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Showing posts from May, 2023

Ahmad Rizvi

झूठा प्रचार

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दुनिया भर मे प्रचार और झूठा प्रचार होता रहता है । इस झूठे प्रचार के नकारात्मक (मनफी) प्रभाव से इंसान का बड़ा नुकसान होता रहा है । अक्सर आपने सुना होगा कि एक समुदाय (तबका) अपने नबीयों के बारे मे सच को न जानते हुए झूठा प्रचार करना शुरू कर देते है । इसी तरह हज़रत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैह व आले वसल्लम के खिलाफ जादूगर होने का प्रचार किया गया । आज के दौर की तरह उस समय संचार के माध्यम (means of communication) इतने तेज़ नहीं थे इसके बावजूद मौखिक (ज़बानी) प्रचार के द्वारा एक दूसरे तक बात फैलाते थे उस बात की सच्चाई को जाने बिना या तसदीक किए बिना सच मान लेते थे । अब अल्लाह सुभान व तआला के नबी मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैह व आले वसल्लम के जानशीन अमीर-उल –मोमीनीन के बारे मे जो प्रचार किया गया उसको देखे “ जब हज़रत अली इब्ने हज़रत अबू तालिब पर नमाज़ मे सजदे के दौरान सर पर ज़हर बूझी हुई तलवार से अब्दुर रहमान इब्ने मुलजिम के द्वारा हमला किया और उस ज़ख्म के दौरान हुई शहादत की खबर जब शाम आज का सीरिया मुल्क के लोगों (अवाम ) तक पहुंची तो लोग हैरान होकर पूछते थे कि

रहबर

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रहबर एक ऐसा रास्ता दिखाने वाला जिसके नेत्रत्व मे उसके चाहने वाले या तो उत्थान करते है या पतन की ओर चले जाते है । मौजूदा दौर मे हमने मुसलमानों के कई रहबर देखे जिन्होंने पतन और उत्थान की ओर ले गए । एक रहबर ईरान का बादशाह रज़ा शाह पहलवी था जो अमेरिका का प्रतिनिधि बन कर ईरान मे बादशाहत करता था और ईरान का आतंकी इस्राइल से अच्छे तालुक थे , पाकिस्तान: पाकिस्तान के ज़्यादातर हुक्मरान अमेरिका का ही प्रतिनिधित्व करते रहे है । लाखों मुसलमानो का कत्ल कराने मे अहम रोल अदा किया , और उसके बदले मे डॉलर लेते रहे आज इस सिथती मे पहुँच गए जहां से भीख मांगने और विघटन होने के कगार पर है । सऊदी अरब : इनके शासकों का वजूद ब्रिटिश हुकूमत की मेहरबानी से बना आज तक इन शासकों के पेशवा यही देश है इनको पश्चिमी देशों ने मूर्ख बनाया या बने बनाये मूर्ख थे फ़िलिसतीन को धोखा देने और दिलाने मे सऊदी अरब की मुख्य भूमिका रही , कभी ओस्लो समझौता , कभी अब्राहम अकॉर्ड ,कभी यूएनओ मे बेइज्जती मगर मुस्लिम कौम को पतन मे पहुंचाने मे कोई कोर कसर नहीं छोड़ी । फ़िलिस्तीन का कत्ल हो , इराक़ी का कत्ल हो ,सीरिया यमन के कत्ल कराने मे अहम भ

नबी पाक का कौन उत्तराधिकारी नहीं हो सकता

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          नबी पाक का कौन उत्तराधिकारी नहीं हो सकता मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहों अलैह व आले वसलम रसूलउल्लाह (अल्लाह के रसूल )है  खातमुन नबी है (आपके बाद अब कोई नबी को नहीं आना आखरी नबी है ), अल्लाह के रसूल है । अल्लाह के रसूल का वारिस (उत्तराधिकारी ) भी अल्लाह की तरफ से होगा किसी अवाम के चुनने से नहीं हो सकता जैसा कि दुनिया मे आखरी नबी मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहों अलैह व आले वसलम के आने से पहले साबिक अंबियाओ रसूलों के द्वारा तौरेत और इंजील मे आमद का उल्लेख किया गया , इन सब के अलावा आज इस बात पर चर्चा करेंगे कि अल्लाह के नबी मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहों अलैह व आले वसलम की खूबियाँ और इनके उत्तराधिकारी मे भी वही खूबी का होना : सादिक़ : अल्लाह के नबी का एक नाम सादिक़ है जिसके मायने है “सच्चा “ नबी पाक मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहों अलैह व आले वसलम का वारिस / उत्तराधिकारी कोई झूठा नहीं हो सकता । हज़रत इब्राहीम का वारिस हज़रत इसमाएल और हज़रत इस्हाक , हज़रत याक़ूब का वारिस हज़रत यूसुफ हज़रत दाऊद का वारिस हज़रत सुलेमान (सूरे नमल ) मे दिया गया है सुलेमान वारिसा दाऊद अब जिसने ये कहा कि नबी पाक म

