Ahmad Rizvi

मुस्लिम भारत संघ में और उन पर उठने वाले सवाल

ऐसा बहुत सारे लोगों से सुना होगा कि पाकिस्तान चले जाओ सऊदी चले जाओ एक समाजवादी पार्टी के नेता है जो यह कहते हैं कि हम पाकिस्तान जा सकते थे मगर हमने भारत को चुना यह सारी बातें एक मूर्ख व्यक्ति और अज्ञानी व्यक्ति कर सकता है फिर अक्लमंद इंसान दानिशमंद इंसान की प्रतिक्रिया क्या होगी पाकिस्तान बनने के बाद भारत में बहुत मुस्लिम रियासत थी जैसे भोपाल रियासत, रामपुर, निज़ाम हैदराबाद, महमूदाबाद, जूनागढ़ आदि रियासत जब यूनियन ऑफ इंडिया में मिलाया गया तो उसके साथ उनकी हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई बौद्ध प्रजा को भी भारत संघ में मिलाया गया जैसे जम्मू और कश्मीर हिंदू राजा के अधीन होने के बाद मुस्लिम वहां बहुमत से है अब यह कोई कहे कि मुसलमान को पाकिस्तान जाना चाहिए तो उन्हें इस बात को बता देना कि मुसलमान का भारत में होना पाकिस्तान के बनने से नहीं हैं बल्कि प्रिंसिली स्टेट में पहले से होने और भारत संघ में उनके अस्तित्व के साथ स्वीकार किया गया था

हिंसा और हथियार

हिंसा और हथियार से बदलाव नहीं आ सकता..... अमित शाह क्या उनकी इस बात से सहमत हुआ जा सकता है हम लोग इस बात से सहमत नहीं है हिंसा और हथियार से ही बदलाव अमित शाह भी ला रहे है बस अन्तर यह है कि जिन को मिटाया जा रहा है उनकी संख्या और हथियार कम है जो मिटा रहे हैं उनकी संख्या हथियार संसाधन पर्याप्त है इस लिए यह कहना बिल्कुल गलत है कि हिंसा और हथियार से बदलाव नहीं लाया जा सकता पूर्व में बहुत से उदाहरण है जैसे बाबर के पास उन्नत तोप ने जंग के नक्शे को बदल दिया, अंग्रेजों के आधुनिक हथियार, जापान पर परमाणु हथियार गिराना अफगानिस्तान इराक सीरिया और लीबिया को हिंसा और हथियारों के द्वारा लूटा गया इसलिए हम लोग अमित शाह के बयान से सहमत नहीं हैं

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