जम्मू और कश्मीर की समस्याओ का सामना करना के लिए भारत सरकार ने कई उपाय किए जिसमे काँग्रेस की सरकारो का भी बड़ा योगदान रहा है सबसे पहले गवर्नर रूल के अन्तर्गत सीधी हस्तक्षेप किया गया। मुख्यमंत्री की शक्ति का उपयोग वहाँ की सरकार को गिरा कर गवर्नर रूल के अन्तर्गत फौज के हाथो मे दे देना,दुनिया भर मे फौजी हुकुमत की आलोचना करने वाली भारत सरकार के लिए एक बड़ी समस्या यह भी कि उसके द्वारा फौजी शासन को कानूनी रूप से संरक्षण कैसे दिया जाए इसके लिए भारत सरकार ने एक अच्छा उपाय किया है नागरिक अधिकार को खत्म करने के लिये सबसे पहले उस राज्य या क्षेत्र को अशांत घोषित करके इसके बाद फौजी शासन मे होने वाले अत्याचार और मानवाधिकार की आवाज़ों और मुकदमे को रोकने के लिये
अफस्पा
जैसा कानून बनाया गया जिसका सम्पूर्ण रूप ARMED FORCES SPECIAL POWER ACT के अन्तर्गत फौजी शासन को संरक्षण दिया गया। कानून मे सब बराबर है ऐसा बताया जाता है मगर यहाँ किसी नागरिक के साथ फौजी के द्वारा किए गए अपराध से बचाव का संरक्षण दिया गया है और उसके विरुद्ध मुकदमा नहीं लिखाया जा सकता है। इस तरह किसी भी आवाज़ को दबाने के लिये
अफस्पा
के कानून से दमन की पूरी छूट दी गयी। ऐसा भाजपा की सरकार कर रही हो ऐसा नहीं है यह सारे कानून काँग्रेस के शासन मे बने है।
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