Ahmad Rizvi

जन्नतुल बक़ी

रसूल उल्लाह सल्लालाहों अलैह व आले वसल्लम ने जब ग़दीर में हज़रत अली को मौला का ऐलान किया कि जिसका मौला मैं उसके मौला अली इस ऐलान के बाद नबी करीम को ज़हर दे दिया गया उसके बाद यजीदीयों ने हज़रत अली को मस्जिद में सजदे के दौरान क़त्ल कर दिया यजीदीयों ने हज़रत अली के बेटे इमाम हसन को ज़हर दिलवाकर क़त्ल करा दिया आगे हज़रत अली के बेटे इमाम हुसैन और उनके समस्त परिवार, दोस्त समेत सबको क़त्ल करा दिया 1932 में एक बार फ़िर मुआविया और यजीद की औलाद को अरब की सत्ता ब्रिटिशों के रहमो करम से मिल गई जो सबसे पहला काम मुआविया और यजीद की औलादो और उनके चाहने वालो ने मोहम्मद मुस्तफा सल्लालाहों अलैह व आले मोहम्मद से दुश्मनी को अंजाम देते हुए अल्लाह के नबी की बेटी के मकबरा को ध्वस्त कर दिया सवाल उठता है कि 632 से बना हुआ 1932 तक कायम रहा अब तक वहां इस्लाम नहीं था ऐसा यजीदीयों का मानना है अब यजीदी अल्लाह के नबी के रोजे को तोड़ने की साज़िश भी यजीदी रचते आ रहे है रसूल उल्लाह सल्लालाहों अलैह व आले वसल्लम ने जब ग़दीर में हज़रत अली को मौला का ऐलान किया कि जिसका मौला मैं उसके मौला अली इस ऐलान के बाद नबी करीम को ज़हर दे दि...

महबूबा मुफ्ती और सेना पर एफ. आई. आर.

> जम्मू और कश्मीर की तत्कालीन मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के द्वारा फरवरी 2018 में सिविलियन मर्डर पर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी हमारी एक अधिवक्ता महोदय जिन का परिवार सेना से जुड़ा हुआ है के द्वारा मुझसे सवाल किए गए हैं कि यह बताओ कि अब आर्मी का क्या होगा महबूबा ने सेना पर एफआईआर कर दी है यही सवाल साथी बुज़ुर्ग अधिवक्ता सेे किया जिस पर वह नारााााज़ होकर कहने लगे कि महबूबा क्रेक हो गयी है उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था अब मैने अपने साथी अधिवक्ता को जवाब देने के बजाय उनसे सवाल पूछा कि क्या वह Armed Forces special powers act 1958 जिसे अफसपा कहते हैं उसे जानते हैं कि नहीं। उन्होंने कहाा हांं जानता हूं फिर आपको मालूम होना चाहिक कि सेना को भारत सरकार ने अशांत क्षेत्रों में किस प्रकार की विशेष शक्तियां प्रदान की है और सेना का कैसे संरक्षण किया है। इस एफ. आई. आर. का कुछ नहीं होगा, quash की जाएगी और रद्दी की टोकरी में डाल दी जाएगी। बात बात पर इसी कानून और मणिपुर राज्य की इरोम चानू शर्मीला के भूख हड़ताल के बारे में बात होने लगी कि कई सालो से हड़ताल के बाद भी भारत सरकार ने इस कानून को रद नहीं किया। अगर दुनिया में किसी कोने में किसी सेना द्वारा बलात्कार, मर्डर, और अन्य अत्याचार कर रही होती तो हम भारतीय उसकी जमकर भरतसना और आलोचना कर रहे होते। मगर मामला अपने देश का है पूरी दुनिया भारतीय कानून को पढ़कर,समझकर,अपने देशो में ऐसे कानून बनाकर सेना को संरक्षण दे सकती हैं और कोई कानूनी चुनौती भी नहीं दी जा सकती हैं। इसलिए इंडिया की डेमोक्रेसी को महान लोकतन्त्र कहा जाता है जिसमें आज़ादी भी है और आज़ादी पर अंकुश लगाने वाले अनेक कानून है। "हम लोगो को समझ सको तो समझो दिलबर जानी जितना भी तुम समझोगे उतनी होगी हैरानी, अपनी छतरी तुमको दे दे, कभी जो बरसे पानी, कभी नए पैकेट में बेंचे तुमको चीज़ पुरानी, फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी

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