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Showing posts from 2024

Ahmad Rizvi

झूठा प्रचार

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दुनिया भर मे प्रचार और झूठा प्रचार होता रहता है । इस झूठे प्रचार के नकारात्मक (मनफी) प्रभाव से इंसान का बड़ा नुकसान होता रहा है । अक्सर आपने सुना होगा कि एक समुदाय (तबका) अपने नबीयों के बारे मे सच को न जानते हुए झूठा प्रचार करना शुरू कर देते है । इसी तरह हज़रत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैह व आले वसल्लम के खिलाफ जादूगर होने का प्रचार किया गया । आज के दौर की तरह उस समय संचार के माध्यम (means of communication) इतने तेज़ नहीं थे इसके बावजूद मौखिक (ज़बानी) प्रचार के द्वारा एक दूसरे तक बात फैलाते थे उस बात की सच्चाई को जाने बिना या तसदीक किए बिना सच मान लेते थे । अब अल्लाह सुभान व तआला के नबी मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैह व आले वसल्लम के जानशीन अमीर-उल –मोमीनीन के बारे मे जो प्रचार किया गया उसको देखे “ जब हज़रत अली इब्ने हज़रत अबू तालिब पर नमाज़ मे सजदे के दौरान सर पर ज़हर बूझी हुई तलवार से अब्दुर रहमान इब्ने मुलजिम के द्वारा हमला किया और उस ज़ख्म के दौरान हुई शहादत की खबर जब शाम आज का सीरिया मुल्क के लोगों (अवाम ) तक पहुंची तो लोग हैरान होकर पूछते थे कि

झूठा प्रचार

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दुनिया भर मे प्रचार और झूठा प्रचार होता रहता है । इस झूठे प्रचार के नकारात्मक (मनफी) प्रभाव से इंसान का बड़ा नुकसान होता रहा है । अक्सर आपने सुना होगा कि एक समुदाय (तबका) अपने नबीयों के बारे मे सच को न जानते हुए झूठा प्रचार करना शुरू कर देते है । इसी तरह हज़रत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैह व आले वसल्लम के खिलाफ जादूगर होने का प्रचार किया गया । आज के दौर की तरह उस समय संचार के माध्यम (means of communication) इतने तेज़ नहीं थे इसके बावजूद मौखिक (ज़बानी) प्रचार के द्वारा एक दूसरे तक बात फैलाते थे उस बात की सच्चाई को जाने बिना या तसदीक किए बिना सच मान लेते थे । अब अल्लाह सुभान व तआला के नबी मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैह व आले वसल्लम के जानशीन अमीर-उल –मोमीनीन के बारे मे जो प्रचार किया गया उसको देखे “ जब हज़रत अली इब्ने हज़रत अबू तालिब पर नमाज़ मे सजदे के दौरान सर पर ज़हर बूझी हुई तलवार से अब्दुर रहमान इब्ने मुलजिम के द्वारा हमला किया और उस ज़ख्म के दौरान हुई शहादत की खबर जब शाम आज का सीरिया मुल्क के लोगों (अवाम ) तक पहुंची तो लोग हैरान होकर पूछते थे कि

बिन्ते रसूल उल्लाह

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बिन्ते रसूल उल्लाह आज हम इस बात पर और कुछ तथ्यों के आधार पर जानना चाहते है कि जब “ बाग़-ए-फ़ीदक” को कब्ज़े मे ले लिया गया था तो इसके बाद हज़रत बिन्ते रसूलउल्लाह सल्लल्लाहो अलैह व आले वसल्लम ने दरबार जाकर अपने दावे को मज़बूती से रखा आप सलामउल्लाह अलैह यह जानती थी कि जिसने उनके हक़ पर क़ब्ज़ा किया है वो उनके हक़ को वापस करने वाले नहीं है ? दूसरा सवाल यह है कि जनाबे उम्मे अबीहा सलामउल्लाह अलैह ने जो गवाह पेश किए गए उनको रद्द क्यों किया गया और अगर उन गवाहों को तस्लीम कर लिया जाता तो प्रभाव क्या होता ? बिन्ते रसूलउल्लाह सल्लल्लाहो अलैह व आले वसल्लम का मर्तबा क्या है और उस मरतबे को अल्लाह सुभान व तआला रसूलउल्लाह सल्लल्लाहो अलैह व आले वसल्लम ने बताया है वो क्या है ? 1. रसूलउल्लाह सल्लल्लाहो अलैह व आले वसल्लम की रिसालत की गवाही देने वाला मुसलमान है । 2. ईमान वाला और मोमीन तब होता है जब वो अपनी जान – माल औलाद माँ बाप से ज्यादा अज़ीज़ और अपनी जान को अपने नबी रसूलउल्लाह सल्लल्लाहो अलैह व आले वसल्लम पर कुर्बान कर दे । 3. अल्लाह सुभान व तआला के नबी रसूलउल्लाह सल्लल्लाहो अलैह व आले वसल्लम को जब अरब

