Ahmad Rizvi

झूठा प्रचार

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दुनिया भर मे प्रचार और झूठा प्रचार होता रहता है । इस झूठे प्रचार के नकारात्मक (मनफी) प्रभाव से इंसान का बड़ा नुकसान होता रहा है । अक्सर आपने सुना होगा कि एक समुदाय (तबका) अपने नबीयों के बारे मे सच को न जानते हुए झूठा प्रचार करना शुरू कर देते है । इसी तरह हज़रत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैह व आले वसल्लम के खिलाफ जादूगर होने का प्रचार किया गया । आज के दौर की तरह उस समय संचार के माध्यम (means of communication) इतने तेज़ नहीं थे इसके बावजूद मौखिक (ज़बानी) प्रचार के द्वारा एक दूसरे तक बात फैलाते थे उस बात की सच्चाई को जाने बिना या तसदीक किए बिना सच मान लेते थे । अब अल्लाह सुभान व तआला के नबी मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैह व आले वसल्लम के जानशीन अमीर-उल –मोमीनीन के बारे मे जो प्रचार किया गया उसको देखे “ जब हज़रत अली इब्ने हज़रत अबू तालिब पर नमाज़ मे सजदे के दौरान सर पर ज़हर बूझी हुई तलवार से अब्दुर रहमान इब्ने मुलजिम के द्वारा हमला किया और उस ज़ख्म के दौरान हुई शहादत की खबर जब शाम आज का सीरिया मुल्क के लोगों (अवाम ) तक पहुंची तो लोग हैरान होकर पूछते थे कि

