Ahmad Rizvi

झूठा प्रचार

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दुनिया भर मे प्रचार और झूठा प्रचार होता रहता है । इस झूठे प्रचार के नकारात्मक (मनफी) प्रभाव से इंसान का बड़ा नुकसान होता रहा है । अक्सर आपने सुना होगा कि एक समुदाय (तबका) अपने नबीयों के बारे मे सच को न जानते हुए झूठा प्रचार करना शुरू कर देते है । इसी तरह हज़रत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैह व आले वसल्लम के खिलाफ जादूगर होने का प्रचार किया गया । आज के दौर की तरह उस समय संचार के माध्यम (means of communication) इतने तेज़ नहीं थे इसके बावजूद मौखिक (ज़बानी) प्रचार के द्वारा एक दूसरे तक बात फैलाते थे उस बात की सच्चाई को जाने बिना या तसदीक किए बिना सच मान लेते थे । अब अल्लाह सुभान व तआला के नबी मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैह व आले वसल्लम के जानशीन अमीर-उल –मोमीनीन के बारे मे जो प्रचार किया गया उसको देखे “ जब हज़रत अली इब्ने हज़रत अबू तालिब पर नमाज़ मे सजदे के दौरान सर पर ज़हर बूझी हुई तलवार से अब्दुर रहमान इब्ने मुलजिम के द्वारा हमला किया और उस ज़ख्म के दौरान हुई शहादत की खबर जब शाम आज का सीरिया मुल्क के लोगों (अवाम ) तक पहुंची तो लोग हैरान होकर पूछते थे कि

जज साहब की पिटाई!

गुजरात में मजिस््ट्रेट को शराब शराब पिलाकर और हथकड़ी लगाकर पुलिस नेेेेे जो कार्य किया था उसकी भर्त्सना ज्यूडिशरीी ने की इसके साथ ही पूरे विश्वव नी इस घटना कीी भर्त्सना की पुलिस को जवाब देेेे बनाने के लिए तब भी कोई कानून नहीं बना था और ना आज बना है अगर सच्चाई कहीं जाए तो ना संसद में और ना विधानसभा में इस गंभीर मुद्दे पर कोई प्रश्न उठाया गया और ना चर्चा की गई अब गंभीर खबर बिहार से हैं पुलिस ने न्यायपालिका पर हमला बोल दिया जज साहब मधुबनी जिले के झंझारपुर अनुमंडल कोर्ट परिसर 1811 2021 को घोघरडीहा थाना अध्यक्ष ने जज साहब के चेंबर में घुसकर हमला कर दिया इस दौरान थाना अध्यक्ष ने जज साहब पर पिस्तौल तान दिया और गाली गलौज करते हुए जज साहब की पिटाई की गई भारत के न्यू इंडिया बनने के बाद इस तरह का हमला यह बता रहा है कि पुलिस तंत्र अब न्यायपालिका पर हावी हो जाएगा जजमेंट पर भी इसका अच्छा खासा असर दिखेगा न्यायपालिका को पुलिस तंत्र की प्रभाव में काम करना पड़ेगा न्यायपालिका स्वतंत्र रूप से काम करने में अपने को अछम महसूस करेगी जब तक पुलिस के गैर कानूनी कार्रवाई यों के विरुद्ध जवाबदेही कानून नहीं बनेगा तब तक न्याय की उम्मीद करना बेकारहै। न्याय की उम्मीद करना बेकार है इसका अर्थ यह है कि पुलिस सबूतों से पहले ही उससे छेड़छाड़ या नष्ट कर चुकी होती है जज साहब की पिटाई एक गंभीर मामला इसलिए भी है कि जब न्यायपालिका के आला अधिकारी की पिटाई की जा सकती है तो आम नागरिकों के साथ पुलिस न्याय करेगी ऐसी आशा करना नितांत मूर्खता के अलावा कुछ नहीं है

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