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Showing posts from August, 2024

Ahmad Rizvi

हज़रत अबूज़र गफारी

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क़ुरान मजीद मे प्रत्येक खुश्क और तर चीज़ का उल्लेख (ज़िक्र) है । अर्थात क़ुरान मजीद मे हर चीज़ का उल्लेख है । इस पर अल्लाह सुभान व तआला के नबी मोहम्मद मुस्तफा सललल्लाहो अलैह व आले वसल्लम के साथियों के बारे मे जानकारी क़ुरान मजीद से करना चाहा है इस सम्बन्ध मे सूरे फतह की आयत संख्या 39 के कुछ अंश का उल्लेख करता हूँ मोहम्मद (सललल्लाहो अलैह व आले वसल्लम) अल्लाह के रसूल है और जो लोग उन के साथ है काफिरों पर बड़े सख्त और आपस मे बड़े रहम दिल है । इस आयत मे दिये गये अंशों के आधार पर आज सहाबी-ए-रसूल हज़रत अबूज़र गफारी और हज़रत उस्मान मे होने वाले मतभेद के विषय पर रोशनी डालना चाहेंगे और इस पसमंजर मे कुरान मजीद की उपरोक्त आयत को मद्देनज़र रखते हुवे दोनों सहाबीयों को समझने का प्रयास करते है और पाठक (पढ़ने वाले) खुद नतीजे पर पहुंचे – आइये गौर करते है :- 1. मोहम्मद मुस्तफा सललल्लाहो अलैह व आले वसल्लम अल्लाह के रसूल है । 2. जो लोग मोहम्मद मुस्तफा सललल्लाहो अलैह व आले वसल्लम के साथ है वो काफिरों पर बड़े सख्त है । 3. जो लोग मोहम्मद मुस्तफा सललल्लाहो अलैह व आले वसल्लम के साथ है वो आपस मे बड़े रहम दिल है । अबूज़र ग...

विस्तारवाद

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विस्तारवाद का युग समाप्त हो गया क्या हकीकत मे विस्तारवाद का युग समाप्त हो गया इसके लिए आपको अन्तराष्ट्रीय घटनाओ पर नज़र डालनी पड़ेगी 2001 मे जिस समय अफगानिस्तान पर अमेरिका ने अपने कुख्यात गिरोह के द्वारा हमला किया और 2001 से लेकर 2021 तक अफगानिस्तान पर क़ब्ज़ा जमाए रखा इसके बाद अमेरिका ने अपने कुख्यात गिरोह के साथ इराक पर हमला किया और उसको क़ब्ज़ा किया 2008 मे रूस ने जारजिया के प्रांत आबखाजीया पर हमला करके उसपर क़ब्ज़ा किया गया लगातार अमेरिका अपने आतंकवादी साथियों के साथ भी हमला करता रहा है जैसे लीबिया मे आतंकी के साथ मिलकर अमेरिका ने लीबिया पर क़ब्ज़ा किया सीरिया और इराक और उसके स्रोतों पर कब्जा करने के लिए अमेरिका और उसके कुख्यात गिरोह के द्वारा आई.एस. आई. एस. को खड़ा किया ट्रैनिंग दी और कुख्यात आतंकीयों की फौज को इराक और सीरिया मे आतंक मचाने और क़ब्ज़ा करने मे मदद दी यूक्रेन मे चुनी हुई सरकार को अमेरिका और उसके कुख्यात गिरोह ने तख्तापलट करा दिया और 2014 मे रूस ने क्रिमिया को अपने कब्ज़े मे ले लिया 2020 मे आर्मेनिया और अज़रबेजान मे युद्ध हुआ और आर्मेनिया नोगोंरनों कराबाख हार गया वर्तमान मे 2022 से ...

विदअत

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विदअत क्या है इस्लाम मे विदअत ऐसे कार्य को करना है जो हुक्म अल्लाह ज़ुलजलाल वल इकराम व रसूल उल्लाह मोहम्मद मुस्तफा अहमद मुजतबा सललल्लाहों अलैह व आले वसल्लम ने न किया हो । अज्ञानी मौलवी ने “रोने को विदअत “ कहना शुरू कर दिया वो इसलिए कि आले मोहम्मद सललल्लाहों अलैह व आले वसल्लम इमाम हुसैन और उनके कराबतदारों, मेहमानों, और दोस्तों को कर्बला मोअल्ला मे शहीद कर दिया गया । आले मोहम्मद सललल्लाहों अलैह व आले वसल्लम से मोअददत करने वाले लोग अपनी मोअददत मे उन पर होंने वाले ज़ुल्म पर रोते है । मुआविया और यज़ीद लानत उल्लाह अलैह से लगाव रखने वाले और उनसे मोहब्बत करने वाले, हुसैनियों से नफरत करते है और रोने को विदअत कहते है । “रोने को विदअत “ कहने वाले उस वक्त खामोश हो गये जब हज़रत आदम के रोने का ज़िक्र आया, जब हज़रत याकूब के रोने का ज़िक्र आया, और अल्लाह ज़ुलजलाल वल इकराम के नबी मोहम्मद मुस्तफा अहमद मुजतबा सललल्लाहों अलैह व आले वसल्लम के रोने का ज़िक्र आया वह भी तब जब हज़रत हमज़ा की शहादत हुई और कर्बला मे अपने नवासे इमाम हुसैन की होने वाली शहादत का पहले से बता देना और गिरया (रोना) करना साबित कर रहा था कि रोना ...

उलूल इल्म

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उलूल इल्म शहीदउल्लाहु अन्नहु ला इलाहा इल्ला हुआ व मलायकतु व उलूल इल्म क़ायमन बिल किस्त ला इलाहा इल्ला हुवल अज़ीज़ुल हक़ीम (सूरे आले इमरान आयत नं.18) “ अल्लाह खुद गवाह है कि नहीं है कोई इलाहा (पूज्य) सिवाय उसके व मलाएका (फ़रिश्ते) व एक के बाद एक कायम होने वाले उलूल इल्म (साहिबाने इल्म) गवाही देते है नहीं है कोई इलाहा सिवाय उस अज़ीज़ुल हक़ीम के “ अब चर्चा का विषय (मौज़ू) उलूल इल्म है । इल्म (ज्ञान) नबीयों की मीरास (legacy) है। सूरे कहफ (आयत नं. 60 से 82) और याद करो जबकि मूसा ने अपने युवक सेवक से कहा : जब तक कि मै दो दरियाओ के संगम पर न पहुँच जाऊं हटने का नहीं, अन्यथा मै एक लम्बे समय तक चलता रहूँगा । तो जब वे संगम पर पहुंचे दोनों (दरियाओ) के बीच, तो वे अपनी मछली भूल गये, और उस (मछली) ने दरिया मे की तरह अपना रास्ता बना लिया । फिर जब वे आगे चले, तो (मूसा ने) अपने युवक सेवक से कहा : हमारे लिए खाना लाओ इस सफर से हमको बहुत तकलीफ हो गई है । उसने कहा : भला आप ने देखा कि जब हमने पत्थर के पास आराम क्या था तो मै मछली वहीं भूल गया और मुझे आप से उसका ज़िक्र करना शैतान ने भूला दिया और उस ने अजब तरह से दरिय...