Ahmad Rizvi

झूठा प्रचार

Image
दुनिया भर मे प्रचार और झूठा प्रचार होता रहता है । इस झूठे प्रचार के नकारात्मक (मनफी) प्रभाव से इंसान का बड़ा नुकसान होता रहा है । अक्सर आपने सुना होगा कि एक समुदाय (तबका) अपने नबीयों के बारे मे सच को न जानते हुए झूठा प्रचार करना शुरू कर देते है । इसी तरह हज़रत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैह व आले वसल्लम के खिलाफ जादूगर होने का प्रचार किया गया । आज के दौर की तरह उस समय संचार के माध्यम (means of communication) इतने तेज़ नहीं थे इसके बावजूद मौखिक (ज़बानी) प्रचार के द्वारा एक दूसरे तक बात फैलाते थे उस बात की सच्चाई को जाने बिना या तसदीक किए बिना सच मान लेते थे । अब अल्लाह सुभान व तआला के नबी मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैह व आले वसल्लम के जानशीन अमीर-उल –मोमीनीन के बारे मे जो प्रचार किया गया उसको देखे “ जब हज़रत अली इब्ने हज़रत अबू तालिब पर नमाज़ मे सजदे के दौरान सर पर ज़हर बूझी हुई तलवार से अब्दुर रहमान इब्ने मुलजिम के द्वारा हमला किया और उस ज़ख्म के दौरान हुई शहादत की खबर जब शाम आज का सीरिया मुल्क के लोगों (अवाम ) तक पहुंची तो लोग हैरान होकर पूछते थे कि

अमेरिका की कई मोर्चों पर हार !

अमेरिका जिसका दुनिया मे दबदबा था और जो काम अमेरिका करता था उसकी कानूनी मान्यता भी दिलाता था उसकी कानूनी मान्यता भी दिलाता था जैसे U.N.O. मे resolution /प्रस्ताव  पारित करा कर अंजाम देता था ,देता है और आगे भी देता रहेगा ताकि अमेरिका को जालिम ,क्रुर,अत्याचारी,आतातायी न कहा जा सके। अमेरिका और ईसाई गठबंधन ने 1991 मे खाड़ी जंग मे इराक को तबाह कर दिया और अमेरिका और ईसाई गठबंधन के हौसले बढ़ते ही चले गए आतंकवाद का जनक अमेरिका और उसके ईसाई गठबंधन जिसने सोवियत  रूस को हराने के लिए आतंक और दहशतगर्दी का सहारा  लिया था और सोवियत संघ  को रूसी फेडरेशन  बना दिया । अमेरिका और उसकी ईसाई गठबंधन  की इस विजय ने इनके हौसले को बहुत बढ़ा दिया और अमेरिका और ईसाई गठबंधन ने 2001 मे अफगानिस्तान पर कब्ज़ा कर लिया और उसके बाद अमेरिका और उसके ईसाई गठबंधन ने 2003 मे पुन: इराक पर हमला करके उसे कब्जा कर लिया और अमेरिका और उसके ईसाई गठबंधन के साथ सऊदी अरब के शासकों ने भी अहम भूमिका निभाई जो मुसलमान कुरान पाक की इस आयत का हवाला देते नहीं थकते थे कि जिसने एक बेगुनाह का कत्ल किया उसने सारी इंसानियत का कत्ल कर दिया " उस सऊदी अरब के शासकों ने इस्लाम को तिलांजलि देते हुए जातीय दुश्मनी मे अमेरिका और ईसाई गठबंधन द्वारा की गयी नाकाबंदी का समर्थन किया और सालों नाकाबंदी करके लाखों मुसलमानों का कत्ल कराने मे अमेरिका और ईसाई गठबंधन का समर्थन किया। 

                    यह  सब घटनाए घट रही थी कि अमेरिका और ईसाई गठबंधन ने आतंकवाद का सहारा लेते हुए ISIS जैसी खूंखार बर्बर और दरिंदा शिफ़ात संगठन को न केवल प्रशिक्षण दिया और हथियार दिया जिसमे अमेरिका और ईसाई गठबंधन के विचारों और ज़ुल्म से सहमत होने वाले तमाम देशों के दहशतगर्द  उसमे शामिल हुए  और आतंकवाद के जरिए सीरिया और इराक मे तख्तापलट के लिए लाखों इंसानी जानो का कत्ल किया गया कुछ समय तक वहाँ की सरकारे मुकाबला करती रही । इस ISIS को ईरान और रूस के लिए न केवल खतरे के लिए खड़ा किया गया था बल्कि ईरान पर कब्ज़ा करना भी था । 

अमेरिका और ईसाई गठबंधन की हार :  सीरिया और इराक मे अमेरिका और ईसाई गठबंधन की योजना को समझते हुए ईरान ने अपनी फौज को सीरिया और इराक मे उतार दिया  और ISIS को खत्म करना शरू किया रूस ने BLACK  SEA  मे अमेरिका और ईसाई गठबंधन की योजना को समझा  और रूस ने भीषण  हमले यूक्रेन  पर किया और अमेरिका और ईसाई गठबंधन निर्मित ISIS को दहशतगर्द घोषित कर चुका था अब अमेरिका और उसके ईसाई गठबंधन अपने निर्मित ISIS को मरता और तबाह होता देखकर न कुछ बोल सकता था और अमेरिका और ईसाई गठबंधन की फौज जो ISIS बन कर काम कर रही थी  उसकी slaughtering को देखने के अलावा कोई चारा नहीं था यहाँ पर अमेरिका और ईसाई गठबंधन ने इराक और सीरिया मे न केवल हार देखी बल्कि अपने जवानों को भी खोया वो भी रूस और ईरान जैसे अमेरिका के दुश्मनों द्वारा । 

