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Showing posts from September, 2021

Ahmad Rizvi

हज़रत अबूज़र गफारी

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क़ुरान मजीद मे प्रत्येक खुश्क और तर चीज़ का उल्लेख (ज़िक्र) है । अर्थात क़ुरान मजीद मे हर चीज़ का उल्लेख है । इस पर अल्लाह सुभान व तआला के नबी मोहम्मद मुस्तफा सललल्लाहो अलैह व आले वसल्लम के साथियों के बारे मे जानकारी क़ुरान मजीद से करना चाहा है इस सम्बन्ध मे सूरे फतह की आयत संख्या 39 के कुछ अंश का उल्लेख करता हूँ मोहम्मद (सललल्लाहो अलैह व आले वसल्लम) अल्लाह के रसूल है और जो लोग उन के साथ है काफिरों पर बड़े सख्त और आपस मे बड़े रहम दिल है । इस आयत मे दिये गये अंशों के आधार पर आज सहाबी-ए-रसूल हज़रत अबूज़र गफारी और हज़रत उस्मान मे होने वाले मतभेद के विषय पर रोशनी डालना चाहेंगे और इस पसमंजर मे कुरान मजीद की उपरोक्त आयत को मद्देनज़र रखते हुवे दोनों सहाबीयों को समझने का प्रयास करते है और पाठक (पढ़ने वाले) खुद नतीजे पर पहुंचे – आइये गौर करते है :- 1. मोहम्मद मुस्तफा सललल्लाहो अलैह व आले वसल्लम अल्लाह के रसूल है । 2. जो लोग मोहम्मद मुस्तफा सललल्लाहो अलैह व आले वसल्लम के साथ है वो काफिरों पर बड़े सख्त है । 3. जो लोग मोहम्मद मुस्तफा सललल्लाहो अलैह व आले वसल्लम के साथ है वो आपस मे बड़े रहम दिल है । अबूज़र ग...

आओ कूटनीति भाषा समझे!

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दुनिया भर मे " रहस्य की भाषा" को भिन्न प्रकार से समझा जा सकता है इस रहस्य की भाषा दो व्यक्तियों के बीच या दो से अधिक व्यक्ति जिन्हे उसका ज्ञान दिया गया है,समझ सकते है पढ़ सकते है और जान सकते है।उदाहरण 1 को अ समझा 2 को ब समझा 12 लिखा मतलब अब हुआ। लेकिन राजनीति, ब्यूरोक्रेट,विदेश मंत्रालय और अन्य की भाषा को समझना कठिन और आसान दोनों है , बात स्पष्ट भी कही जाती है और नहीं भी कही जाती है यह पढ़ने वाला समझ सकता है और उसका आई. क्यू. (I.Q.) लेवल क्या है जैसा लिखा गया है वैसा ही पढ़ लिया और समझ लिया उसमे भी एक रहस्य की भाषा छुपी होती है। एक पक्ष के खिलाफ /विरुद्ध बोला जाता है और दूसरे पक्ष का समर्थन किया जाता है। आइये देखते है इन कूटनीति भाषा के रहस्य :- 1. जैसे परवेज़ मुशर्रफ ने यह बयान दिया कि उनकी ज़मीन का इस्तेमाल किसी देश के खिलाफ नहीं होगा, उसी समय उनकी धरती का इस्तेमाल अमेरिका और NATO कर रहे थे अफगानिस्तान मे मगर इसका संदेश भारत को देना था या आश्वस्त करना था कि उनकी ज़मीन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ नहीं होगा। 2. कुछ देशो के सम्बन्ध फिलिस्तीन और इस्राइल दोनों के साथ है मगर उ...

