Ahmad Rizvi

हज़रत अबूज़र गफारी

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क़ुरान मजीद मे प्रत्येक खुश्क और तर चीज़ का उल्लेख (ज़िक्र) है । अर्थात क़ुरान मजीद मे हर चीज़ का उल्लेख है । इस पर अल्लाह सुभान व तआला के नबी मोहम्मद मुस्तफा सललल्लाहो अलैह व आले वसल्लम के साथियों के बारे मे जानकारी क़ुरान मजीद से करना चाहा है इस सम्बन्ध मे सूरे फतह की आयत संख्या 39 के कुछ अंश का उल्लेख करता हूँ मोहम्मद (सललल्लाहो अलैह व आले वसल्लम) अल्लाह के रसूल है और जो लोग उन के साथ है काफिरों पर बड़े सख्त और आपस मे बड़े रहम दिल है । इस आयत मे दिये गये अंशों के आधार पर आज सहाबी-ए-रसूल हज़रत अबूज़र गफारी और हज़रत उस्मान मे होने वाले मतभेद के विषय पर रोशनी डालना चाहेंगे और इस पसमंजर मे कुरान मजीद की उपरोक्त आयत को मद्देनज़र रखते हुवे दोनों सहाबीयों को समझने का प्रयास करते है और पाठक (पढ़ने वाले) खुद नतीजे पर पहुंचे – आइये गौर करते है :- 1. मोहम्मद मुस्तफा सललल्लाहो अलैह व आले वसल्लम अल्लाह के रसूल है । 2. जो लोग मोहम्मद मुस्तफा सललल्लाहो अलैह व आले वसल्लम के साथ है वो काफिरों पर बड़े सख्त है । 3. जो लोग मोहम्मद मुस्तफा सललल्लाहो अलैह व आले वसल्लम के साथ है वो आपस मे बड़े रहम दिल है । अबूज़र ग...

अमेरिका के लिए पाकिस्तान का महत्व ::4

पाकिस्तान से अरब सागर में पहुँचने के अलावा अन्य रास्ता न होने के कारण पाक अधिक्रत कश्मीर गिलगिट बाल्टीस्तान भारत वापस ले ले तो अमेरिकन की अफगानिस्तान की एकसेस /पहुंच पाकिस्तान को छोड़कर भारत के थल व वायुमार्ग के माध्यम से हो सकता है जो वर्तमान / फिलहाल संभव नहीं हो पाया इसके पश्चात भारत और पाकिस्तान को वार्ता और रिश्ते सामान्य करने का दबाव अमेरिका द्वारा डाला जाने लगा। भारत सरकार जो आतंकवाद और वार्ता साथ सााथ नहीं चल सकते की बात करती थी उसको अब पाकिस्तान से वार्ता करनी पड रही हैं और रिश्ते सामााान्य नकरने पर ज़ोर /दबाव दियााजा रहा है। मध्य एशिया और अफगानिस्तान तक पहुंचने के लिए ईरान के चाबहार और अन्य्य तत्वों से पहुंचाा जा सकत है वह भी तब जब पाकिस्तान से संबंध हरा हूं अमेरिकन प्रतिबंध का समर्थन करते हुए और अमेरिकाा को अधिमान देते हुए तेल आयात बंद कर दियाा थ जिसका परिणाम ईरान से भारत केेेे संबंध अमेरिका प्रतिबंध के कारण खराब हो गए वर्तमान में चीन और ईरान काााा 25 वर्षीय समझौता अमेरिका की हार के साथ भारत को भीीी नुकसान पहुंचाने वाली है इन सारे तथ्यों के आधार पर देखा गयाा है कििि पाकिस्तान अमेरिका के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और अगर पाकिस्तान को अमेरिका खुल्लम-खुल्ला दुश्ममन बना तो अमेरिकाा के दुश्मनदेशों का बहुत बड़ा समूह बन जाएगा इसमें उत्तरी कोरिया चीन पाकिस्तान अफ़गानिस्तान रूस ईरान इराक सीरिया और तुर्की तक हो सकता है दोस्त पाकिस्तान से दुश्मन पाकिस्तान अमेरिका और ईसाई फौजो के लिए बहुत भारी पड़ेगा इसलिए ईसाई फौजी और मीडिया पाकिस्तान को बहुत नुकसान पहुुंचाते है मगर इसके साथ कुछ अरब डॉलर केे बदले फटकार और दबाव बनाते हैै अगर यह दबाव से पाकिस्तान उभर गया तो परमाणु हथियार संपन्न पाकिस्तान अमेरिका और ईसाई मूलको और उनकी और उनकी अफगानिस्तान में तैनात फौज के लिए भारी पड़ेगा। उपरोक्त तथ्यों को ध्यान में रखते हुए अमेरिका के लिए पाकिस्तान अत्यन्त महत्वपूर्ण है जिसेे दुश््मन बनाकर उद्देश्य नहीं पूरेे कियेे जा सकते हैं जबकि पाकििस्तान को दोस््त बनाकर उससे उद्देश्य की पूर्ति भी की जा सकती हैं और पाकिस्तान को ज़बरदस्त नुकसान भी पहुुँचाया यजा सकता है ।

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