तंगनज़री

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एक हदीस के द्वारा आखरी दौर मे खुरासान से उठने वाले काले झंडे वालों की बशारत दी गई जिसके द्वारा बैतुल मुक़द्दस की फतह का ज़िक्र किया गया । खुरासान के अन्तर्गत ईरान का उत्तर पूर्व का कुछ क्षेत्र अफगानिस्तान का कुछ हिस्सा और बलोचिस्तान का कुछ क्षेत्र आता है । वर्तमान मे खुरासान नाम का एक प्रांत ईरान मे है । बिरादर इस्लाम के फ़िरको मे से बहुत सारे ऐसे आलिम है जो अफगानिस्तान और बलोचिस्तान का उल्लेख करने से कतराते है और उसको नजरंदाज करते है और इस नजरंदाज करने का कारण है कि ईरान उनके मसलक से ताल्लुक नहीं रखता है । इन आलिमों के द्वारा अपने मसलक के लोगों की खिदमत को फख्र के साथ बयान नहीं कर सकते । बतौर नज़ीर इन मसलक वालों का जेहाद अब तक आतंकी इस्राइली यहूदी के खिलाफ नहीं था नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी आर्गेनाईजेशन (NATO) के खिलाफ नहीं था। इनका जेहाद इस्लाम के तमाम मानने वालों के ही खिलाफ था वो भी किसी शैतानी ताकतों के खिलाफ जेहाद नहीं था बल्कि इनका जेहाद शैतानी ताकतों के साथ मिलकर लड़ना था । शैतानी ताकते जो खुद को ईसाई भी कहती है वो ईसाई धर्म के उपदेश और अमल के मनाफी (व

सुभान अल्लाह

सुभान अल्लाह सुभान अल्लाह को ही उर्दू ज़बान मे पाक अल्लाह कहा जाता है । सुभान अल्लाह के विर्द करने का बड़ा सवाब है । अल्लाह पाक है तो उसकी पाकीज़गी किन चीज़ों से है । उसको बहुत से लोग जानते है और बहुत से लोग नहीं जानते है । उसको सभी तक जानने का अधिकार है और सब तक पहुंचना चाहिए । 1. बहुत सारे झूठे मआबूदो (आराध्य) और खुदाओ को खाना खाने और पीने की ज़रूरत पड़ती है और अल्लाह सुभान व तआला को खाने पीने की ज़रूरत नहीं है। यह उसकी पाकीज़गी बयान करती है । 2. बहुत सारे झूठे मआबूदों और खुदाओ मे जान नहीं है उनमे जान फूंकी (प्राण प्रतिष्ठा ) की जाती है और उसकी पैदा की हुई किसी चीज़ मे यह सलाहियत (योग्यता) नहीं हो सकती कि अपने आराध्य (मआबूद ) मे जान डाले क्योंकि अल्लाह सुभान व तआला ही इरशाद फरमाता है कि अल्लाहों ला इलाहा इल्लल्लाह हुवल हययुल कययुम (अल्लाह, नहीं है कोई इलाहा सिवाय अल्लाह के वो ज़िन्दा कायम है ) 3. बहुत सारे झूठे मआबूदों और खुदाओ को समय – समय पर सुलाया और जगाया जाता है जबकि अल्लाह पाक है सोने और जागने से अल्लाह सुभान व तआला का इरशाद है कि उसे न ऊंघ आती है न उसे नींद आती है । 4. बहुत सारे झ

