Ahmad Rizvi

मौला अली साबिक अम्बिया से अफज़ल है

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मौला अली साबिक अम्बिया से अफज़ल है । कुछ मुसलमान अपने इल्म की कमी के कारण या मौला अली से बुगज़ रखने के कारण उनके दिमाग मे सवाल पैदा होते है और सार्वजनिक (public) प्लेटफार्म पर ऐसे सवाल उठाते भी है । आज इन सवालातों के जवाब को तलाश करते है। मौला अली अंबियाओ से अफज़ल है तो इसकी कोई दलील है , जी हाँ, इसकी दलील है । सवाल : क्या नबी करीम मोहम्मद मुस्तफा सलल्लाहों अलैह व आले वसल्लम नबीयों, अमबीयाओ, रसूलों, मलायका (फरिश्तों) और जिन्नतों के मौला है ? जवाब : जी हाँ , नबी करीम मोहम्मद मुस्तफा सलल्लाहों अलैह व आले वसल्लम नबीयों, रसूलों, अम्बियाओ, मलाएका, और जिन्नतों से न केवल अफज़ल बल्कि मौला है जब अल्लाह सुभान व तआला ने आदम के पुतले मे जान डाली तो हुक्म दिया मलाइका और जिन्न को सजदा हज़रत आदम का करना । फखरे अम्बिया सबसे अफज़ल है । सवाल : क्या ईसाई यहूदी मुशरिक काफिर के भी आप मौला है ? जवाब : नहीं , जो नबी करीम मोहम्मद मुस्तफा सलल्लाहों अलैह व आले वसल्लम को मौला नहीं मानता है उसको अख्तियार है कि मौला न माने । सवाल : क्या हज़रत ईसा के भी मौला है नबी करीम मोहम्मद मुस्तफा सलल्लाहों अलैह व आले वसल्लम ? ज...

दोहरी शिक्षा प्रणाली और भारत

दोहरी शिक्षा प्रणाली: भारत को आज़ाद हुए लगभग 75 वर्ष हो चुके है इसके साथ ही शिक्षा के स्तर मे जो सुधार हुए हैं उनका लाभ मध्यम वर्ग और ऊंचे वर्ग के लोगों के लिए है, शिक्षा में जिस तरह का वर्गीकरण किया गया है उसके अनुसार समाज को तरह तरह से बांटा गया है आजाद भारत में शिक्षा को बांटने का तरीका यह रखा गया है कि गरीब की शिक्षा और अमीर की शिक्षा और जहां तक अमीरों की शिक्षा की बात है उसका माध्यम पूरे देश के अंदर इंग्लिश मीडियम को रखा गया है जबकि गरीब और मध्यम वर्ग की भाषा का माध्यम क्षेत्रीय भाषाओं को रखा गया है गरीबों की शिक्षा का जो स्तर बनाया गया है उसमें शिक्षा को उसमें शिक्षा को कई तरह से प्रस्तुत किया जाता है 1 शिक्षा का माध्यम वह है जिसे नगर महापालिका के स्कूल मैं दी जाने वाली शिक्षा का स्तर बहुत ही निम्न होता है जहां से पढ़नेसे बच्चे को रोजगार के रूप में लेबर क्लास बनाया जाता है अपवाद कहीं भी हो सकता है इसलिए अपवाद के बारे में कोई बात नहीं करेंगे उसके बाद माउंटेन सरी शिक्षा का माध्यम है जो निजी व्यक्तियों के द्वारा दिया जाता है इस शिक्षा में आप को जो शिक्षा प्रदान की जाती है उसका मूल्य निर्धारित रहता है कुछ सरकारी स्कूल जो हिंदी माध्यम से हैं जैसे कि नवोदय विद्यालय जहां पर शिक्षा के स्तर को बनाए रखा गया है अब शिक्षा का जो माध्यम इंग्लिश मीडियम में रखा गया है उसमें भी कई प्रकार की शिक्षा को देश के अंदर दिया जा रहा है यह शिक्षा की शुरुआत से ही व्यक्तियों का वर्गीकरण कर दिया जाता है इसमें लेबर क्लास किलर किलर किलर किलर ऑफिसर क्लास और उससे ऊपर की शिक्षा को प्रदान किया जाता है हमारे देश के अंदर समान नागरिक संहिता की बातों की जाती है जिसका नागरिकों के जीवन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा लेकिन समान शिक्षा के मुद्दे को किसी भी राजनीतिक के द्वारा या व्यक्तियों के द्वारा या संस्था के द्वारा नहीं उठाया जाता है क्योंकि अगर शिक्षा समान होगी तो जहां s पी का लड़का पड़ेगा वहीं पर सिपाही का लड़का पड़ेगा वहीं पर करना पड़ेगा पड़ेगा पड़ेगा तो जहां SP लड़का पड़ेगा वहीं पर सिपाही का पड़ेगा वहीं पर करना पड़ेगा यहां से यहां से स्वच्छ प्रतिस्पर्धा की शुरुआत होगी लेकिन देश को संचालित करने वाले शासकों द्वारा इस और जानबूझकर या ना चाहते हुए इस कार्य को नहीं करना चाहते हैं सभी के लिए समान अवसर हैं ₹200000 खर्च होगी अपने बच्चे को ऐसी संस्थाओं में उसका एडमिशन करा पाएगा इसी तरह मेडिकल में व अन्य संस्थाओं संस्थाओं में जबरदस्त भेदभाव पूर्ण समाज बनाया गया है अगर समाज को उन्नति करनी है उन्नति करनी है तो तो उसके लिए तो उसके लिए हम सबकी एक ही मांग होनी चाहिए कि हमारी शिक्षा पूरे देश में एक हो यह नहीं किसी गरीब की शिक्षा का माध्यम क्षेत्रीय भाषाएं हो और गरीब की शिक्षक अमीर की शिक्षा का माध्यम और गरीब की शिक्षक अमीर की शिक्षा का माध्यम इंग्लिश मीडियम गरीब और अमीर की शिक्षा का माध्यम एक होना चाहिए जब तक ऐसा नहीं होगा तब तक हम आजाद होते हुए भी यह गुलाम हैं जिस गुलामी से कभी भी बाहर नहीं आया जा सकता कभी-कभी लोग जापान की उन्नति की बात करते हैं कभी रूस की उन्नति की बात करते हैं जापान की उन्नति की बात करते हैं कभी रूस की उन्नति की बात करते हैं कि उनकी अपनी अपनी लैंग्वेज में अपनी अपनी भाषा में उन्होंने तरक्की की है या 1020 लैंग्वेज लैंग्वेज का प्रचलन नहीं है अपने उर्दू कश्मीरी पंजाबी गुजराती बंगाली मराठी तमिल कन्नड़ मलयालम सैकड़ों जवानी है तो हमारी शिक्षा का माध्यम एक जब तक नहीं होगा तब तक हम एक राष्ट्र के रूप में एक नागरिक के रूप में एक अच्छे समाज के रूप में उन्नति नहीं कर सकते हैं

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