Ahmad Rizvi

मौला अली साबिक अम्बिया से अफज़ल है

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मौला अली साबिक अम्बिया से अफज़ल है । कुछ मुसलमान अपने इल्म की कमी के कारण या मौला अली से बुगज़ रखने के कारण उनके दिमाग मे सवाल पैदा होते है और सार्वजनिक (public) प्लेटफार्म पर ऐसे सवाल उठाते भी है । आज इन सवालातों के जवाब को तलाश करते है। मौला अली अंबियाओ से अफज़ल है तो इसकी कोई दलील है , जी हाँ, इसकी दलील है । सवाल : क्या नबी करीम मोहम्मद मुस्तफा सलल्लाहों अलैह व आले वसल्लम नबीयों, अमबीयाओ, रसूलों, मलायका (फरिश्तों) और जिन्नतों के मौला है ? जवाब : जी हाँ , नबी करीम मोहम्मद मुस्तफा सलल्लाहों अलैह व आले वसल्लम नबीयों, रसूलों, अम्बियाओ, मलाएका, और जिन्नतों से न केवल अफज़ल बल्कि मौला है जब अल्लाह सुभान व तआला ने आदम के पुतले मे जान डाली तो हुक्म दिया मलाइका और जिन्न को सजदा हज़रत आदम का करना । फखरे अम्बिया सबसे अफज़ल है । सवाल : क्या ईसाई यहूदी मुशरिक काफिर के भी आप मौला है ? जवाब : नहीं , जो नबी करीम मोहम्मद मुस्तफा सलल्लाहों अलैह व आले वसल्लम को मौला नहीं मानता है उसको अख्तियार है कि मौला न माने । सवाल : क्या हज़रत ईसा के भी मौला है नबी करीम मोहम्मद मुस्तफा सलल्लाहों अलैह व आले वसल्लम ? ज...

इस्राइल का परमाणु बम

इस्राइल का परमाणु बम अमेरिका और पश्चिमी देशों के द्वारा इस्राइल के परमाणु बम पर खामोशी है इस्राइल के परमाणु बम की तकनीकी, मशीने और समान अमेरिका और पश्चिमी देशों के द्वारा उपलब्ध कराया गया और बनाया गया है इस्राइल का अरबों से कई जंग हो चुकी है (सन 1947- 1948 जब ब्रिटेन और पश्चिमी देशों के द्वारा अवैध असलहा देकर फिलिस्तीनियों का कत्ले आम करके यह देश बनाया गया था जिसका सबसे बड़ा अपराधी और साज़िशकर्ता ब्रिटेन था) 1956 मे सवेज नहर को मिश्र (Egypt) ने राष्ट्रीयकरण कराने पर इस्राइल ब्रिटेन और फ़्रांस तीनों ने मिश्र पर हमला कर दिया, 1967 की अरब इस्राइल जंग हुई जिसमे बैतूल मुकद्दस मे इस्राइल ने आग लगा दी और अरबों मे सीरिया लेबनान जोर्डन की ज़मीन पर कब्जा कर लिया था जिसमे अमेरिका ब्रिटेन फ़्रांस और अन्य देशों ने इस्राइल की मदद की । सन 1973 मे मिश्र और इस्राइल की जंग , सन 1982 मे लेबनान से जंग , सन 2000 मे लेबनान के हिज़्बोल्लाह से झड़पे और सन 2006 मे लेबनान के हिज़्बोल्लाह और इस्राइल से जंग और वर्तमान 2023 फिलिसतीन और इस्राइल से जंग हो रही है । फिलिसतीन और इस्राइल से जंग के बीच इस्राइल के मंत्री के द्वारा फिलिसतीन के गाज़ा पट्टी पर परमाणु बम से हमला करने की धमकी दी गई । जिसके बाद इस्राइल के परमाणु बम का खुलासा हुआ ऐसा पहले से दुनिया मानती थी कि इस्राइल के पास परमाणु बम है । इस्राइल के परमाणु बम से क्षेत्र के अरब देशों और दुनिया के लिए बड़ा खतरा है इस्राइल का परमाणु बम दुनिया के लिए खतरनाक है । इस्राइल ने अपने परमाणु बम से ध्यान हटाने के लिए ईरान के युरेनीयम संवर्धन को बढ़ा चढ़ा कर बताना आरम्भ किया ताकि इस्राइल के परमाणु बम से दुनिया का ध्यान हटाया जा सका । दुनिया की दाग़ी और बदनाम संस्था अन्तराष्ट्रिय परमाणु ऊर्जा एजेंसी जिसकी रिपोर्ट के आधार पर इराक को तबाह करने का बहाना अमेरिका और नाटो संगठन को मिला मानो इस संस्था ने अमेरिका के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए झूठी रिपोर्ट प्रस्तुत की गई थी और इराक को बर्बाद कर दिया गया । लगातार ईरान के परमाणु रिएक्टर की जांच दाग़ी और बदनाम संस्था अन्तराष्ट्रिय परमाणु ऊर्जा एजेंसी कर रही है । इस्राइल के परमाणु रिएक्टर और परमाणु बम पर अभी भी यह दाग़ी और बदनाम संस्था अन्तराष्ट्रिय परमाणु ऊर्जा एजेंसी खामोश तमाशाई (मूक दर्शक) बनी है । दाग़ी और बदनाम संस्था अन्तराष्ट्रिय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने अमेरिका और पश्चिमी देशों के एजेंट के रूप मे काम किया है और कर रहा है और अमेरिका और पश्चिमी देशों के political aim राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति करने के लिए वैसी ही रिपोर्ट बनाना आरम्भ कर दिया जैसा कि अमेरिका इस्राइल और पश्चिमी देश चाहते है और ईरान ने कई गुना अधिक यूरेनियम संवर्धन कर लिया ईरान परमाणु बम के करीब है ऐसी रिपोर्ट देना दाग़ी और बदनाम संस्था अन्तराष्ट्रिय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने आरम्भ कर दिया ईरान दाग़ी और बदनाम संस्था अन्तराष्ट्रिय परमाणु ऊर्जा एजेंसी का सहयोग नहीं कर रहा । और इस्राइल परमाणु बम बना चुका है । और इस्राइल के परमाणु बम का परीक्षण अमेरिका और पश्चिमी देशों ने अपनी ज़मीन पर करा दिया है । और इस्राइल के परमाणु बम से दुनिया को कोई खतरा नहीं है ऐसा दिखाया जाता है जबकि इस्राइल का परमाणु बम दुनिया के साथ साथ अरब के मुस्लिमों के बहुत बड़ा खतरा है ।

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