ईरान के लिए बड़ा खतरा

रूस और यूक्रेन जंग मे पश्चिमी देशों के द्वारा लगातार ईरान पर आरोप लगाया जाता रहा है कि उसने रूस को असलहा, ड्रोन की सप्लाई कर रहा है इससे पहले भी ईरान दुश्मनी मे पश्चिमी देश अब तक कई बड़ी कार्यवाही कर चुके है जिसमे ईरान-इराक़ जंग कराना भी था । ईरानी हुकूमत को उखाड़ फेकने की नियत से ISIS जिसे पूर्व मे फ्री सीरियन आर्मी का नाम दिया गया था उनके द्वारा सीरिया और इराक़ मे हमले कराने और इन दोनों देशों पर कब्ज़े के बाद ईरान पर हमला करना और जंग छेड़ना था ताकि ईरान की हुकूमत को सत्ता से हटाना था ISIS का गठन अमेरिका और उसके सहयोगीयो के द्वारा किया गया था । अफगानिस्तान के ज़रिए भी ईरान को destabilize करने की कोशिश की जा चुकी है जिसमे भी नाकामी हाथ लगी । ISIS जैसे खूंखार आतंकवादीयो को अमेरिका द्वारा सीरिया से अफगानिस्तान लाया गया जिसकी सूचना पूरी दुनिया को रूस ने दी थी । अफगानिस्तान मे अमेरिकी असलहों को बड़ी तादाद मे जिसमे TANK तोप बख्तरबंद गाड़ी आदि शामिल है को अफगानिस्तान मे उसी तालिबान को सौंपना जिसको आधार बनाकर अफगानिस्तान मे अमेरिका और नाटो संगठन ने जंग छेड़ा था असलहों को तालिबान को सौंपने के पीछे भी अमेरिका के उद्देश्य होंगे । लगातार आतंकी देश इस्राइल के द्वारा ईरान को जंग की धमकी देना और आतंकी घटनाओ के जरिए कभी उसके सैन्य अधिकारी और कई परमाणु वैज्ञानिको को कत्ल किया गया । आतंकी देश इस्राइल कभी जंग की हिम्मत नहीं कर सका । लगातार ईरान और आतंकी देश इस्राइल मे तनाव बढ़ता चला जा रहा है और मुस्लिम संगठनों और प्रतिरोध बलो जैसे हमास हिज़्बुल्लाह फिलिसतिन इस्लामिक जेहाद आदी ईरान ने उसी तरह मजबूत किया जिस तरह पश्चिमी देशों ने आतंकी देश इस्राइल को मजबूत किया। इससे आतंकी देश इस्राइल ने अपने अस्तित्व (वजूद ) को खतरे मे देखता है । इसलिए कई मोर्चों पर पश्चिमी देशों की शाख गिर चुकी है । ब्रिटेन फ़्रांस और अमेरिका के तेल वाहक जहाज़ को ईरान ने उसी तरह पकड़ लिया जिस तरह ब्रिटेन फ़्रांस ने ईरान का तेल वाहक जहाज़ को पकडा था । अमेरिका के ग्लोबल हॉक जैसे बड़े जासूसी ड्रोन को मार गिराया जनरल कासिम सुलेमानी के कत्ल (कासिम सुलेमानी का कत्ल अमेरिका ने अपनी कायराना हरकत के द्वारा इराक़ के एयर पोर्ट के बाहर तब किया जब एयरपोर्ट से कार के द्वारा यात्रा कर रहे थे ) के बाद इराक़ मे अमेरिकी अड्डों पर सीधा हवाई हमला और मिसाईल से हमला किया इसका उल्लेख इस लिए करना पड़ रहा कि जापान के द्वारा अमेरिका के पर्ल हार्बर पर हमले पर अमेरिका जंग मे कूद पड़ा था , ईरान की इन घटनाओ पर खामोश रहना ही मुनासिब समझा उसका बड़ा कारण अफगानिस्तान और इराक़ मे अमेरिकी और पश्चिमी देशों के द्वारा जितनी लाशों को उठाया गया उससे कई सौ गुना ज्यादा लाशे ईरान से जंग करके उठाना पड़ता जिसके लिए पश्चिमी देश तैयार नहीं थे । अमेरिका और पश्चिमी देशों के लिए अपनी इज़्ज़त आबरू को बेच देने वाला देश पाकिस्तान जिसकी सीमा ईरान से भी जुड़ती है पाकिस्तान जिसने अपनी आबरू को अमेरिका और पश्चिमी देशों की जूतियों के नीचे हमेशा रखा , वर्तमान मे जो शहबाज़ शरीफ की सरकार है जिसके ऊपर अमेरिका और ब्रिटेन का विशेष हाथ है और शहबाज़ शरीफ की सरकार को बनाने मे इन दोनों देशों का अहम रोल भी है । भगौड़ा नवाज़ शरीफ इस वक़्त ब्रिटेन मे है और अमेरिका और ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी से मिलकर बड़ी साजिश मे लिप्त है । शहबाज़ शरीफ की सरकार को बनाने मे इन दोनों देशों का अहम रोल भी था अमेरिका ब्रिटेन और आतंकी देश इस्राइल के साथ मिलकर शहबाज़ शरीफ ने ईरान के खिलाफ भयानक षड्यन्त्र रचा गया है इस सरकार के द्वारा हालिया हिजाब परदर्शन के दौरान ईरान के सीमावर्ती प्रांत बलोचिस्तान मे ईरानी प्रोटेस्टरो के बीच मे असलहाधारी लोग पाकिस्तान के जरिए ईरान मे दाखिल हुए और कार्यवाही की । शहबाज़ सरकार आतंकी देश इस्राइल के साथ भी तालुकात बहाल करने और आतंकी देश इस्राइल को मान्यता देने की खबरो को फैलाया गया । पाकिस्तानी जहाज को आतंकी देश इस्राइल के बंदरगाह मे लंगर डालने की खबर भी आयी । शहबाज़ सरकार ने इमरान खान को गिरफ्तार करने और उसके बाद होने वाले हंगामे से भलीभाँति वाकिफ है । लेकिन इसके बाद पीछे एक भयानक साजिश ईरान के खिलाफ रची गयी है जिसमे आतंकी देश इस्राइल भी शामिल है सीधा ईरान पर हमले करने की आतंकी देश इस्राइल की हिम्मत नहीं है । इसलिए अपने मकसद को पूरा करने के लिए आतंकी देश इस्राइल को आतंकी गतिविधि की जरूरत है इस जरूरत को पूरा करने के लिए अमेरिका ने शहबाज़ शरीफ की सरकार के जरिए अपने मकसदों को पूरा करने की योजना बनाई है । जब पाकिस्तानी फौज पाकिस्तानी लोगों पर ज़ुल्म करेगी तो अपने प्रशिक्षित खूंखार आतंकवादीयों के ज़रिए ईरान के भीतर हमले करने और घुसपैठ के ज़रिया बनेगा पाकिस्तान । पूर्व मे पाकिस्तान के कारनामे जिससे यह पता लगता है कि पाकिस्तान अमेरिका के प्रति कितना वफादार और क्षेत्रीय देशों की शांति के लिए कितना बड़ा खतरा है । 1. अफगानिस्तान मे अमेरिकी हितों की हिफाजत के लिए पाकिस्तान ने अपने ही धर्म के लाखों लोगों का कत्ल कराने मे कोई गुरेज़ नहीं किया । 2. सन 1971 मे पाकिस्तानी फौज जब ज़लील होकर भारतीय फौज के आगे अपने असलहों को जमीन पर रखकर सरेन्डर किया उस बुज़दिली की कोई दूसरी मिसाल नहीं मिलती है । उसके बाद पाकिस्तानी फौज भारत से लड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पाई लेकिन उसने आतंकवाद और कायरना कार्यवाही के माध्यम लाखों कश्मीरी मुसलमानों और भारत के पंजाबीयो का कत्ल कराया । 3. पाकिस्तानी फौज ने अपने जमीर (जो 1971 की जंग मे हमेशा के लिए मनोबल गिर चुका है )को अमेरिका के आगे फरोख्त कर चुका था अमेरिका के इशारों पर पाकिस्तान के परमाणु बम के जनक अब्दुल क़दीर खान पर किस तरह का इल्जाम लगाया गया और किस तरह बेइज्ज़त किया गया जिसका दुनिया मे कोई दूसरी मिसाल नहीं मिलती। 4. चीन और पाकिस्तान की दोस्ती को समुद्र से गहरा और आकाश से ऊंचा बताने वाली पाकिस्तान , चीन के भी पीठ मे अमेरिका के कहने पर छुरा चला सकता है और अमेरिका के इशारों पर चाईना पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर को sabotage करा सकती है । 5. रूस के दौरे पर इमरान खान के जाने पर अमेरिका ने उसकी सरकार का तख्ता पलट करा दिया जिस तरह यूक्रेन मे तख्ता पलट कराया । कुल मिलाकर पाकिस्तान के चरित्र को देखते हुए ईरान को सतर्क रहने की जरूरत है ईरान के खिलाफ आतंकी देश इस्राइल और अमेरिका के साथ पाकिस्तान भी साज़िश मे शामिल है और ईरान के लिए पाकिस्तान बड़ा खतरा है चौकस निगाह रखने की जरूरत ईरान को है । ईरान का यह पड़ोसी आतंकवाद और विशेषकर अमेरिकी आतंकवाद के साथ है ।

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