असहाब या सहाबी

असहाब या सहाबी असहाब अरबी शब्द है जिसके मायने साथी के है । मुकक़द्दस किताब क़ुरान मजीद मे सूरे कहफ मे असहाब कैफ का उल्लेख है । कुछ दोस्त साथी असहाब या सहाबी ऐसे होते है जो अपने दोस्त पर जान माल कुर्बान करने वाले होते है और कुछ ऐसे दो नम्बरी होते है जो अपने कारनामे के ज़रिए से मालूम होता है कि दुश्मन उनका कारनामा तो दोस्तवाला नहीं होता है हमदर्दी वाला नहीं है वफादारी वाला नहीं है लेकिन जब तक वो कोई कारनामा नहीं करते है तब तक वो अपने को दोस्त हमदर्द वफादार जानिसार दिखाते रहते है अपने चाहने वालों को भी ऐसा प्रचार करते रहने के लिए कहते रहते है । अल्लाह सुभान व तआला ने कुरान मजीद मे जिन सूरे और आयतों को नाज़िल किया है उनके बड़े महफ़ूम है उसके बड़े अर्थ है उसमे बड़ी निशानियाँ (प्रमाण) है । हर नबी सलामउल्लाह अलैह और पैगंबर के साथ क्या गुज़री और उसकी क्या निशानी है । हज़रत ईसा मसीह अलैहिस सलाम के हवारी (साथी) / असहाब मे से एक सहाबी को मुनकिर (इंकार करने वाले या झुठलाने वाले) का होना था और उसके बारे मे जिस अज़ाब का ज़िक्र अल्लाह के रसूल ईसा मसीह ने दिया। आसमान से दस्तख्वान मंगाने के लिए कहा गया ज

अगर ईरान न होता !

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थोडी देर के लिए सोचिये अगर इस्लामी जमुहरिया ईरान और उसकी वर्तमान की हुक़ुमत न होती तो क्या होता आइये देखते है पडोस का मुल्क पाकिस्तान अमेरिका का puppet बना हुवा है और अमेरिकी मंशा के खिलाफ कुछ भी आतंकी इस्राइल के खिलाफ नही कर सकता दूसरा देश अफ़्गानिस्तान जो खुद अमेरिका और नाटो का शिकार हुवा है और अफ़्गानिस्तान मे अमीरात बनाने मे उसी तरह मदद की जैसे अरब अमीरात सऊदी अमीरात jordan अमीरात को बनाने मे रोल अदा किया अब यह खादिमैन हरिमैन शरिफ़ैन जिसने इनको बनाया वो britain है अब britain के द्वारा बसाया और बनाया गया आतंकी देश इस्राइल अब यह उसके खिलाफ़ कैसे हो सकते थे वो जंग लड़ते है जहां अमेरिका ब्रिटेन फ़्रान्स और nato जंग लड़ते है अब यह अफ़्गानिस्तान मे इराक़ मे यमन मे सिरिया मे लड़ते है क्यों? यह इस्लाम के खिलाफ़ रहने वाले हर मुल्क के साथ है सिर्फ़ क़ुरान पाक अल्लाह और रसूलुल्लाह के साथ रहने वालो के खिलाफ, ये क़ुरान मजीद के जलाने वाले के साथ है, के रसूलुल्लाह के cartoon बनाने वालो के साथ है LGBTQ के पक्ष मे कानून बनाने वालो के साथ है ईरान के खिलाफ जंग करने वालो के साथ है यह सब अधिकार BRITAIN ने उन्हे र

दुनिया की मदद मे मदद

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7 अकटूबर 2023 को फ़िलिस्तीन ने इस्राएल पर हमला कर दिया इसके साथ ही लाल सागर मे यमन के हूसी ने इस्राएल को support करने वाले जहाज़ो पर हमला करना शुरू कर दिया जिसके समर्थन मे अमेरिका और उसके सहयोगी इस्राइल की मदद करने के लिये आगे आ गये अमेरिका ने हूसी के खिलाफ एक गठबंधन बनाया जिसका नाम prosperity guardian रखा गया भारत ने उस गठबंधन मे शामिल होने से इंकार किया लेकिन इसी दौरान भारत के रक्षा मंत्री की united kingdom का दौरा हुवा और इस्के साथ 12 युध्दपोत अरब सागर मे यह कहकर भेजा कि वो समुद्री डाकूओ से लड़ने के लिए भेज रहे समय बीत रहा है भारत ने जिस तरह अमेरिका के गठबंधन मे शामिल न होकर भी उसके लिए नाके बन्दी करने मे अमेरिका की मदद की उसके गठबंधन और अपने मित्र इस्राइल की मदद की जब यह खबर भारत के मित्र देश रुस और ईरान को मिली तो उन देशो ने अपने मित्र भारत को अकेले समुद्री डाकू से निपटने मे कोई कठिनाई न हो इसके लिए रुस ने अपने मित्र ईरान और चीन के साथ मिलकर भारत की navy की मदद करने के लिए 19 मार्च 2024 से तीनो देशों ने अर्थात् रुस चीन और ईरान ने war exercises करने का फ़ैसला किया है

