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Showing posts from February, 2024

Ahmad Rizvi

दीन -ए-हनीफ़

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दीन–ए–हनीफ़ दीन-ए- हनीफ़ के बारे मे कुरान मजीद मे ज़िक्र किया गया है अल्लाह रब्बुल इज्ज़त ने यहूदी और ईसाई मज़हब के आने के बाद उसका ज़िक्र क्यों नहीं किया जबकि यहूदी के यहोवा और ईसाईयों के गॉड एक अल्लाह का ही ज़िक्र करते है मुसलमानों यहूदीयों और ईसाईयों तीनों का यहोवा अल्लाह गॉड एक ही है और हज़रत इब्राहीम के ही वंशज है तीनों फिर भी अल्लाह कुरान मजीद मे दीन हनीफ़ का ज़िक्र किया गया है मोहम्मद मुस्तफा सलल्लाहों अलैह व आले वसल्लम के पूर्वज या (जद अमजद) भी दीन ए हनीफ़ पर कायम थे। आज चर्चा का विषय या मौजू दीन ए हनीफ़ है । हनीफ़ एक अल्लाह की इबादत करने वाले को कहते है और मूर्ति पूजा और अल्लाह का शरीक से दूर रहना है, हज़रत इब्राहीम ने अल्लाह की इबादत की और मूर्ति पूजा के खिलाफ संघर्ष किया, इसलिए उन्हे हनीफ़ कहा जाता है । दीन-ए –हनीफ़ उन लोगों का दीन है जो अल्लाह की इबादत करते है । अल्लाह की इबादत तो यहूदी भी करते है और अल्लाह की इबादत ईसाई भी करते है लेकिन यहूदी हज़रत उजैर को अल्लाह का बेटा कहते है और ईसाई हज़रत ईसा को अल्लाह का बेटा कहते है इस शिर्क को अल्लाह ने नकारा है और इरशाद फरमाता सूरे इखलास ...

अगर ईरान न होता !

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थोडी देर के लिए सोचिये अगर इस्लामी जमुहरिया ईरान और उसकी वर्तमान की हुक़ुमत न होती तो क्या होता आइये देखते है पडोस का मुल्क पाकिस्तान अमेरिका का puppet बना हुवा है और अमेरिकी मंशा के खिलाफ कुछ भी आतंकी इस्राइल के खिलाफ नही कर सकता दूसरा देश अफ़्गानिस्तान जो खुद अमेरिका और नाटो का शिकार हुवा है और अफ़्गानिस्तान मे अमीरात बनाने मे उसी तरह मदद की जैसे अरब अमीरात सऊदी अमीरात jordan अमीरात को बनाने मे रोल अदा किया अब यह खादिमैन हरिमैन शरिफ़ैन जिसने इनको बनाया वो britain है अब britain के द्वारा बसाया और बनाया गया आतंकी देश इस्राइल अब यह उसके खिलाफ़ कैसे हो सकते थे वो जंग लड़ते है जहां अमेरिका ब्रिटेन फ़्रान्स और nato जंग लड़ते है अब यह अफ़्गानिस्तान मे इराक़ मे यमन मे सिरिया मे लड़ते है क्यों? यह इस्लाम के खिलाफ़ रहने वाले हर मुल्क के साथ है सिर्फ़ क़ुरान पाक अल्लाह और रसूलुल्लाह के साथ रहने वालो के खिलाफ, ये क़ुरान मजीद के जलाने वाले के साथ है, के रसूलुल्लाह के cartoon बनाने वालो के साथ है LGBTQ के पक्ष मे कानून बनाने वालो के साथ है ईरान के खिलाफ जंग करने वालो के साथ है यह सब अधिकार BRITAIN ने उन्हे र...

दुनिया की मदद मे मदद

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7 अकटूबर 2023 को फ़िलिस्तीन ने इस्राएल पर हमला कर दिया इसके साथ ही लाल सागर मे यमन के हूसी ने इस्राएल को support करने वाले जहाज़ो पर हमला करना शुरू कर दिया जिसके समर्थन मे अमेरिका और उसके सहयोगी इस्राइल की मदद करने के लिये आगे आ गये अमेरिका ने हूसी के खिलाफ एक गठबंधन बनाया जिसका नाम prosperity guardian रखा गया भारत ने उस गठबंधन मे शामिल होने से इंकार किया लेकिन इसी दौरान भारत के रक्षा मंत्री की united kingdom का दौरा हुवा और इस्के साथ 12 युध्दपोत अरब सागर मे यह कहकर भेजा कि वो समुद्री डाकूओ से लड़ने के लिए भेज रहे समय बीत रहा है भारत ने जिस तरह अमेरिका के गठबंधन मे शामिल न होकर भी उसके लिए नाके बन्दी करने मे अमेरिका की मदद की उसके गठबंधन और अपने मित्र इस्राइल की मदद की जब यह खबर भारत के मित्र देश रुस और ईरान को मिली तो उन देशो ने अपने मित्र भारत को अकेले समुद्री डाकू से निपटने मे कोई कठिनाई न हो इसके लिए रुस ने अपने मित्र ईरान और चीन के साथ मिलकर भारत की navy की मदद करने के लिए 19 मार्च 2024 से तीनो देशों ने अर्थात् रुस चीन और ईरान ने war exercises करने का फ़ैसला किया है

सऊदी अरब का इस्लामिक गठबंधन

सऊदी अरब ने 40 देशो के साथ मिलकर एक इस्लामिक गठबन्धन बनाया था क्या हुवा उसका क्या इस तरह का गठबन्धन ईरान को बरबाद करने के लिये बनाया गया था या किसी और मुस्लिम मुमालिक को बरबाद करने के लिए बनाया गया था जैसे सिरिया यमन लिबिया आदि या सिर्फ़ और सिर्फ़ मुसलमानो को बरबाद करने के लिए बनाया गया अगर यह मुसलमानों के लिये होता तो पंजा आज़माई आतंकी इस्राइल के साथ कुछ कर रहे होते अमेरिका ब्रिटेन के साथ लड़ रहे होते इससे पता चलता है कि सऊदी शासक का अधिकतर कार्य सिर्फ़ और सिर्फ़ शैतानी ताक़तो को खुश करने के लिए है इस्लाम का सऊदी शासको का कोई तालुक दूर दूर तक नही है वस सलाम