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Showing posts from December, 2021

Ahmad Rizvi

जन्नतुल बक़ी

रसूल उल्लाह सल्लालाहों अलैह व आले वसल्लम ने जब ग़दीर में हज़रत अली को मौला का ऐलान किया कि जिसका मौला मैं उसके मौला अली इस ऐलान के बाद नबी करीम को ज़हर दे दिया गया उसके बाद यजीदीयों ने हज़रत अली को मस्जिद में सजदे के दौरान क़त्ल कर दिया यजीदीयों ने हज़रत अली के बेटे इमाम हसन को ज़हर दिलवाकर क़त्ल करा दिया आगे हज़रत अली के बेटे इमाम हुसैन और उनके समस्त परिवार, दोस्त समेत सबको क़त्ल करा दिया 1932 में एक बार फ़िर मुआविया और यजीद की औलाद को अरब की सत्ता ब्रिटिशों के रहमो करम से मिल गई जो सबसे पहला काम मुआविया और यजीद की औलादो और उनके चाहने वालो ने मोहम्मद मुस्तफा सल्लालाहों अलैह व आले मोहम्मद से दुश्मनी को अंजाम देते हुए अल्लाह के नबी की बेटी के मकबरा को ध्वस्त कर दिया सवाल उठता है कि 632 से बना हुआ 1932 तक कायम रहा अब तक वहां इस्लाम नहीं था ऐसा यजीदीयों का मानना है अब यजीदी अल्लाह के नबी के रोजे को तोड़ने की साज़िश भी यजीदी रचते आ रहे है रसूल उल्लाह सल्लालाहों अलैह व आले वसल्लम ने जब ग़दीर में हज़रत अली को मौला का ऐलान किया कि जिसका मौला मैं उसके मौला अली इस ऐलान के बाद नबी करीम को ज़हर दे दि...

तानाशाही तेरी जय हो!

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तानाशाही को ही हिन्दी मे अधिनायक कहते है, दुनिया भर मे जहाँ कहीं भी तानाशाही है उसका विरोध करते हैं चाहे hitler हो मुसालोनी हो stalin हो ,जब किसी office मे किसी अधिकारी के विरुद्ध या किसी सत्तारूढ़ party के खिलाफ़ आंदोलन किया जाता हैं तो एक नारा /slogan को ज़ोर ज़ोर से चिल्लाता है " तानाशाही नहीं चलेगी, नहीं चलेगी इन्क़लाब ज़िन्दाबाद " अब आइये हम लोग तानाशाह की कैसे जय कारा करते तानाशाह और तानाशाही का गुण गान करते है जन गण मन गण अधिनायक जय है जिस समय ये गीत लिखा गया उस समय british अधिनायक की प्रशंसा मे लिखा गया था अब भी हम अधिनायक की जय कर रहे हैं अधिनायक जया है /i>

मोमिन

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1-वास्तविक मोमिन की एक अलामत यह है कि जब भी महान ईश्वर का ज़िक्र होता है तो वह खुद अपने पालनहार को याद करने लगता है और अंदर से उसका दिल कांप उठता है। 2- सच्चे मोमिन की एक अलामत यह है कि जब कुरआन की आयतों की तिलावत उस पर की जाती हैं तो उसके ईमान में वृद्धि हो जाती है। 3- वास्तविक मोमिन अपने पालनहार पर भरोसा करता है न कि दूसरों पर या ज़ाहिरी चीज़ों व असबाब पर। 4- सच्चा मोमिन नमाज़ को ख़ुज़ू व खुशू के साथ यानी पूरी निष्ठा से पढ़ता है। 5- वास्तविक मोमिन उस चीज़ में से खर्च करता है जो महान ईश्वर ने उसे दिया है न कि हराम माल में से। 6- सच्चा मोमिन अमानदार होता है। यानी अमानत में किसी प्रकार की ख़यानत नहीं करता है और अमानत की सही तरह से देखभाल करता है और जिसकी अमानत होती है उसे वापस करता है। इमाम ज़ैनुल आबेदीन अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैं कि अगर शिम्र मेरे पास वही तलवार अमानत के तौर रखे जिस तलवार से उसने मेरे बाबा को शहीद किया था तो मैं उसे वापस करूंगा। 7- मोमिन की एक अलामत यह है कि वह अकेले और तनहाई में भी महान ईश्वर से डरता है क्योंकि वह इस बात पर पक्का विश्वास रखता है कि उसका पालनहार उस...

अली शाहे -ए-हैदर इमामन कबीरा

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अली शाहे -ए-हैदर इमामन कबीरा, कि बाद अज़ नबी शुद बशीरन नज़ीरा ज़मीनो आसमां अर्श कुर्सी बा हुक्मश अली दां आला कुल्ले -शैइयन क़दीरा अली इब्ने अम्मे मुहम्मद रसूल अस्त चूं मूसा अखी गुफ्त हारून वज़ीरा अली शाहे -ए-हैदर इमामन कबीरा, कि बाद अज़ नबी शुद बशीरन नज़ीरा अली औलिया रा दलील अस्त बर हक़ अली अम्बिया रा वलीयन नसीरा अली शाहे -ए-हैदर इमामन कबीरा, कि बाद अज़ नबी शुद बशीरन नज़ीरा जितऊ हस्त रौशन महो मेहरो कोकब तुई दरदो आलम सिराजम मुनीरा अली शाहे -ए-हैदर इमामन कबीरा, कि बाद अज़ नबी शुद बशीरन नज़ीरा बा जंगे उहद चूं नबी मानिन्द तन्हा खुदश फरिस्तादा नादे अली रा जितऊ नेस्त पोशीदा अहवाल -ए -'जामी ' कि हस्ती बा माना समीयम बसीरा ........नूरुद्दीन अब्दर रहमान 'जामी ' (1414 -1492)