Ahmad Rizvi
इमामत कुरान मे
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इस्लाम ँमे इमाम के बारे ँमे जो बताया गया ःहै उसमे सबसे पहले इमामत को अल्लाह ने ःहज़रत इब्राहीम सलातो वस्सलाम को अता की थी और यह इमामत को ज़िबहे अज़ीम की कुर्बानी के अंजाम देने के बाद दी गई थी । इस इमामत के बाद हज़रत इब्राहीम सलातो वस्सलाम ने अपनी जुर्रियत मे इसको अता करने के लिए दुआ की। लेकिन कुरान मजीद मे सपष्ट तरीके से आया कि " ज़ालिमो मे नही होगा " यानी यह इमामत ज़ालिमो मे नही होगी।
तौरेत मे इमाम का ज़िक्र किया गया है जिसमे साफ अल्फ़ाज़ मे आया है कि अल्लाह ने इरशाद फरमाया कि मै इसमाईल की नस्ल से 12 इमाम पैदा करूंगा। जिसका अनुवाद मे प्रधान का लफ़्ज़ आया है या जो अनुवादित किया गया है और उसी तौरेत मे हज़रत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैह व आले वसल्लम को परम प्रधान कहा गया है।
तौरेत के अध्याय उत्पत्ति के 17:20 और इश्माईल के विषय ँमे भी मै ने तेरी सुनी हैं :मै उसको भी आशीष दूँगा,और उसे फुलाऊं फलाऊंगा और अत्यन्त ही बढा़ दूँगा : उस से बारह प्रधान उत्पन्न होंगे, और मै उस से एक बड़ी जाति बनाऊंगा।
हज़रत इब्राहीम सलातो वस्सलाम ने "मिन जुर्रियती " मेरी जुर्रियत मे होगा और अल्लाह रब्बुल इज्ज़त ने इर्शाद फरमाया सुरे बकरा आयत नं.124 व ईज़ा अबतला इब्राहीमा रब्बहू बेकलेमातिन फअत्तम्मा हुन्ना काला इन्नी जाएलुका लिन्नासे इमामन काला व मिन जुर्रियती , काला ला यनालु अहदीज़्जाल्मीन"
और उस वक़्त को याद करो जब रब ने चंद कलमात के ज़रिये हज़रत इब्राहीम सलातो वस्सलाम का इम्तेहान लिया और उन्होने पूरा कर दिया तो उस ने कहा कि हम तुम को लोगो का इमाम और कायद बना रहे है उन्होने अर्ज किया कि मेरी जुर्रियत ? इर्शाद हुआ कि यह अहद इमामत ज़ालमीन तक नही जाएगा।
सवाल यह पैदा होता है कि अगर इमामत हज़रत इब्राहीम सलातो वस्सलाम की जुर्रियत मे जाना है तो किस तरफ जायेगी हज़रत इस्माईल और हज़रत इसहाक ।
लेकिन यहाँ पर " ला यनालु अहदीज्जालमीन " यह मनसब ज़ालमीन तक नही जायेगी।
यहाँ पर मंसब इमामत ज़ालमीन तक नही जायेगी इसका मतलब मज़लूम को जायेगी और हमने यह भी जाना है कि जनाबे शारा (जो हज़रत इब्राहीम सलातो वस्सलाम की ज़ौजा है) ने हज़रत हाज़रा को और उनके फ़रज़ंद हज़रत इस्माईल को मकके मे छुड्वा दिया था जिससे यह पता चलता है कि हज़रत इस्माईल मज़लूम थे और यह मनसब उनकी नस्ल मे आएगी।
" इसकी दलील भी तौरेत मे है कि इस्माईल की नस्ल से 12 इमाम (प्रधान) पैदा करूंगा । दोनों मुक़द्दस किताबों के हवाले से इमामत हज़रत इस्माईल की नस्ल मे है। तौरेत और कुरान मजीद दोनों से साबित है।"
हो सकता है कि ज़ालमीन पर लोगो का एतराज़ आ जाए इस पर हज़रत यूनुस अलैहिस्सलाम की दुआ " ला इलाहा इल्ला अंता सुबहानका इन्नी कुनतो मिनज़ ज़ालमीन " नही है कोई इलाहा सिवाय अल्लाह के तू पाक है मै ज़ालमीन मे से हूँ " यहाँ पर हज़रत यूनुस ने कोई ज़ाहिरी अपराध नही किया था नाऊज़बिल्लाह सिर्फ अज़ाब के टल जाने के कारण उस मुकाम को छोडकर जा रहे थे मछली के द्वारा निगल लिया गया और दुआ मे वो अपने को जालमीन मे से हूँ कहा गया।
" हज़रत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैह व आले वसल्लम और 12 इमाम भी नस्ले हज़रत इसमाईल से आ रहे है ।दूसरी बात सभी इमामो पर ज़ुल्म भी किया गया है कुरान पाक एमई जो इर्शाद रब्बानी कि ज़ालिमो मे से नही होगा तो हम देखते है कि हज़रत अली अलैहिस्सलाम से लेकर आखरूज़ ज़मान हज़रत इमाम मेहंदी अलैहिस्सलाम तक ज़ुल्म हुआ है ।
हज़रत इमाम मेहंदी अलैहिस्सलाम के बारे मे हुज़ूर मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैह व आले वसल्लम की हदीसो मे ज़िक्र से भरा है और हसनैन सलामुल्लाह अलैह व उनके बाबा हज़रत अली मुर्तजा की फ़ज़ीलत अल्लाह के नबी हुज़ूर मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैह व आले वसल्लम ने अर्ज़ की है इससे बड़ी फ़ज़ीलत की कोई इबादत कुबूल ही नही जब तक मोहम्मद व आले मोहम्मद पर दुरूद न भेजो।
अल्लाहुम्मा सल्ले आला मोहम्मदीन निन नबीयुल उम्मी व अला आले वसल्लम तसलीमा"
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