ग़ैब का इल्म

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वह भी कभी कभी बहस और मुुबाहिसा करतेे है जिन्हें ग़ैैैब के बारे में बिल्कुल भी जानकाारी नहीं है एक वकील साहब ने अल्लाह के नबी सल्लल्लाहो अलैह व आले वसल्लम के और अल्लाह के ग़ैब के बारे मे होने वाले मुबाहिसों का ज़िक्र (उल्लेख) किया जिसमे बहस का मौज़ू (विषय) यह था कि अल्लाह के ग़ैब के इल्म मे से नबी करीम सल्लल्लाहो अलैह व आले वसल्लम को कितना प्रतिशत ग़ैब का इल्म था यह percentage 10% , था 20% था या 30% था या उससे ज़्यादा था इस पर मेरे द्वारा सवाल किया गया यह बताओ पहले तो आप अल्लाह के ग़ैब का सम्पूर्ण इल्म हो फिर नबी करीम सल्लल्लाहो अलैह व आले वसल्लम के ग़ैब के इल्म के बारे मे जानकारी हो तब आप उसका percentage निकाल पाएंगे जो मुमकिन नहीं है। लिहाजा ऐसी बहसो को सिरे यानि शुरुवात से ही खत्म कर दिया करे। आइये देखते है नबी करीम सल्लल्लाहो अलैह व आले वसल्लम ने बनी नव आदम की औलाद को कितना ग़ैब का इल्म दिया रोम की फतह सुरे रोम का ज़िक्र (उल्लेख) कुरान मजीद मे किया गया है जिसमे फारसियों की हार और रोम की फतह का ज़िक्र (उल्लेख) किया है। हज़रत अम्मार बिन यासिर के कत्ल की बशारत नबी करीम सल्लल्लाहो अलैह...

हाए हुसैन हम न हुए!

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हाए हुसैन हम न हुए यह कभी कभी उन लोगों के द्वारा तनकीद की जाती है,हुसैन से मोहब्बत नहीं रखते जैैैसा रखने का हक़़ है। हाए हुसैन हम न हुए मोहब्बत का इजहार है, यह मोहब्बत इज़हार बता रहा है कि आले मोहम््मद हज़रत इमाम हसन से मोहब्बत का इज़हार है यही मोहब्बत का इज़हार हज़रत अली सेे मोहब्बत का इज़हार को रसूले खुदा सललल्लाहो अलैह व आलेे वसल्लम से मोहब्बत का इज़हार बता रहा है। अब जो यह ताना दूसरो को देते हैं उनकी मोहब्बत का इज़हार की शुरुआत होती है नया साल मुबारकबाद से उनकी मोहब्बत यज़ीद लानत उल्लाह अलैह से जुड़ी होती है मगर बदबख़्त, बदकिरदार, शराबी के कारनामा के कारण उनकी हिम्मत नहीं पड़ती थी लेकिन अब उसकी देफा/रक्षा करने वाले लोग भी सामने आ गयें हैं। इस बदकिरदार लानती के बाप ,दादा, मामू, और रिश्ते दारो के बारे में जानते है कि उन्होने इस्लाम मे क्या किरदार निभाना :- उमैय्या उमैय्या अबू सुफियान का दादा और मोहम्मद मुस्तफा सल लल्लाहो अलैह व आलेे वसल्लम का कट्ढटर दुुुुश्मन था बद्र की लड़ाई में कुफ्फार का नेतृत्व करता हुआ मारा गया। उत्बा: उत्बा जो बदतरीन म...

भईया भ्ईया

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महंगाई जिस तरह से बढ़ती चली जा रही हैं उस पर एक नौसिखिया गाडी चलाने वाले लोग किस तरह का व्यवहार करते हैं उसका वर्णन गाडी स्पीड में चलाते हुए लोगों को बचाने के लिए ब्रेक लगाने के स्थान पर एकसीलेटर को बढ़ाते हुए चिल्लाता है भ्ईया भ्ईया उसी प्रकार मंहगाई पर ब्रेक न लगाकर एकसीलेटर को बढ़ाते जाना नौसिखिया होने को ही साबित कर रहा है।