सऊदी अरब का इस्लामिक गठबंधन

सऊदी अरब ने 40 देशो के साथ मिलकर एक इस्लामिक गठबन्धन बनाया था क्या हुवा उसका क्या इस तरह का गठबन्धन ईरान को बरबाद करने के लिये बनाया गया था या किसी और मुस्लिम मुमालिक को बरबाद करने के लिए बनाया गया था जैसे सिरिया यमन लिबिया आदि या सिर्फ़ और सिर्फ़ मुसलमानो को बरबाद करने के लिए बनाया गया अगर यह मुसलमानों के लिये होता तो पंजा आज़माई आतंकी इस्राइल के साथ कुछ कर रहे होते अमेरिका ब्रिटेन के साथ लड़ रहे होते इससे पता चलता है कि सऊदी शासक का अधिकतर कार्य सिर्फ़ और सिर्फ़ शैतानी ताक़तो को खुश करने के लिए है इस्लाम का सऊदी शासको का कोई तालुक दूर दूर तक नही है वस सलाम

पाकिस्तानी खुद मुखतारी

पाकिस्तान की भी कोई खुद मुख्तारी है अपनी खुद मुखतारी यानी soverignity को बेचने वाला पाकिस्तान यह कैसे कह सकता है कि खुद मुख्तार है 2011 मे ओसामा बिन लादेन को अमेरिका ने क़त्ल किया वो भी पाकिस्तान के भीतर इसके बाद पाकिस्तान के भीतर अमेरिकी drone हमले लगातार होते रहे और पाकिस्तान खामोश रहा भारत ने surgical strike की पाकिस्तान और अमेरिका ने अफ़्गानिस्तान पर हमला किया पाकिस्तान ने अपनी सर ज़मीन का इस्तेमाल अमेरिका और नाटो को अफ़ग़ानिस्तान मे हमले के लिये किया पाकिस्तान ने खुद को और पाकिस्तानी सर्ज़मीन को अमेरिकी और नाटो के आतंकवाद को करने के लिये दिया और अमेरिका और नाटो की proxy बनकर उभरा पाकिस्तान. अब वर्तमान मे पाकिस्तान के सभी पडोसी देश अफ़्गानिस्तान ईरान और भारत यहाँ तक कि चीन भी पाकिस्तान से अमेरिकी तालुकात से खुश नही है आने वाले समय मे खैबर पख्तुन्वा पर अफ़्गानिस्तान बलोचिस्तान पर ईरान और बाकि कश्मीर पंजाब और सिन्ध के इलाको को भारत के क़ब्ज़ा करने की सम्भावना बढ़ती जा रही है पाकिस्तान जैसे देश को उसके पडोसी आतंकी के रूप मे देखते है पाकिस्तान जिस soverignity की बात करता है उसको वो अमे

सबका साथ सबका विकास

अभी तक आपने सबका साथ और सबका विकास का नारा सुना होगा आइये आपको उस विकास की ओर ले चलते हैं जिसमे कोई जाति मज़हब रंग सम्प्रदाय का भेद नही किया गया है और सबका विकास बराबर किया गया है किसी के साथ कोई नाइंसाफी नही की गयी 1. टेलीकाम सेक्टर को लेते है जो incoming का लुत्फ़ बिना पैसा डलाये लेते थे उनको अब फ़्री incoming मिलना खत्म tarrif के दाम बढा दिये गये इससे telecom कम्पनी को ज़बरदस्त लाभ पहुंचा और इस विकास मे कोई भेदभाव नही किया गया 2. रेल किराये मे बढ़ोतरी और reservation कानून मे बद्लाव किया गया जिससे सरकार को बडा लाभ पहुंचा क्या आप नही चाहते कि देश का विकास हो 3. bank के interest को इतना कम कर दिया और जो बढा हुआ interest था वो सरकार के पास गया क्या आप नही चाहते कि देश का विकास हो 4. gas cylinder के दाम मे बेतहाशा बढ़ाया गया इन सब विकास मे किसी को नज़र अन्दाज़ नही किया गया 5. फ़ीस बढ़ाने मे चाहे वो school की फ़ीस हो institution की फ़ीस किसी कार्यालय की फ़ीस हो न्याय शुल्क हो 5. post office के शुल्क मे बढ़ोतरी बाकि याद नही आप लोगो को अपने विकास के बारे मे कुछ याद आये तो comment करे

