
अग्निपथ की स्कीम या मकान तोड़ने की योजना /planning मिली कहां से आइये जानते 2014 से इस्राएल और भारत सरकार के रिश्ते मज़बूत होते गये इस मज़बूती के अन्तर्गत अधिकारियों के प्रशिक्षण /training दिलाई गयी उस training के बाद हम लोगो ने देखा अदालते खमोश तमाशई बन गयी, कोई भी petition file की जाती उसमें न्यायालय को समय ही नहीं था चाहे वो C.A.A. हो अनुच्छेद 370 हो धारा 35 A हो सभी मसलो पर तमाशई बना रहा इसके बाद अर्नब गोस्वामी के मामले मे suo motu से interest ले लिया क्योंकि मामला मे भाजपा का interest था अब आइये executive body ने भी एक अजीब रोल अदा कर रही है वो रोल यह है कि अगर मामला भाजपा से जुड़े लोगो या संस्था का है तो कार्यवाही तेज़ी से होगी और अगर आरोपी मुसलमान हुवा तो फ़िर ईट से ईट बजा दी जायेगी कभी भी भारतीय मुस्लिमो को agitation तो दूर बोलने पर भी प्रतिबंध है वो बोल नही सकता मिडीया मे उसके खिलाफ़ ज़हर उगला जाता है कोई कार्यवाही नही क्योंकि सरकार की मंशा पर काम हो रहा है अब बात आती हैं legislative की constitution of india कोई भी conservation देता हो minority को उसके खिलाफ़ कानून बनाया जाता है और जो संरक्षक है constitution of india के वो या तो खमोश तमाशाई बने है या सरकार से compromise करने के कारण और सेवानिव्रत के बाद पद की लोलुप्ता के लिए अपने ज़मीर को बेच दिया जैसा कि पिछली नज़ीर गोगोइ की बन चुकी है यह है हमारा लोक्तन्त्र भारतीय लोकतंत्र
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