Ahmad Rizvi

POK और COK

POK और COK पाकिस्तान अधिक्रत कश्मीर या पाकिस्तान द्वारा कब्ज़ा किया गया कश्मीर को ही पी.ओ.के. कहते है और चीन के द्वारा कब्ज़ा किए गये कश्मीर को सी.ओ.के. कहते है । हाल ही मे दो महत्वपूर्ण घटनाए हुई है । लंदन से भारतीय विदेश मंत्री का POK को वापस लाने का अज़म लेते हुवे बयान देना । इसके साथ ही कारगिल मे भारत के द्वारा पहली बार C-17 ग्लोब मास्टर जैसे विशालकाय विमान की सफलतापूर्ण लैन्डिंग कराना एक महत्वपूर्ण उपलब्धि को दर्शाया गया है । जिससे रसद, गोला बारूद, आर्म्स और एमूनेशन, सैनिकों को तेज़ी के साथ फ्रन्ट लाइन तक पहुंचाया जा सकता है । जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री ने POK के साथ चीन अधिक्रत कश्मीर, को भारत का हिस्सा बताया और उसे वापस न लाने के लिए कोई बयान नहीं दिया गया, इस पर टिप्पणी की गई जिसका भारतीय जनता पार्टी और उसकी सिस्टर संस्थाये अपने नेता के इशारों पर विरोध परदर्शन करना आरंभ किया जा चुका है । सन 2020 मे गलवान संघर्ष को मद्देनजर रखते हुवे जो अभी तक गतिरोध बना हुआ था हाल ही मे गतिरोध टूटा है। ऐसे मे चीन पर बयान देकर पूर्व के हालात सीमा पर बन जाए । लेकिन ऐसा नहीं है की चीन अधिक्रत कश...

इस्राएल का विनाश 2:बाइबिल

<script data-ad-client="ca-pub-5993925788976819" async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"></script>बाइबिल मे दिये गए तथ्यों के अनुसार जब हजरत ईसा मसीह से उनके दुनिया मे दोबारा आमद या आने के बारे मे पूछा गया तेरे आने का तथा इस युग के अंत का क्या चिन्ह होगा इस युग के अन्त के बारे में बताया जब तुमा उस उजाडऩे वाली घृणित वस्तु को जिसकी चर्चा दानिय्येल नवी के द्वारा हुई थी पवित्र स्थान में खड़ी देखो तो वे जो घर की छत पर हो वह घर मे कुछ लेने के लिए नीचे न उतरे वह जो खेत में हो वह अपना वस्त्र लेने के लिए पीछे न लौटे उनके लिए हाय जो उन दिनों में गर्भवती होगी और जो दूध पिलाती होगी प्रार्थना करो की तुम्हें शीत ऋतु मैं या सब्त के दिन भागना ना पडे क्योंकि ऐसा भारी कलेश होगा जैसा न तो दुनिया के आरम्भ से अब तक हुआ और न कभी होगा और यदि वे दिन घटाए न जाते तो एक भी प्राणी न बचता परन्तु चुने हुओ के कारण वे दिन घटा दिए जाएंगें।ऐसा ही लेख मरकुस 13 आयत नं. 1से लेकर आयत नं. 33 तक दिय

Comments

Popular posts from this blog

बिन्ते रसूल उल्लाह

CAA, NRC,NPR और मुसलमानों का भयभीत होना!

विदअत