अदालतों से सरकारे नाखुश

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अदालतों से सरकारे नाखुश चुनी हुई सरकारों को अदालतों के वो फैसले जो उनके पक्ष (हक़ ) मे नहीं है उनके खिलाफ इन सरकारों के द्वारा कार्य किया जा रहा है । सरकारों के भ्रष्टाचार को या तो अदालते नज़रअंदाज कर दे या फिर सरकारे न्याय को डिलिवर करने से रोकना है । हाल ही मे आतंकी देश इस्राइल ने JUDICIAL REFORMS के नाम पर अदालतों के अधिकारों मे कटौती करने और उन्हे न्याय देने से रोकने के लिए आतंकी इस्राइल के संसद KENNESET मे बिल को पास कराया गया । आतंकी देश इस्राइल के यहूदीयो ने वहां की सरकार के मंशा को जान कर अपनी ही सरकारों के खिलाफ हो गयी और जबरदस्त परदर्शन किया और सरकार को अपने आदेश को लेने को मजबूर कर दिया । उधर कुछ देशों ने अपनी सरकारों से संघर्ष करने और सरकारों के खिलाफ फैसले देने और JUDGES अपने खिलाफ संसद की कार्यवाही या अन्य अनुचित HARASSMENT कार्यवाही से भयभीत रहते है। उन देशों मे जहां राजा, बादशाह , सुल्तान, खलीफा या तानाशाह है वहां भी अदालतों पर न्याय उनके राजा ,बादशाह सुल्तान या तानाशाह को खुश करने के लिए न्याय की हत्या करते हुए अपने राजा ,बादशाह सुल्तान या तानाशाह के पक्ष मे फैसला

मुसलमानों पर इलज़ाम

मुसलमानों पर एक इल्ज़ाम यह लगा दिया गया वहाबीयो और ब्रिटिश एजेन्टो के द्वारा कि मुसलमान क़ब्र की इबादत करते है और यह जवाज़ बनाया गया 1932 मे वह भी आले रसूल के मुक़देसात तोड़ने के लिये अब मेरा सवाल है इसका मतलब 1300 साल तक मुसलमान क़ब्र पुज्जू रहे जबकि ला इलाहा इल्लललाह को फ़ैलाया ही गया था मुसलमानों के द्वारा, फ़िर ब्रिटिश और सउद ने मिल कर मुसलमानों पर उसी इल्ज़ाम को चस्पा किया जिसकी मुसलमान मुखालफ़त करता आ रहा था

लीडरशीप

लीडरशिप का क्या फ़र्क़ होता है इसको इस बात से समझा जा सकता है कि अरबो की नाक ज़मीन पर रगड़ने वाला आतंकी देश इस्राइल जिसने सन 1967 मे 6 दिन मे पूरे अरब देशो को धूल चटाई सन 1956 मे स्वेज़ canal के मुद्दे पर आतंकी देश इस्राइल फ़्रान्स और ब्रिटेन ने मिश्र को धूल चटाई क्योंकि इनके यार वही थे जो इनके दुश्मन भी थे अब ईरानी लीडरशिप को देखे जो अमेरिका ब्रिटेन और फ़्रान्स को दुश्मन मानते हुए अपनी तैयारी की और दुश्मन को उसी की ज़बान मे जवाब दे रहा है आज 1300 राकेट खाने के बाद भी हमास अभी घबराया नही और आतंकी देश इस्राइल को उसी ज़बान मे जवाब देने को तैयार हैं वर्ना जो काम हमास ने किया वो काम बड़े बड़े देश नही कर सके अब एक जगह cease fire होगी तो दूसरी जगह से आतंकी देश इस्राएल पर हमले शुरु होंगे जैसे हिज़बुल्लाह आतंकी देश इस्राएल के आतंक के खात्मे तक ये जंग चलती रहेगी इसी को कह्ते है शठे शाठयम समाचारेत

