Ahmad Rizvi

हज़रत अबूज़र गफारी

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क़ुरान मजीद मे प्रत्येक खुश्क और तर चीज़ का उल्लेख (ज़िक्र) है । अर्थात क़ुरान मजीद मे हर चीज़ का उल्लेख है । इस पर अल्लाह सुभान व तआला के नबी मोहम्मद मुस्तफा सललल्लाहो अलैह व आले वसल्लम के साथियों के बारे मे जानकारी क़ुरान मजीद से करना चाहा है इस सम्बन्ध मे सूरे फतह की आयत संख्या 39 के कुछ अंश का उल्लेख करता हूँ मोहम्मद (सललल्लाहो अलैह व आले वसल्लम) अल्लाह के रसूल है और जो लोग उन के साथ है काफिरों पर बड़े सख्त और आपस मे बड़े रहम दिल है । इस आयत मे दिये गये अंशों के आधार पर आज सहाबी-ए-रसूल हज़रत अबूज़र गफारी और हज़रत उस्मान मे होने वाले मतभेद के विषय पर रोशनी डालना चाहेंगे और इस पसमंजर मे कुरान मजीद की उपरोक्त आयत को मद्देनज़र रखते हुवे दोनों सहाबीयों को समझने का प्रयास करते है और पाठक (पढ़ने वाले) खुद नतीजे पर पहुंचे – आइये गौर करते है :- 1. मोहम्मद मुस्तफा सललल्लाहो अलैह व आले वसल्लम अल्लाह के रसूल है । 2. जो लोग मोहम्मद मुस्तफा सललल्लाहो अलैह व आले वसल्लम के साथ है वो काफिरों पर बड़े सख्त है । 3. जो लोग मोहम्मद मुस्तफा सललल्लाहो अलैह व आले वसल्लम के साथ है वो आपस मे बड़े रहम दिल है । अबूज़र ग...

ईरान मे प्रदर्शन

भाई साहब ईरान मे होने वाले प्रदर्शन का क्या हश्र होगा जहाँ तक मेरी राय है वही हश्र होगा जैसा फ़िलहाल आई एस आई एस के साथ ईरान ने किया और अगर ये हश्र समझ मे न आये तो आयतुल्लाह खुमैनी ने जो हश्र रज़ा शाह पहलवी और उसके अमले का किया था वही होगा और अगर ये भी समझ मे न आये तो अमेरिका के ग्लोबल हाक़ जैसे drone को ईरान के द्वारा मार गिराने के बाद भी अमेरिका ने कुछ नही किया और क़ासिम सुलेमानी के क़त्लेआम के बाद ईरान ने इराक़ मे अमेरिकी अड्डे पर हमले के बाद भी ईरान पर कोई जवाबी कार्यवाही नही की क्यों कि अमेरिका को पता है कि ये बिक्ने वाले लोग नही है अमेरिकीयो का क़त्ल करने को तैयार हैं ये अफ़्गानिस्तान इराक़ और पाकिस्तान नही है ईरान मे आक्रमण करने के बाद जो लाशे ले जाओगे वो अलग हमेशा की खूनी दुश्मनी सदियों तक रहेगी, अब जो अमेरिका के धोखे मे आ गए उन मे 14000 लोगो को सज़ा ए मौत की तलवार लटक रही हैं

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