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Showing posts from December, 2021

Ahmad Rizvi

हज़रत अबूज़र गफारी

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क़ुरान मजीद मे प्रत्येक खुश्क और तर चीज़ का उल्लेख (ज़िक्र) है । अर्थात क़ुरान मजीद मे हर चीज़ का उल्लेख है । इस पर अल्लाह सुभान व तआला के नबी मोहम्मद मुस्तफा सललल्लाहो अलैह व आले वसल्लम के साथियों के बारे मे जानकारी क़ुरान मजीद से करना चाहा है इस सम्बन्ध मे सूरे फतह की आयत संख्या 39 के कुछ अंश का उल्लेख करता हूँ मोहम्मद (सललल्लाहो अलैह व आले वसल्लम) अल्लाह के रसूल है और जो लोग उन के साथ है काफिरों पर बड़े सख्त और आपस मे बड़े रहम दिल है । इस आयत मे दिये गये अंशों के आधार पर आज सहाबी-ए-रसूल हज़रत अबूज़र गफारी और हज़रत उस्मान मे होने वाले मतभेद के विषय पर रोशनी डालना चाहेंगे और इस पसमंजर मे कुरान मजीद की उपरोक्त आयत को मद्देनज़र रखते हुवे दोनों सहाबीयों को समझने का प्रयास करते है और पाठक (पढ़ने वाले) खुद नतीजे पर पहुंचे – आइये गौर करते है :- 1. मोहम्मद मुस्तफा सललल्लाहो अलैह व आले वसल्लम अल्लाह के रसूल है । 2. जो लोग मोहम्मद मुस्तफा सललल्लाहो अलैह व आले वसल्लम के साथ है वो काफिरों पर बड़े सख्त है । 3. जो लोग मोहम्मद मुस्तफा सललल्लाहो अलैह व आले वसल्लम के साथ है वो आपस मे बड़े रहम दिल है । अबूज़र ग...

तानाशाही तेरी जय हो!

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तानाशाही को ही हिन्दी मे अधिनायक कहते है, दुनिया भर मे जहाँ कहीं भी तानाशाही है उसका विरोध करते हैं चाहे hitler हो मुसालोनी हो stalin हो ,जब किसी office मे किसी अधिकारी के विरुद्ध या किसी सत्तारूढ़ party के खिलाफ़ आंदोलन किया जाता हैं तो एक नारा /slogan को ज़ोर ज़ोर से चिल्लाता है " तानाशाही नहीं चलेगी, नहीं चलेगी इन्क़लाब ज़िन्दाबाद " अब आइये हम लोग तानाशाह की कैसे जय कारा करते तानाशाह और तानाशाही का गुण गान करते है जन गण मन गण अधिनायक जय है जिस समय ये गीत लिखा गया उस समय british अधिनायक की प्रशंसा मे लिखा गया था अब भी हम अधिनायक की जय कर रहे हैं अधिनायक जया है /i>

मोमिन

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1-वास्तविक मोमिन की एक अलामत यह है कि जब भी महान ईश्वर का ज़िक्र होता है तो वह खुद अपने पालनहार को याद करने लगता है और अंदर से उसका दिल कांप उठता है। 2- सच्चे मोमिन की एक अलामत यह है कि जब कुरआन की आयतों की तिलावत उस पर की जाती हैं तो उसके ईमान में वृद्धि हो जाती है। 3- वास्तविक मोमिन अपने पालनहार पर भरोसा करता है न कि दूसरों पर या ज़ाहिरी चीज़ों व असबाब पर। 4- सच्चा मोमिन नमाज़ को ख़ुज़ू व खुशू के साथ यानी पूरी निष्ठा से पढ़ता है। 5- वास्तविक मोमिन उस चीज़ में से खर्च करता है जो महान ईश्वर ने उसे दिया है न कि हराम माल में से। 6- सच्चा मोमिन अमानदार होता है। यानी अमानत में किसी प्रकार की ख़यानत नहीं करता है और अमानत की सही तरह से देखभाल करता है और जिसकी अमानत होती है उसे वापस करता है। इमाम ज़ैनुल आबेदीन अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैं कि अगर शिम्र मेरे पास वही तलवार अमानत के तौर रखे जिस तलवार से उसने मेरे बाबा को शहीद किया था तो मैं उसे वापस करूंगा। 7- मोमिन की एक अलामत यह है कि वह अकेले और तनहाई में भी महान ईश्वर से डरता है क्योंकि वह इस बात पर पक्का विश्वास रखता है कि उसका पालनहार उस...

अली शाहे -ए-हैदर इमामन कबीरा

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अली शाहे -ए-हैदर इमामन कबीरा, कि बाद अज़ नबी शुद बशीरन नज़ीरा ज़मीनो आसमां अर्श कुर्सी बा हुक्मश अली दां आला कुल्ले -शैइयन क़दीरा अली इब्ने अम्मे मुहम्मद रसूल अस्त चूं मूसा अखी गुफ्त हारून वज़ीरा अली शाहे -ए-हैदर इमामन कबीरा, कि बाद अज़ नबी शुद बशीरन नज़ीरा अली औलिया रा दलील अस्त बर हक़ अली अम्बिया रा वलीयन नसीरा अली शाहे -ए-हैदर इमामन कबीरा, कि बाद अज़ नबी शुद बशीरन नज़ीरा जितऊ हस्त रौशन महो मेहरो कोकब तुई दरदो आलम सिराजम मुनीरा अली शाहे -ए-हैदर इमामन कबीरा, कि बाद अज़ नबी शुद बशीरन नज़ीरा बा जंगे उहद चूं नबी मानिन्द तन्हा खुदश फरिस्तादा नादे अली रा जितऊ नेस्त पोशीदा अहवाल -ए -'जामी ' कि हस्ती बा माना समीयम बसीरा ........नूरुद्दीन अब्दर रहमान 'जामी ' (1414 -1492)