शहबाज़ शरीफ और गोरबाचोफ मे समानता

सन 1991 मे जब सोवीयत संघ के अंतिम राष्ट्रपति मिखाएल गोरबाचोफ को सोवियत संघ की सेना ने अगवा कर लिया था और बोरिस येल्तसिन के नेत्रत्व मे किए गए आंदोलन के बाद मिखाएल गोरबाचोफ को आज़ाद किया गया था इस घटना के बाद प्रतिशोध मे मिखाएल गोरबाचओफ ने सोवियत संघ को 15 देशों मे विभक्त किया था आज वह सभी आज़ाद देश है । गोरबाचओफ पर अमेरिका का एजेंट होने का आरोप उनके विरोधी लगाते है । शहबाज़ शरीफ जो भ्रष्टाचारी और भगौड़े पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ के भाई है और लंदन मे इलाज के बहाने , षड्यन्त्र रचने चले गए अपने भाई जिन पर चोरी और भ्रष्टाचार के आरोप है उनको शहबाज़ शरीफ खत्म करना है उन्हे न्यायालय से बरी करना है और बदले की कार्यवाही के लिए किसी भी हद तक जा सकते है । (विशेष तीन बार के प्रधानमंत्री रहे है और देश के अन्दर एक बेहतरीन अस्पताल तक नहीं बना पाए यहाँ तक कि उन्हे लंदन मे इलाज कराने को जाना पड़ता है ) पाकिस्तान गृह युद्ध मे जल जाए तो जल जाए चीन से सम्बन्ध खराब होते है हो जाए ईरान से तालुकात खराब होते है हो जाए जनता भूखों मरे तो मर जाए । पाकिस्तान के टुकड़े होते है तो हो जाए नवाज़ शरीफ और शहबाज़ शरीफ के

VICTORY DAY/ विजय दिवस और इमरान खान

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विक्ट्री डे या विजय दिवस रूस द्वारा 09 मई को इसलिए मनाया जाता है कि रूस ने नाजी जर्मनी को हराया था और 09 मई 1945 से विक्ट्री डे के रूप मे मनाती आयी है । लेकिन 09 मई 2023 के विक्ट्री डे मे क्या विशेष था और इस दिन को अमेरिका ब्रिटेन आतंकी देश इस्राइल के साथ पाकिस्तान की सरकारों और खुफिया एजेंसी अर्थात CIA, MOSSAAD MI6 के साथ ISI ने बहुत बड़ी साजिश रची और वह साजिश थी कि उसी दिन इमरान खान को गिरफ्तार करके दुनिया को यह दिखाना था कि अमेरिका ब्रिटेन और इस्राइल की योजना के खिलाफ अगर कोई काम करेगा तो उसका अंजाम क्या होगा यह दुनिया को दिखाना था । इमरान खान को इबरत बनाने के पीछे उनका पूर्व मे क्या गया रूस को समर्थन देना था जिस दिन अर्थात 24 फरवरी 2022 को जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया उसी दिन इमरान खान मास्को मे थे और रूस को समर्थन दे रहे थे । 09 मई 2023 को इमरान खान को गिरफतार करने के बाद मौका देखकर इमरान खान को कत्ल करने की आशंका थी और है उसका बड़ा कारण यह है इस कत्ल को कराने मे उपरोक्त पाकिस्तान दुश्मन देश का पूर्ण समर्थन शहबाज़ को प्राप्त है । पाकिस्तान दुश्मन देश ने यह समर्थन अपने वक

