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Showing posts from March, 2025

Ahmad Rizvi

POK और COK

POK और COK पाकिस्तान अधिक्रत कश्मीर या पाकिस्तान द्वारा कब्ज़ा किया गया कश्मीर को ही पी.ओ.के. कहते है और चीन के द्वारा कब्ज़ा किए गये कश्मीर को सी.ओ.के. कहते है । हाल ही मे दो महत्वपूर्ण घटनाए हुई है । लंदन से भारतीय विदेश मंत्री का POK को वापस लाने का अज़म लेते हुवे बयान देना । इसके साथ ही कारगिल मे भारत के द्वारा पहली बार C-17 ग्लोब मास्टर जैसे विशालकाय विमान की सफलतापूर्ण लैन्डिंग कराना एक महत्वपूर्ण उपलब्धि को दर्शाया गया है । जिससे रसद, गोला बारूद, आर्म्स और एमूनेशन, सैनिकों को तेज़ी के साथ फ्रन्ट लाइन तक पहुंचाया जा सकता है । जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री ने POK के साथ चीन अधिक्रत कश्मीर, को भारत का हिस्सा बताया और उसे वापस न लाने के लिए कोई बयान नहीं दिया गया, इस पर टिप्पणी की गई जिसका भारतीय जनता पार्टी और उसकी सिस्टर संस्थाये अपने नेता के इशारों पर विरोध परदर्शन करना आरंभ किया जा चुका है । सन 2020 मे गलवान संघर्ष को मद्देनजर रखते हुवे जो अभी तक गतिरोध बना हुआ था हाल ही मे गतिरोध टूटा है। ऐसे मे चीन पर बयान देकर पूर्व के हालात सीमा पर बन जाए । लेकिन ऐसा नहीं है की चीन अधिक्रत कश...

POK और COK

POK और COK पाकिस्तान अधिक्रत कश्मीर या पाकिस्तान द्वारा कब्ज़ा किया गया कश्मीर को ही पी.ओ.के. कहते है और चीन के द्वारा कब्ज़ा किए गये कश्मीर को सी.ओ.के. कहते है । हाल ही मे दो महत्वपूर्ण घटनाए हुई है । लंदन से भारतीय विदेश मंत्री का POK को वापस लाने का अज़म लेते हुवे बयान देना । इसके साथ ही कारगिल मे भारत के द्वारा पहली बार C-17 ग्लोब मास्टर जैसे विशालकाय विमान की सफलतापूर्ण लैन्डिंग कराना एक महत्वपूर्ण उपलब्धि को दर्शाया गया है । जिससे रसद, गोला बारूद, आर्म्स और एमूनेशन, सैनिकों को तेज़ी के साथ फ्रन्ट लाइन तक पहुंचाया जा सकता है । जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री ने POK के साथ चीन अधिक्रत कश्मीर, को भारत का हिस्सा बताया और उसे वापस न लाने के लिए कोई बयान नहीं दिया गया, इस पर टिप्पणी की गई जिसका भारतीय जनता पार्टी और उसकी सिस्टर संस्थाये अपने नेता के इशारों पर विरोध परदर्शन करना आरंभ किया जा चुका है । सन 2020 मे गलवान संघर्ष को मद्देनजर रखते हुवे जो अभी तक गतिरोध बना हुआ था हाल ही मे गतिरोध टूटा है। ऐसे मे चीन पर बयान देकर पूर्व के हालात सीमा पर बन जाए । लेकिन ऐसा नहीं है की चीन अधिक्रत कश...

तुर्किये

तुर्कीये तुर्की दुनिया भर के मुसलमानों के जज़्बात के अनुसार बयान देता है तुर्की नाटो का सदस्य है इराक और सीरिया में अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों के साथ मिलकर आइसिस को प्रशिक्षण देने उन्हें रहने खाने और हथियार की सहूलत देने के साथ तुर्की की ज़मीन को इराक और सीरिया में आतंकवादी गतिविधियों के इस्तेमाल की इजाज़त भी दी। इसके साथ 7 अक्टूबर 2023 से फिलिस्तीन पर होने वाले हमले की मजम्मत करने में तुर्की सबसे आगे था और है लेकिन तुर्की की कोई दिलचस्पी इसराइल को रोकने में कभी नहीं रही उसकी दिलचस्पी सीरिया में तख्तापलट की रही सीरिया की सरकार बदल गयी मगर इस सरकार के बदलने में सबसे अहम रोल अदा किया तुर्की ने और सबसे ज़्यादा फायदा हुआ है अमेरिका और इसराइल को फिर भी लोग यह समझते हैं कि तुर्की फिलिस्तीन या अरब का हमदर्द है गलत है ये अमेरिका और इसराइल का एजेंट है और इस एजेंट को ही अमेरिका और अन्य, मुसलमानों का खलीफा कभी हमदर्द और न जाने क्या क्या प्रोजेक्ट करते है

अमेरिका का मुनाफाखोर व्यापारी राष्ट्रपति

दुनिया अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रुख से अचंभित हो गई है जिस अमेरिका ने यूक्रेन को रूस से जंग करने के लिए हौसला अफज़ाई किया था आज वही अमेरिका रूस के पैरों पर गिरकर जंगबंदी के लिए गिड़गिड़ा रहा है और यूक्रेन को भी ऐसा करने को कह रहा है। अब अमेरिका के कहने पर कौन ज़ेलेंस्की बनने को तैयार होगा? कौन देश अमेरिका के कहने पर चीन से जंग करने को तैयार होगा? अब अगर वर्तमान में ट्रंप के कहने पर चीन से कोई देश जंग को तैयार होता है तो आगे आने वाला अमेरिका का राष्ट्रपति उस देश को यूक्रेन की तरह अकेला तन्हा छोड़ सकता है। इससे वो देश जो अमेरिका को अपना आदर्श मानते है वो देश भयभीत है। एक पत्रकार ने अमेरिका का उपहास उड़ाते हुए कहा कि अगर चीन ताइवान पर कब्ज़ा कर ले और डोनाल्ड ट्रंप को ताइवान में चीप बनाने की फैक्ट्री खोलने को दे दे तो ट्रंप उस पर भी राज़ी हो जायेंगे। ट्रंप को इतना मुनाफाखोर व्यापारी बताया है जिसके लिए सिर्फ और सिर्फ मुनाफा ही सब कुछ है।