Ahmad Rizvi

दीन -ए-हनीफ़

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दीन–ए–हनीफ़ दीन-ए- हनीफ़ के बारे मे कुरान मजीद मे ज़िक्र किया गया है अल्लाह रब्बुल इज्ज़त ने यहूदी और ईसाई मज़हब के आने के बाद उसका ज़िक्र क्यों नहीं किया जबकि यहूदी के यहोवा और ईसाईयों के गॉड एक अल्लाह का ही ज़िक्र करते है मुसलमानों यहूदीयों और ईसाईयों तीनों का यहोवा अल्लाह गॉड एक ही है और हज़रत इब्राहीम के ही वंशज है तीनों फिर भी अल्लाह कुरान मजीद मे दीन हनीफ़ का ज़िक्र किया गया है मोहम्मद मुस्तफा सलल्लाहों अलैह व आले वसल्लम के पूर्वज या (जद अमजद) भी दीन ए हनीफ़ पर कायम थे। आज चर्चा का विषय या मौजू दीन ए हनीफ़ है । हनीफ़ एक अल्लाह की इबादत करने वाले को कहते है और मूर्ति पूजा और अल्लाह का शरीक से दूर रहना है, हज़रत इब्राहीम ने अल्लाह की इबादत की और मूर्ति पूजा के खिलाफ संघर्ष किया, इसलिए उन्हे हनीफ़ कहा जाता है । दीन-ए –हनीफ़ उन लोगों का दीन है जो अल्लाह की इबादत करते है । अल्लाह की इबादत तो यहूदी भी करते है और अल्लाह की इबादत ईसाई भी करते है लेकिन यहूदी हज़रत उजैर को अल्लाह का बेटा कहते है और ईसाई हज़रत ईसा को अल्लाह का बेटा कहते है इस शिर्क को अल्लाह ने नकारा है और इरशाद फरमाता सूरे इखलास ...

VICTORY DAY/ विजय दिवस और इमरान खान

विक्ट्री डे या विजय दिवस रूस द्वारा 09 मई को इसलिए मनाया जाता है कि रूस ने नाजी जर्मनी को हराया था और 09 मई 1945 से विक्ट्री डे के रूप मे मनाती आयी है । लेकिन 09 मई 2023 के विक्ट्री डे मे क्या विशेष था और इस दिन को अमेरिका ब्रिटेन आतंकी देश इस्राइल के साथ पाकिस्तान की सरकारों और खुफिया एजेंसी अर्थात CIA, MOSSAAD MI6 के साथ ISI ने बहुत बड़ी साजिश रची और वह साजिश थी कि उसी दिन इमरान खान को गिरफ्तार करके दुनिया को यह दिखाना था कि अमेरिका ब्रिटेन और इस्राइल की योजना के खिलाफ अगर कोई काम करेगा तो उसका अंजाम क्या होगा यह दुनिया को दिखाना था । इमरान खान को इबरत बनाने के पीछे उनका पूर्व मे क्या गया रूस को समर्थन देना था जिस दिन अर्थात 24 फरवरी 2022 को जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया उसी दिन इमरान खान मास्को मे थे और रूस को समर्थन दे रहे थे । 09 मई 2023 को इमरान खान को गिरफतार करने के बाद मौका देखकर इमरान खान को कत्ल करने की आशंका थी और है उसका बड़ा कारण यह है इस कत्ल को कराने मे उपरोक्त पाकिस्तान दुश्मन देश का पूर्ण समर्थन शहबाज़ को प्राप्त है । पाकिस्तान दुश्मन देश ने यह समर्थन अपने वक्तव्य के द्वारा दे चुके है । अब पाकिस्तान दुश्मन देश के निर्देश पर वहां की अदलिया /judiciary के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी की जा रही है । इमरान खान की गिरफ़्तारी के सम्बन्ध मे और उसके बाद होने वाले गृह युद्ध के बारे मे शहबाज़ और आर्मी चीफ दोनों जानते थे इसलिए शहबाज़ शरीफ देश छोड़कर लंदन भाग गये और आर्मी चीफ खाड़ी के देश चले गए इन दोनों को हालात का पता था । शहबाज़ की सरकार बनाने मे क्योंकि इन पाकिस्तान दुश्मन ताकतों ने बड़ी मदद की थी उसका एहसान के तहत गुलामी करनी है और अपने आकाओ का हुक्म मानते हुए इमरान खान की ज़िन्दगी को खत्म करना है । लंदन मे भगौड़ा नवाज़ शरीफ और उसका भाई शहबाज़ शरीफ पाकिस्तान दुश्मन ताकतों और आतंकी देश इस्राइल के साथ मिलकर पाकिस्तान अवाम के साथ दुश्मनी कर रहे है और पाकिस्तान अवाम को सज़ा देने के लिए आतंकी देश इस्राइल के साथ मिलकर महगाई को बेतहाशा बढ़ा दिया । इन चोरों जिसमे पाक आर्मी भी है इनके महल ब्रिटेन और अमेरिका मे है । इस घटना के द्वारा दुनिया को पैगाम दे रहे थे कि जो रूस के साथ है उसका हश्र क्या होगा । मगर रूस के साथ एक और देश चीन है अब देखना यह है अमेरिका के इशारों पर पाकिस्तान कब चीन की पीठ मे छुरा घोंपेगा ।

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