Ahmad Rizvi

हज़रत अबूज़र गफारी

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क़ुरान मजीद मे प्रत्येक खुश्क और तर चीज़ का उल्लेख (ज़िक्र) है । अर्थात क़ुरान मजीद मे हर चीज़ का उल्लेख है । इस पर अल्लाह सुभान व तआला के नबी मोहम्मद मुस्तफा सललल्लाहो अलैह व आले वसल्लम के साथियों के बारे मे जानकारी क़ुरान मजीद से करना चाहा है इस सम्बन्ध मे सूरे फतह की आयत संख्या 39 के कुछ अंश का उल्लेख करता हूँ मोहम्मद (सललल्लाहो अलैह व आले वसल्लम) अल्लाह के रसूल है और जो लोग उन के साथ है काफिरों पर बड़े सख्त और आपस मे बड़े रहम दिल है । इस आयत मे दिये गये अंशों के आधार पर आज सहाबी-ए-रसूल हज़रत अबूज़र गफारी और हज़रत उस्मान मे होने वाले मतभेद के विषय पर रोशनी डालना चाहेंगे और इस पसमंजर मे कुरान मजीद की उपरोक्त आयत को मद्देनज़र रखते हुवे दोनों सहाबीयों को समझने का प्रयास करते है और पाठक (पढ़ने वाले) खुद नतीजे पर पहुंचे – आइये गौर करते है :- 1. मोहम्मद मुस्तफा सललल्लाहो अलैह व आले वसल्लम अल्लाह के रसूल है । 2. जो लोग मोहम्मद मुस्तफा सललल्लाहो अलैह व आले वसल्लम के साथ है वो काफिरों पर बड़े सख्त है । 3. जो लोग मोहम्मद मुस्तफा सललल्लाहो अलैह व आले वसल्लम के साथ है वो आपस मे बड़े रहम दिल है । अबूज़र ग...

प्रशिक्षण


अग्निपथ की स्कीम  या मकान तोड़ने की  योजना /planning  मिली कहां से  आइये जानते  2014 से  इस्राएल और  भारत  सरकार  के  रिश्ते  मज़बूत  होते  गये  इस  मज़बूती  के  अन्तर्गत  अधिकारियों के प्रशिक्षण /training  दिलाई गयी  उस  training के  बाद  हम लोगो ने देखा अदालते खमोश तमाशई बन गयी, कोई भी petition  file की जाती उसमें  न्यायालय  को समय ही नहीं था चाहे वो  C.A.A.  हो  अनुच्छेद 370 हो  धारा 35 A  हो  सभी मसलो पर तमाशई बना रहा इसके बाद  अर्नब गोस्वामी के मामले मे suo motu से  interest ले लिया क्योंकि मामला मे  भाजपा का interest था अब  आइये  executive body  ने  भी  एक अजीब रोल अदा कर रही है वो  रोल  यह है कि अगर मामला भाजपा से  जुड़े लोगो या  संस्था का  है  तो कार्यवाही तेज़ी से होगी और  अगर आरोपी  मुसलमान  हुवा तो  फ़िर  ईट से ईट  बजा दी जायेगी कभी भी भारतीय मुस्लिमो को agitation तो  दूर बोलने पर भी प्रतिबंध है  वो  बोल  नही सकता मिडीया मे उसके खिलाफ़ ज़हर उगला जाता है  कोई कार्यवाही नही क्योंकि  सरकार की मंशा पर काम हो रहा है अब बात आती हैं legislative  की  constitution of india  कोई भी conservation  देता हो  minority को  उसके  खिलाफ़  कानून बनाया जाता है और जो  संरक्षक है  constitution of india के  वो या तो  खमोश तमाशाई बने है या सरकार से  compromise करने के  कारण  और  सेवानिव्रत के  बाद पद की  लोलुप्ता के लिए  अपने ज़मीर को  बेच दिया जैसा कि  पिछली  नज़ीर  गोगोइ की  बन चुकी है यह है  हमारा लोक्तन्त्र भारतीय लोकतंत्र

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