
अल्लाह को किसने पैदा किया ऐसा सवाल कभी कभी गैर मुस्लिमो के द्वारा मुसलिमो से किया जाता है इस सम्बन्ध में अल्लाह रब्बुल इज्ज़त का इरशाद है " जब कुछ नहीं था तब मै था " न ज़मीन न आसमान, न फरिश्ते, न जिन्न, न आदम, न दिन, न रात किसी भी चीज का वजूद (अस्तित्व) न था।
तौरेत (Old Testament) में प्रधम अध्याय उत्पत्ति (Genesis) में विस्तार से दिया गया है।
क़ुरान मजीद में अल्लाह रब्बुल इज्ज़त इरशाद फरमाता है कि " कह दिजिए वह अल्लाह अहद (अकेला) है, अल्लाह समद ((निसपृह/बेनयाज़) है, उसके कोई औलाद नहीं ओर न वह किसी की औलाद है और न कोई उसका कफ व हमसर (बराबर) है।
सूरा इखलास 112
कह दिजिए काफिरो से नहीं हूं अब्द (बन्दा) जो तुम्हारा आराध्य (माबूद) है और न तुम आराधना (इबादत) करते हो जिसकी आराधना (इबादत) करता हूं और न उसकी आराधना (इबादत) करने का जिसकी आराधना (इबादत) तुम करते आये। और न तुम उसकी इबादत करने के जिसकी इबादत मै करता हूं। तुम्हें तुम्हारा दीन(धरम) और मुझे मेरा दीन।
सूरा काफिरून 109
अल्लाह, नहीं है कोई आराध्य (इलाहा) सिवाय अल्लाह के, वह हय्युल कय्युम (जिन्दा व काएम) है उसे न निन्द आती हैं और न ऊंघ।
सूरा बक्र आयत 255
सारी तारिफ(प्रसंशा) अल्लाह की जो तमाम संसार का रब (पालनहार) है रहमान व रहीम है दीन के दिन का मालिक हैं।
अल्लाह को यहूदी ,ईसाई मुस्लिम सभी मानते व इबादत करते हैं। तीनों मज़हब /धरमो का खुदा, महोला, अल्लाह एक ही है। सिक्ख धर्म भी इसकी पवित्र ग्रन्थ गुरू ग्रन्थ में भी कहा गया "अव्वल अल्लाह नूर उपाया, कुदरत दे सब बन्दे"
उपरोक्त तथ्यों से एक बात सपष्ट है कि अल्लाह ने सबको खल्क (पैदा) किया उसको किसी ने खल्क नहीं किया दुनिया के सबसे पुराने धर्म से लेकर अब तक अल्लाह की वहदानियत (एकरुपता) की पुष्टि की है।
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