यमन मे हार :  यमन मे अमेरिका और ईसाई गठबंधन के इशारों और समर्थन के बाद सऊदी अरब के शासकों ने 2015 मे हमला किया और यह उम्मीद थी कि हफ्ते दो हफ्ते मे यमनीयों को हरा देंगे मगर ब्रिटेन और अन्य ईसाई गठबंधनों के हथियार देने के बावजूद आज तक ईसाई गठबंधन और सऊदी अरब के शासकों को सफलता नहीं मिल सकी । यमन के द्वारा सऊदी अरब के शासकों और ईसाई गठबंधन की हार हुई । 

यूक्रेन मे ईसाई गठबंधन की हार : यूक्रेन   मे रूसी मूल के राष्ट्रपति को पद से हटाकर अमेरिका और ईसाई गतबंधन ने तख्तापलट कराया और यह सोचा कि रूस को BLACK  SEA मे घेरेंगे मगर रूस ने विद्रोही (वास्तव मे विद्रोही रूसी सैनिक थे ) खुलकर समर्थन मे आ गया और यूक्रेन के पूर्वी हिस्सों को न केवल कब्जा किया बल्कि क्रिमिया को कब्जा कर लिया । मार खाने वाली अमेरिका और ईसाई गठबंधन की फौज जो अफगानिस्तान मे लाशे उठाकर थक चुके थे रूस देश के आगे नतमस्तक होना ही उचित समझा । वर्तमान मे यूक्रेन के सम्पूर्ण समुद्र तट पर रूस का कब्जा है और यूक्रेन को रूस ने land lock देश बना दिया landlock देश उसे कहते है जिस देश की सीमा समुद्र का साहिल या तट न हो । यूक्रेन मे भी अमेरिका और उसके ईसाई गठबंधन को  हार का मुंह  देखना पड़ रहा है अभी जंग जारी है ।   

इस्राइल  मे हार : अमेरिका और ब्रिटेन के हथियारों और समर्थन के बल पर अरबों के नाक मे दम करने वाला इस्राइल  अब हमास के हाथों होने वाली ठुकाई से , इस्राइल का रौब जाता रहा । 

अफगानिस्तान मे हार : ISIS जैसी संघठन के खात्मे और लगातार मिल रही हार के बाद अमेरिका और उसके ईसाई गठबंधन ने अफगानिस्तान से जाना ही बेहतर समझा उसका बड़ा कारण यह था कि अमेरिका और उसकी ईसाई गठबंधन की फौज चारों तरफ से दुश्मनों से घिर चुकी थी और अमेरिका और उसके ईसाई गठबंधन को इसका एहसास हो चुका था ऐसा हुआ कि उसके जदीद फिज़ाई ताकत को लगातार जमींदोज किया जा रहा था इसमे रूस चीन पाकिस्तान ईरान और अन्य ताकते अमेरिका और उसके ईसाई गठबंधन की ठुकाई मे मदद कर रही थी । 

उत्तरी कोरिया : जिस अमेरिका और उसके ईसाई गठबंधन ने इराक को एटमी हथियारों के बहाने नष्ट कर दिया वहीं अमेरिका और उसके ईसाई गठबंधन अब उत्तरी कोरिया के परमाणु बम  पर कुछ कर नहीं सका सिवाय वार्ता के इससे दुनिया के देशों  को एहसास हो गया कि  परमाणु बम होने पर अमेरिका किसी को नष्ट नहीं कर सकता बल्कि न होने पर नष्ट कर सकता है । 

                मुस्लिम दुनिया मे यह भी चर्चा है कि अमेरिका और उसके सहयोगी ईसाई गठबंधन केवल मुस्लिम देशों को निशाना बना रहे है जबकि उत्तरी कोरिया एक ईसाई देश है इसलिए उसके खिलाफ वैसी कार्यवाही नहीं की गयी जैसी इराक और अफगानिस्तान के साथ की गयी बल्कि यह भी आरोप है कि अमेरिका और उसके ईसाई गठबंधन नूराकुश्ती करते है और ईसाई देशों को परमाणु बम बनाने मे मदद कर रहे है  मुस्लिमों का यह भी आरोप है कि इंटरनेशनल  organisation  ईसाई गठबंधन का कार्य कर रहे है अपने समर्थन मे मुसलमान international atomic energy agency पर आरोप लगाते है कि यह संस्था इस्राइल के परमाणु बम पर खामोश है और इस संस्था पर यह भी आरोप लगता है कि यह इस्राइल के लिए जासूसी भी करती है 

इससे पता चलता है कि अमेरिका और उसके ईसाई गठबंधन अफगानिस्तान सीरिया इराक यमन यूक्रेन मे  हार चुके है बल्कि अमेरिका और ईसाई गठबंधन दुनिया मे लगातार शिकस्त हो रही है अनेकों मोर्चों पर अमेरिका और उसके ईसाई गठबंधन हार चुके है और अन्य अनेक मोर्चों पर हारने वाला है । 


Comments

Popular posts from this blog

इस्राइल का विनाश 7 : बाइबल

मुआविया बाग़ी

समान नागरिक संहिता / UNIFORM CIVIL CODE