ईरान के लिए बड़ा खतरा

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रूस और यूक्रेन जंग मे पश्चिमी देशों के द्वारा लगातार ईरान पर आरोप लगाया जाता रहा है कि उसने रूस को असलहा, ड्रोन की सप्लाई कर रहा है इससे पहले भी ईरान दुश्मनी मे पश्चिमी देश अब तक कई बड़ी कार्यवाही कर चुके है जिसमे ईरान-इराक़ जंग कराना भी था । ईरानी हुकूमत को उखाड़ फेकने की नियत से ISIS जिसे पूर्व मे फ्री सीरियन आर्मी का नाम दिया गया था उनके द्वारा सीरिया और इराक़ मे हमले कराने और इन दोनों देशों पर कब्ज़े के बाद ईरान पर हमला करना और जंग छेड़ना था ताकि ईरान की हुकूमत को सत्ता से हटाना था ISIS का गठन अमेरिका और उसके सहयोगीयो के द्वारा किया गया था । अफगानिस्तान के ज़रिए भी ईरान को destabilize करने की कोशिश की जा चुकी है जिसमे भी नाकामी हाथ लगी । ISIS जैसे खूंखार आतंकवादीयो को अमेरिका द्वारा सीरिया से अफगानिस्तान लाया गया जिसकी सूचना पूरी दुनिया को रूस ने दी थी । अफगानिस्तान मे अमेरिकी असलहों को बड़ी तादाद मे जिसमे TANK तोप बख्तरबंद गाड़ी आदि शामिल है को अफगानिस्तान मे उसी तालिबान को सौंपना जिसको आधार बनाकर अफगानिस्तान मे अमेरिका और नाटो संगठन ने जंग छेड़ा था असलहों को तालिबान को सौंपने के पीछे

इमरान खान और मुसददीक मे समानता

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ा ईरान के पूर्व प्रधानमंत्री मोहम्मद मुसददीक के नेत्रत्व मे 1951 मे सरकार बनाई गयी और इस सरकार को अमेरिका और ब्रिटेन की मदद से मुसददिक की सरकार को खत्म कर दिया गया । मुसददीक ने निजि कम्पनियों के द्वारा ऑइल इंडस्ट्री को नियंत्रण करने से रोकने और आयल इंडस्ट्री का राष्ट्रीयकरण करना था। इस घटना से सबसे ज़्यादा नुकसान अमेरिका और ब्रिटेन को होना था इन दोनों विदेशी ताकतों अर्थात अमेरिका और ब्रिटेन द्वारा षडयन्त्र रचा गया और शाह ईरान के साथ मिलकर मुसददीक का तख्ता पलट दिया गया । पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान द्वारा जब अमेरिका की खुलकर मुखालफत की जाने लगी और अमेरिका और उसके सहयोहगीयो के द्वारा शमसी एयरबेस को देने से इनकार किया और अमेरिका पर यह टिप्पणी करता रहा कि दुनिया मे ऐसा सहयोगी नहीं देखा होगा जिसने अपने सहयोगी के 80000 बेगुनाह लोगों अर्थात पाकिस्तानी लोगों का कत्ल किया गया हो और खुदमुख्तारी को चुनौती देते हुए ड्रोन हमला किया हो। एक बात और पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान के द्वारा इस बात को दोहराया गया कि वह किसी तीसरे देश की जंग मे अमेरिका का साथ नहीं देंगे और कश्मीर के लो

समान नागरिक संहिता / UNIFORM CIVIL CODE

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समान नागरिक संहिता (UNIFORM CIVIL CODE ) समान नागरिक संहिता का मुद्दा अक्सर चुनाव के दिनों या धार्मिक अल्पसंख्यकों के प्रति भय /खौफ पैदा करने के मकसद से किया जाता है, सवाल पैदा होता है क्या समान नागरिक संहिता से धार्मिक अल्पसंख्यकों को भारतीय सविंधान मे प्रदत्त (दिया गया ) धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ होगा या नहीं । बहुसंख्यकों को इस कानून से क्या प्रसन्नता (खुशी ) है और अल्पसंख्यकों को क्या शंका है और यह आशंका क्यों है :- बहुसंख्यक हिन्दुओ को इस कानून से प्रसन्नता होने के कारण 1. मुसलमानों,इसाईयों, सिखो आदि के मजहबी / धार्मिक कानून और कुरान मजीद और पवित्र बाइबिल मे दिए गए स्पष्ट कानून पर हमला हो सकेगा । 2. मुसलमानों ईसाइयों के पर्सनल कानून पर हमला करना / बदलाव करना और उसका आधार होगा समान नागरिक संहिता । 3. मुसलमानों के उत्तराधिकार कानून और तरका (पार्टिशन ऑफ प्रॉपर्टी आफ्टर डेथ ) मे दखलंदाज़ी की जा सकेगी । 4. मुसलमानों के विवाह,म्रत्यु और अन्य कानूनों पर हिन्दू कानून को थोपने का अधिकार मिलेगा । 5. हिन्दू बहुसंखयक और आरक्षण के द्वारा संसद मे हमेशा हिन्दू बाहुल्य सांसद होने के कारण ह