शैतानी ताक़तो का लांच खलिफ़ा

खुद्शाख्ता और अमेरिका ब्रिटेन फ़्रान्स और शैतानी ताक़तो के द्वारा बनाये गये खलिफ़ा तुर्की के तय्यब एर्दोगान जो खुद एक मुनाफ़िक़ है अपनी मुनाफ़्क़त का इज़हार उनके द्वारा आतंकी इस्राइल की सेना को वर्दी और अन्य कारोबार मे ज़बरदस्त इज़ाफ़ा हुआ है क़ौम के यह मुनाफ़िक़ ही मुसलमानो के जज़्बातो का सौदा शैतानी ताक़तो से करते है मुस्लिम इनको हम्दर्द समझता और मानता रहता है और यह जज़बातो के हिसाब किताब गुणा भाग करके ऐसा स्पीच देते हैं मानो बड़े हमदर्द हो लेकिन दूसरी ओर जब इनकी तारीफ़ antony blinken जैसे लोग करते हैं तो लोग हैरत मे पड़ जाते हैं मगर उनकी तारीफ़ उनका मुखालिफ़ क्यों करता है इसको जब तक लोग समझते हैं तब तक उनके किरदार की दूसरा चेहरा नज़र आता है वो चेहरा उनके दिखाये गये किरदार से बिल्कुल बरअक़स दिखता है आप को हैरत तब नही होती जब यह सिर्फ़ और सिर्फ़ बयानबाज़ी करते रहे और खड़े नही हुए उनसे माफ़ी चाहूंगा जो अपने दिल में अल्लाह के बनाये हुवे खलिफ़ा की जगह ऐसे मुनाफ़िक़ को खलिफ़ा समझ बैठे या अमेरिका और शैतानी ताक़तो ने ऐसा खलिफ़ा market मे लांच किया है

लक्ष्य द्वीप

भारतीय जनता पार्टी ने मुसलमानों के खिलाफ बहुत सारे काम किये है जिस तरह गुजरात मे मुस्लिम कुश फ़सादात बरपा किया सब जानते है मोब lynching मे मुसलमानों के क़त्ल पर खामोशी जम्मु और कश्मीर मे 2019 मे पूरी दुनिया से network ही खत्म कर दिया कितने लोग क़त्ल हुए और कितने दवा के अभाव मे मर गये पता ही नही चला अब एक दूसरा केन्द्र शासित राज्य लक्ष्य द्वीप जो मुस्लिम बहुल है वो भाजपा के निशाने पर आ गया है अभी लक्ष्य द्वीप पर्यटन के बढावा देने की बात की जा रही है बाद मे उसको केन्द्र शासित राज्य को खत्म करके उसे मुस्लिम बहुल को खत्म करने का प्रयास होगा ये अभी लुभावनी वाली बाते है जो भविष्य को ध्यान मे रखकर बनाया गया है जैसे जम्मु और कश्मीर को विलय के समय उनकी भौगोलिक स्थिति को न बदलने और जन सान्ख्कीय को बदलने नही देंगे वक़्त ने सब कुछ दिखा दिया और कश्मीरी मुस्लिम अपने को ठगा हुआ मह्सूस कर रहे हैं

operation prosperity guardian

operation prosperity guardian american along with 14 countries will operate the operation prosperity guardian. india did not join the operation prosperity guardian because of many reason. 1. india is close friend of russia as well as iran. 2. india is not eager to fight against houthi. 3. turkiye stopped the britain ship who was delivering the lethal weapons to ukraine, was about to use against russia. 3. india send the warship close the yemen sea and this scenario shows the cordon of houthi. 4. sending of warship close yemen sea will help the american led operation prosperity guardian. 5. india is close friend of israel and is assisting the israel. 6. russia is against the america and nato and houthi iran hizbollah and hamas are with russia. india shows himself as friend of russia so will not go openly against the russia but will help the america and israel. 7. after sending of warship, defence minister will visit britian show the solidiatry with britain and could be signif