मानव अधिकार कर के मुद्दे को जोर शोर से उठाते हुए पश्चिमी देशों के देखा गया यह मानव अधिकार की बात को उठाना जाहिरी तौर पर तो मानव की भलाई और इंसानियत दिखाई पड़ती है मगर गहराई से तहकीकात करने पर आपको पता लगेगा की यह इंसानियत की भलाई के लिए नहीं है बल्कि अपने मकासिदो को पूरा करने के लिए के लिए किया जाता है उदाहरण के तौर पर विश्व के कुछ मुद्दों की ओर ध्यान ले जाना चाहता हूं फिलिस्तीन का मुद्दा जिसमें अब तक लाखों इंसानों को कत्ल किया गया म्यानमार में कत्लेआम को देखा जा चुका है इराक में कुर्दओ और शियो़ पर होने वाले कातिल जो कत्ल सरकारी मशीनरी के द्वारा किया गया गुजरात में हुए कत्ल पर या तो पश्चिमी देशों के द्वारा औपचारिकता से उन देशों के हुक्मरानों की ज़बानी भर्त्सना की गई और उसकी अलावा कुछ नहीं किया गया कुछ ऐसे उदाहरण भी हैं जहां पर तुरंत कार्यवाही की गई अमेरिका अमेरिका में नाइन इलेवन के हमले जिसकी जांच और उसके नतीजे भी नहीं आए थे अफगानिस्तान को मुर्दे इल्जाम ठहरा दिया गया था कुवैत पर इराक के हमले का विरोध करते हुए उस पर 32 देशों द्वारा हमला किया गया वही चाइना के द्वारा तिब्बत सिंह की आंख मंच...