्यायपालिका द्वारा दिए गए दिए गए कुछ

दोहरी शिक्षा प्रणाली और भारत

दोहरी शिक्षा प्रणाली: भारत को आज़ाद हुए लगभग 75 वर्ष हो चुके है इसके साथ ही शिक्षा के स्तर मे जो सुधार हुए हैं उनका लाभ मध्यम वर्ग और ऊंचे वर्ग के लोगों के लिए है, शिक्षा में जिस तरह का वर्गीकरण किया गया है उसके अनुसार समाज को तरह तरह से बांटा गया है आजाद भारत में शिक्षा को बांटने का तरीका यह रखा गया है कि गरीब की शिक्षा और अमीर की शिक्षा और जहां तक अमीरों की शिक्षा की बात है उसका माध्यम पूरे देश के अंदर इंग्लिश मीडियम को रखा गया है जबकि गरीब और मध्यम वर्ग की भाषा का माध्यम क्षेत्रीय भाषाओं को रखा गया है गरीबों की शिक्षा का जो स्तर बनाया गया है उसमें शिक्षा को उसमें शिक्षा को कई तरह से प्रस्तुत किया जाता है 1 शिक्षा का माध्यम वह है जिसे नगर महापालिका के स्कूल मैं दी जाने वाली शिक्षा का स्तर बहुत ही निम्न होता है जहां से पढ़नेसे बच्चे को रोजगार के रूप में लेबर क्लास बनाया जाता है अपवाद कहीं भी हो सकता है इसलिए अपवाद के बारे में कोई बात नहीं करेंगे उसके बाद माउंटेन सरी शिक्षा का माध्यम है जो निजी व्यक्तियों के द्वारा दिया जाता है इस शिक्षा में आप को जो शिक्षा प्रदान की जाती है उसका म

ईरान के लिए परमाणु हथियार क्यों आवश्यक है

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पिछले वर्षो मे हम सभी लोगो ने कई महत्वपूर्ण चीज़ों को देखा गया है जिसमे अमेरिका और इसके समर्थक देशो द्वारा ईरान के यूरेनियम संवर्धन पर सवाल उठाए गए थे। विशेषकर ईरान के यूरेनियम संवर्धन ऊंचाई पर था। इस्राइल ने चेतावनी देते हुवे कहा ईरान को वो परमाणु बम नहीं बनाने देगा। ईरान ने कई बार दोहराया कि वह इस्लामिक मूल्यों के कारण एटम बम नहीं बनाना चाहता है। इस्लाम मे,समूहिक कत्ल नेषेध है ऐसा इस्लामिक गणतन्त्र ईरान ने उल्लेख किया। अगला सवाल उठाया जाता है कि यहूदी और ईसाई जो अहले किताब (जिन पर अल्लाह ने किताब उतारी ) , इन्सानियत का समूहिक कत्ल और इन्सानियत के महाविनाश को जायज़ ठहराया गया है,जवाब हाँ मे है। लेकिन वह देश जैसे अमेरिका ने परमाणु बम "लिटल बॉय" को जापान के दो शहरो हिरोशिमा व नागासाकी पर गिराया लाखो गुनहगार व बेगुनाह कत्ल कर दिये गए, ऐसे देश अमेरिका के द्वारा दुनिया को इन्सानियत की हिफाज़त करने के लिए भाषण देना मज़ाक है। अमेरिका ने हजारो अटॉमिक हथियारो का निर्माण किया परमाणु हथियार से अमेरिका इन्सानियत बचाएगा और जब अमेरिका परमाणु बम गिराएगा तो वो फूल बन जाएगा,ऐसा सोचना ख्वाब य