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Showing posts from June, 2024

Ahmad Rizvi

राजनिति और धोखा

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राजनिति को समझने और उसमे बेवकूफ़ लोगो को किस तरह धोखा दिया जाता है और कम समझ लोगो की भावनाओ /जज़बातो के साथ खेला जाता है 5 अगस्त 2019 को जब जम्मु और कश्मीर से सविन्धान के अनुच्छेद 370 को खत्म किया उस समय आपको याद होगा कि उन्होंने 9 जनवरी 2019 को विरोध में भारतीय नौकरशाही से अपना इस्तीफा दे दिया, जिसमें अन्य बातों के अलावा कश्मीर में "निरंतर हत्याओं" का हवाला दिया गया था, जिसे कथित तौर पर केंद्र सरकार द्वारा "कभी स्वीकार नहीं किया गया" और बाद में उन्होंने इसे वापस भी ले लिया।जीवन की शुरुआत की। इसके तुरंत बाद, 16 मार्च 2019 को, उन्होंने अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी, जम्मू और कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (JKPM) की घोषणा की। उन्होंने 10 अगस्त 2020 को राजनीति छोड़ दी और JKPM छोड़ दी। अप्रैल 2022 में मोदी सरकार ने उन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवा में बहाल कर दिया। अगस्त 2022 में उन्हें केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय में उप सचिव के पद पर तैनात किया गया। अब इसमे गौर करने वाली बात यह है कि चुनाव आयोग ने रजनितिग पार्टी को गठन करने दिया उसे महिनो संचालित करने दिया वो भी IAS होते हुवे क्योंकि

उलूल अम्र

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उलूल अम्र सूरे निसा आयत नम्बर 59 “इमानवालों अल्लाह की एताअत करो रसूल और साहिबाने अम्र की एताअत करो जो तुम ही मे से है फिर अगर आपस मे किसी बात मे इखतेलाफ़ हो जाए तो उसे अल्लाह और रसूल की तरफ पलटा दो अगर तुम अल्लाह और रोज़े आखरत पर ईमान रखने वाले हो – यही तुम्हारे हक़ मे खैर और अंजाम के एतबार से बेहतरीन बात है” 1. इमानवालों से मतालबा है कि एताअत करे अल्लाह सुभान व तआला और रसूल उल्लाह सल्लल्लाहो अलैह व आले वसल्लम की और साहिबाने अम्र की । 2. अगर आपस मे किसी बात पर इखतेलाफ़ हो जाए तो हमे इखतेलाफ़ को दूर करने के लिए अल्लाह और रसूल की तरफ पलटना है यहाँ इखतेलाफ़ अगर उलूल अम्र मे है तो हमे अल्लाह और उसके रसूल की ओर देखना है हिदायत हमे अल्लाह और रसूल सल्लल्लाहों अलैह व आले वसल्लम से लेना है । अल्लाह सुभान व तआला व रसूलउल्लाह सल्लल्लाहो अलैह व आले वसल्लम की एताअत मे कोई इखतेलाफ़ नहीं है । मगर उलेमा के द्वारा उलूल अम्र को समझने मे विरोधाभाष रहा है । सबसे पहले हम लोग अम्र को समझे अम्र क्या है जब अम्र समझ मे आ जाएगा तो साहबे अम्र या उलूल अम्र भी समझ पाएंगे । यहूदियों ने अल्लाह