Ahmad Rizvi

मौला अली साबिक अम्बिया से अफज़ल है

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मौला अली साबिक अम्बिया से अफज़ल है । कुछ मुसलमान अपने इल्म की कमी के कारण या मौला अली से बुगज़ रखने के कारण उनके दिमाग मे सवाल पैदा होते है और सार्वजनिक (public) प्लेटफार्म पर ऐसे सवाल उठाते भी है । आज इन सवालातों के जवाब को तलाश करते है। मौला अली अंबियाओ से अफज़ल है तो इसकी कोई दलील है , जी हाँ, इसकी दलील है । सवाल : क्या नबी करीम मोहम्मद मुस्तफा सलल्लाहों अलैह व आले वसल्लम नबीयों, अमबीयाओ, रसूलों, मलायका (फरिश्तों) और जिन्नतों के मौला है ? जवाब : जी हाँ , नबी करीम मोहम्मद मुस्तफा सलल्लाहों अलैह व आले वसल्लम नबीयों, रसूलों, अम्बियाओ, मलाएका, और जिन्नतों से न केवल अफज़ल बल्कि मौला है जब अल्लाह सुभान व तआला ने आदम के पुतले मे जान डाली तो हुक्म दिया मलाइका और जिन्न को सजदा हज़रत आदम का करना । फखरे अम्बिया सबसे अफज़ल है । सवाल : क्या ईसाई यहूदी मुशरिक काफिर के भी आप मौला है ? जवाब : नहीं , जो नबी करीम मोहम्मद मुस्तफा सलल्लाहों अलैह व आले वसल्लम को मौला नहीं मानता है उसको अख्तियार है कि मौला न माने । सवाल : क्या हज़रत ईसा के भी मौला है नबी करीम मोहम्मद मुस्तफा सलल्लाहों अलैह व आले वसल्लम ? ज...

अमेरिका की क्रुरता

दुनियां का सबसे बड़ा विलेन ने खुद को सबसे बड़ा मानव संरक्षक होने का ढोंग रचने वाला स्वयंभू अमेरिका जिसने निहत्थे जापानी नागरिको का नरसंहार किया इसके बाद अमेरिका और उसके ईसाई साथी मुल्को के द्वारा क्रूर कार्य किया और यह क्रुर कार्य था 10 लाख से उपर जापानी बेगुनाह नागरिको के कत्ल को कम करके दिखाना, इस कत्ल को कम करके दिखाने का मकसद ईसाईयों के प्रति फैलने वाली नफरत को कम करना था और कुछ सालो बाद अमेरिका के रूप में ईसाईयों को दुनिया में मसीहा दिखाना था, अमेरिका और उसकी ज़ालिम सोच का समर्थन करने वाले लोगों पर शांतिपूर्ण नागरिको की ओर से शाप /लानत और बेगुनाह जापानी नागरिको को श्रद्धांजलि

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