Ahmad Rizvi

दावत-ए-ज़ुल अशिरा व गदीर -ए- खुम

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दावत-ए-ज़ुल अशिरा व गदीरे खुम कुफ़फार मक्का जब मोहम्मद मुस्तफा सलल्लाहों अलैह व आले वसल्लम को रसूल उल्लाह नहीं मानते थे तब भी अल्लाह के नबी को सादिक, अमीन और वादे को पूरा करने वाला समझते थे, मानते थे। सूरे अश-शुअरा (सूरे 26 आयत नं. 214) के अनुसार “ और अपने निकटतम सम्बन्धियों को सावधान करो” जब यह आयत नाज़िल हुई, तो अल्लाह के नबी मोहम्मद मुस्तफा सलल्लाहों अलैह व आले वसल्लम ने एक दावत का आयोजन किया जिसे इतिहास मे दावत ज़ुल अशिरा कहा जाता है । बनी हाशिम (हाशिम के वंशज) से लगभग 40 लोगों को बुलाया गया हज़रत अली इब्ने अबी तालिब अलैहिस सलाम ने खाने का प्रबन्ध किया। मेहमानों को खाना- पानी परोसने के बाद जब नबी करीम मोहम्मद मुस्तफा सलल्लाहों अलैह व आले वसल्लम उनसे इस्लाम के बारे मे बात करना चाहा, तो अबू लहब ने उन्हे रोक दिया और कहा, आपके मेजबान ने आपको बहुत पहले ही जादू कर दिया है । अल्लाह के नबी मोहम्मद मुस्तफा सलल्लाहों अलैह व आले वसल्लम द्वारा उन्हे अपना संदेश देने से पहले सभी मेहमान तितर-बितर हो गये। अगले दिन अल्लाह के नबी मोहम्मद मुस्तफा सलल्लाहों अलैह व आले वसल्लम ने उन्हे आमंत्रित किया। ...

इस्राएल का विनाश4:बाइबिल

यह जानते हुए कि इस्राएल के विनाश के बगैर मसीह का दोबारा आना निश्चित नहीं है लगभग मसीह को गए हुए 2000 साल हो चुके हैं ईसाई इंतिहाई मोहब्बत करती है ईसा मसीह से लिहाजा उन्होंने यहुदा अर्थात इस्राएल को देश के रूप मे वजूद मे लाए जैसा कि बाइबल में दिया हुआ है। सन 1948 मैं इसराइल के वजूदी के साथ ही बाइबल में दी गई भविष्यवाणी पूरी हो गई जब यरूशलेम को चारों ओर सेनाओं सेा घिरा हुआ देखो तो समझ जाना उसका मिट जाना निश्चित है यहां पर इस बात पर और गौर करें इस्राएल जैसे मुल्क को अंग्रेज दुनिया में कहीं भी बना सकते थे हारे हुए जर्मन में बनो सकते थे अमेरिका में बनवा सकते थे ऑस्ट्रेलिया में बनवा सकते थे मगर इस्राएल को अरबों के बीच मे कयों स्थापित किया गया उसका सबसे बडा कारण बाइबिल की भविष्यवाणी मे युग के अन्त के बारे मे यहुदा यानी यहुदी और येरूशलेम का विनाश का उल्लेख है।

Comments

Tahsin rizvi said…
As he does sow, so shall reap

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