अक्सर जो इस्लाम को नहीं मानते वो कुरान मजीद की आयतो का विरोध करते हैं मुसलमान किसी भी धार्मिक किताबों का विरोध नहीं करते हैं। आइये देखते हैं कि जिस ईसाईयत के प्रभाव में दूसरे धर्म के लोग आ गयें है उस ईसाईयत की धार्मिक पुस्तक बाइबल के बारे मे कया कहती है :
यशायाह 42:8मै यहोवा हूं, मेरा नाम यही हैं अपनी महिमा मै दूसरे को न दूंगा, और जो स्तुति मेेेेरे योग्य है वह खुदी हुई मूर्तियों कोो ना दूंगा।
यिर्मयाह 10:14,15,:सब मनुष्य पशु -सरीखे रहित खोदी हुई मूरतो के कारण सब सुुुुनारो की आशा टूूूू टूटती क्योंकि उनकी ढाली हुई मूरते झूठी है, और उनमे सांस ही नहीं है। वे व्यरथ और ठटठे के योग्य हैः जब उनके दण्ड का समय आएगा तब वे नाश हो जाएगी।
मूरतियों से अपने आप को बचाए रखो 1 युुुहन्ना 5:21 रोमियो 1:24,25ःप्ररितो 17:16,17
मूर्ति पूजा शैतान -पूजा है - 1कुरिनदियों 10:14,20
प्रकाशितवाक्य 9:20
निर्गमन 20:5 तू उनको दण्डवत न करना, और न उनकी उपासना करना ,क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर जलन रखने वाला ईश्वर हू ं,और जो मुझ से बैर रखता है, उनके बेटो, पोतो और परपोतो को भी पितरो का दण्ड दिया करता हूँ।
परमेश्वर ने जाति -जाति को मूर्तियों के कारण नाश किया - आप के के घर में मूर्तियां न हो।
व्यवस्थाविवरण - 7:24 - 26 और वह उनके राजाओ को तेरे हाथ में करेगा, और तू उनका भी नाम धरती पर से मिटा डालेगाः उनमे से कोई भी तेरे सामने खड़ा न रह सकेगा और अन्त में तू उन्हें सत्यानाश कर डालेगा। उनके देवताओ की खुदी हुई मूर्तियां तुम आग में जला देना, जो चांदी व सोना उन पर मढ़ा हो उसका लालच करके न ले लेना, नहीं तो तू उसके कारण फन्दे में फंसेगा ःक्योंकि ऐसी वस्तुएं तुम्हारे परमेश्वर यहोवा की दृष्टि में घृणित वस्तु अपने घर में न ले आना, नहीं तो तू भी उसके समान नष्ट हो जाने की वस्तु करेगा।
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