Ahmad Rizvi

झूठा प्रचार

Image
दुनिया भर मे प्रचार और झूठा प्रचार होता रहता है । इस झूठे प्रचार के नकारात्मक (मनफी) प्रभाव से इंसान का बड़ा नुकसान होता रहा है । अक्सर आपने सुना होगा कि एक समुदाय (तबका) अपने नबीयों के बारे मे सच को न जानते हुए झूठा प्रचार करना शुरू कर देते है । इसी तरह हज़रत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैह व आले वसल्लम के खिलाफ जादूगर होने का प्रचार किया गया । आज के दौर की तरह उस समय संचार के माध्यम (means of communication) इतने तेज़ नहीं थे इसके बावजूद मौखिक (ज़बानी) प्रचार के द्वारा एक दूसरे तक बात फैलाते थे उस बात की सच्चाई को जाने बिना या तसदीक किए बिना सच मान लेते थे । अब अल्लाह सुभान व तआला के नबी मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैह व आले वसल्लम के जानशीन अमीर-उल –मोमीनीन के बारे मे जो प्रचार किया गया उसको देखे “ जब हज़रत अली इब्ने हज़रत अबू तालिब पर नमाज़ मे सजदे के दौरान सर पर ज़हर बूझी हुई तलवार से अब्दुर रहमान इब्ने मुलजिम के द्वारा हमला किया और उस ज़ख्म के दौरान हुई शहादत की खबर जब शाम आज का सीरिया मुल्क के लोगों (अवाम ) तक पहुंची तो लोग हैरान होकर पूछते थे कि

खतना

 खतना की शुरुवात( आरम्भ) कहाँ से हुआ , क्या खतना कराना सिर्फ मुसलमानो मे है या और मज़हब मानने वालो मे है क्या नस्ल हज़रत इब्राहीम ही खतना कराती है ऐसे ही कुछ सवाल मुसलमानो और गैर मुस्लिम लोगो के ज़ेहन मे आता है कुछ हिन्दू भी ऐसा समझते है कि खतना केवल मुसलमानो मे होता है आइये देखते है आसमानी किताब तौरेत के अध्याय उत्पत्ति (GENESIS) 17:9 से 14 " फिर परमेश्वर ने इब्राहीम से कहा , तू भी मेरे साथ बांधी हुई वाचा  का पालन करना; तू और तेरे पश्चात तेरा वंश भी अपनी अपनी  पीढ़ी मे उसका पालन करे । मेरे साथ बांधी हुई वाचा , जो तुझे और तेरे पश्चात  तेरे  वंश को  पालनी पड़ेगी , सो यह है ,कि तुम मे से एक एक पुरुष का खतना हो । तुम अपनी अपनी खलड़ी का खतना करा लेना ; जो वाचा मेरे और तुम्हारे बीच मे है ,उसका यही चिन्ह होगा । पीढ़ी पीढ़ी मे केवल तेरे वंश  ही के लोग  नही पर जो तेरे घर मे उत्पन्न हो,वा परदेशियों को रूपा देकर मोल लिए जाएँ, ऐसे सब पुरुष भी जब आठ दिन के हो जाएँ , तब उनका खतना किया जाये । जो तेरे घर मे उत्पन्न हो , अथवा तेरे रुपे  से मोल लिया जाये , उसका खतना अवश्य ही किया जाये ; सो मेरी वाचा जिसका चिन्ह तुम्हारी देह मे होगा वह युग युग रहेगी । जो पुरुष खतना रहित  रहे , अर्थात  जिसकी खलड़ी का खतना  न हो , वह प्राणी अपने लोगो  मे से नाश  किया जाये , क्योंकि उस ने  मेरे साथ बांधी हुई वाचा को तोड़ दिया।।

इस प्रकार सबसे पहले खतना सय्यदना हज़रत इब्राहीम  सलवातुल्लाह व सलामुन अलैहीम अजमईन का खतना हुआ था जो यहूदी/ इसराईल, ईसाई, और मुसलमान तीनों के बाबा यानी दादा है।

यहूदी/ jews/ इसराईल के यहाँ खतना होता है 

ईसाई के यहाँ भी खतना था मगर उन्होने अपनी खलड़ी को कटवाने से बचाने के लिए  एक दर्शन / मंतख  पैदा किया और उन्होने मन का खतना करना शुरू किया जिससे उनकी खलड़ी की खाल कटने से बच गई। अफ्रीका के कुछ ईसाई चर्चों  मे भी खतना किया जाता है  जिसमे कुछ ओरिएंटल आर्थोडॉक्स चर्च भी  खतना  को अंजाम देने  मे शामिल है।


इस्लाम धर्म के मानने वाले  मुसलमान सभी खतना कराते है और उसका पालन भी करते है।

यहूदी और मुसलमान दोनों खतना का पालन करते है। 

Comments

Popular posts from this blog

इस्राइल का विनाश 7 : बाइबल

मुआविया बाग़ी

समान नागरिक संहिता / UNIFORM CIVIL CODE